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जंगवीर सिंह 'राकेश'
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जंगवीर सिंह 'राकेश'
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जन्म | 17 जून 1995 |
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उपनाम | वीर |
जन्म स्थान | रुस्तमपुर वाजिद, बिजनौर, उत्तर प्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
'अस्ल मुहब्बत' | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
जंगवीर सिंंह 'राकेश' / परिचय | |
कविता कोश पता | |
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विषय सूची
ग़ज़लें
- हम भुला दें तुम्हें तो क्या होगा / जंगवीर सिंह 'राकेश'
- ये कमरा काटने को दौड़ता है / जंगवीर सिंह 'राकेश'
- आख़िरी दुःख है ज़िन्दगी का दुःख / जंगवीर सिंह 'राकेश'
- हद से बाहर निकल भी सकती है / जंगवीर सिंह 'राकेश'
- मेरे भी पांव में रस्ते बहोत हैं / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- हमने ज़ुल्फ़ें घनी सँवारीं हैं / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- अपनी ज़िल्लत मेरे सर दे मारी भी / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- वक़्त अपनी तरह से चलता है / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- बुझे चराग़ को कोई हवा नही देता / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ज़िन्दगी इक सफ़र में गुज़री है / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- अभी तो चाक पर रक्खे गए हम / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- अश्क आँखों में भर गए होंगे / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ग़ज़लों में तन्हाई रक्खी जाती है / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- हो के यूँ पत्थर जो हम उनके हवाले जाएँगे / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- अश्क फरियाद हुए जाते हैं. / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- सौदा-ए-ग़म नहीं किया हमने / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ज़ियादा कुछ न मिल पाया तो खुद को ही, / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ठहरा पानी हिलाता है कोई / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- दिल की मस्ती में रंग आता है / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- तुम्हारी आँख से छलका है आँसू / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- आँसू, ग़म, तन्हाई बाँटो / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- और हम से, सहा नही जाता / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- पूरी कायनात का बदन निचोड़ आया हूँ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- जब सहीह भी सहीह नहीं रहता / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- इस तरह कुछ कर दिखाना चाहती थी / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
नज़्मेें
- मुझे बनाने थे कुछ गुलाब / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- मैं इमरोज़ बना / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- सच्चा प्यार / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- मैं इमरोज़ हूँ. इमरोज़ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- बिछड़न / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- लड़कियाँ भी अजीब होती हैं / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- वक़्त के साँचें में ढलना है तुझे / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- चल के मेरे पास ही तब आओगी तुम / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
कविताएं
- '. . . जीत जाओगे एक दिन !!' / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- '. . . . .कोई खो गया है' / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ‘भूख’ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- 'उच्चारण' / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- 'एक क्षण में . . . .' / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- पापा, वह आप ही हैं / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- माँ मुस्कुरा के, जान जाती / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ‘पापा, मुझे कवि बनना है' / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- औक़ात / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- आज आख़िरी दिन है. / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- मैं अकेला / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- 'बेदाग़ आँचल' / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ‘अस्ल मुहब्बत : भाग 1’ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ‘अस्ल मुहब्बत : भाग 2’ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ‘अस्ल मुहब्बत : भाग 5’ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ‘अस्ल मुहब्बत : भाग 8’ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ‘अस्ल मुहब्बत : भाग 10’ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ‘अस्ल मुहब्बत : भाग 15’ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ‘अस्ल मुहब्बत : भाग 21’ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'
- ‘अस्ल मुहब्बत : भाग 40’ / जंगवीर सिंंह 'राकेश'