प्रदीप शुक्ल
© कॉपीराइट: प्रदीप शुक्ल। कविता कोश के पास संकलन की अनुमति है। इन रचनाओं का प्रयोग प्रदीप शुक्ल की अनुमति के बिना कहीं नहीं किया जा सकता।

| जन्म | 29 जून 1967 | 
|---|---|
| जन्म स्थान | भौकापुर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश | 
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
| अम्मा रहतीं गाँव में, गुल्लू का गाँव | |
| विविध | |
| जीवन परिचय | |
| प्रदीप शुक्ल / परिचय | |
हिन्दी रचना संग्रह
- अम्मा रहतीं गाँव में / प्रदीप शुक्ल (नवगीत)
 - गुल्लू का गाँव / प्रदीप शुक्ल (बाल गीत)
 
हिन्दी कविताएँ
- अम्मा रहतीं गाँव में (कविता) / प्रदीप शुक्ल
 - ओ वासंती पवन / प्रदीप शुक्ल
 - रामदीन / प्रदीप शुक्ल
 - दीवाली में अम्मा की याद / प्रदीप शुक्ल
 - रविवार / प्रदीप शुक्ल
 - फैलता उजाला हो / प्रदीप शुक्ल
 - सुनो राम जी! कब आओगे ? / प्रदीप शुक्ल
 - द कूल आइडिया / प्रदीप शुक्ल
 - पुरखे / प्रदीप शुक्ल
 - गुल्लू की राखी / प्रदीप शुक्ल
 - बादल उतरे ताल पर / प्रदीप शुक्ल
 - पीलू तितली / प्रदीप शुक्ल
 - पापा का चश्मा / प्रदीप शुक्ल
 - प्रार्थना / प्रदीप शुक्ल
 - रिमझिम मेघा बरसे / प्रदीप शुक्ल
 - निक्कर पहने जुलाई / प्रदीप शुक्ल
 - उठो लाल अब आँखें खोलो / प्रदीप शुक्ल
 - खड़ी हुई है धूप लजाई / प्रदीप शुक्ल
 - नए साल में नया कलेंडर / प्रदीप शुक्ल
 - जी गए पूरा बरस / प्रदीप शुक्ल
 - गुल्लू का कम्प्यूटर / प्रदीप शुक्ल
 - आओ खाएँ चाट / प्रदीप शुक्ल
 - चकई की चकदुम / प्रदीप शुक्ल
 - गुल्लू और आँधी-पानी / प्रदीप शुक्ल
 - जामुन / प्रदीप शुक्ल
 - अवसादों के पार / प्रदीप शुक्ल
 - कितना अच्छा होता / प्रदीप शुक्ल
 - दुपहर का गीत / प्रदीप शुक्ल
 - चाँद का गीत / प्रदीपशुक्ल
 - जल्दी में हैं मेढक बाबू / प्रदीपशुक्ल
 - पूरा युग बीत गया / प्रदीपशुक्ल
 - सोने की घण्टी / प्रदीपशुक्ल
 - नहीं आएगा झाँसे में भारत / प्रदीपशुक्ल
 - अमीबा / प्रदीपशुक्ल
 - नहीं जाओ / प्रदीपशुक्ल
 - घुर्रम-घुर्रम-घर्र / प्रदीप शुक्ल
 - अच्छा होता / प्रदीपशुक्ल
 
अवधी कविताएँ
- उठि जाव लालु / प्रदीप शुक्ल
 - कर्जा लईकै दारू ब्यान्चौ / प्रदीप शुक्ल
 - हम देहाती मनई / प्रदीप शुक्ल
 - मिस्टर लाल / प्रदीप शुक्ल
 - सेल्फी का यहु रोगु / प्रदीप शुक्ल
 - ओलम्पिक मा हम / प्रदीप शुक्ल
 - फिरि मंदिर हुएं बनईबे हम / प्रदीप शुक्ल
 - जब हमका राह म देसु मिला / प्रदीप शुक्ल
 - घर घर यहै कहानी / प्रदीप शुक्ल
 - देसप्रेमु का पाठु फ़लाने / प्रदीप शुक्ल
 - रामराजु का तुमतो काका कहे रहौ / प्रदीप शुक्ल
 - रामकली / प्रदीप शुक्ल
 - तौ यहु आल्हा सुनौ हमार / प्रदीप शुक्ल
 - ओ गान्ही जी ओ गान्ही जी / प्रदीप शुक्ल
 - आल्हा: गाँधी की सालगिरह पर / प्रदीप शुक्ल
 - आओ चलें अवध के गाँव / प्रदीप शुक्ल
 - लागति अबकी सूखा परिगा / प्रदीप शुक्ल
 - ई चुनाव के झंझट मा / प्रदीप शुक्ल
 - अउर केतने दिनन तुम्हरे हाँथ मा ख्याला करी / प्रदीप शुक्ल
 - तुम वोट दिह्यो! अब घरै जाव!! / प्रदीप शुक्ल
 - भइया हम तो खेतिहर किसान / प्रदीप शुक्ल