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ग़ज़ल कहनी पड़ेगी झुग्गियों पर / 'सज्जन' धर्मेन्द्र से जुड़े हुए पृष्ठ
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नीचे दिये हुए पृष्ठ ग़ज़ल कहनी पड़ेगी झुग्गियों पर / 'सज्जन' धर्मेन्द्र से जुडते हैं:
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- ग़ज़ल कहनी पड़ेगी झुग्गियों पर कारख़ानों पर / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- मिल नगर से न फिर वो नदी रह गई / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- दे दी अपनी जान किसी ने धान उगाने में / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- छाँव से सटकर खड़ी है धूप ‘सज्जन’ / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- जिस घड़ी बाज़ू मेरे चप्पू नज़र आने लगे / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- पानी का सारा गुस्सा जब पी जाता है बाँध / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- है मरना डूब के, मेरा मुकद्दर, भूल जाता हूँ / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- सूरज हुआ है पस्त ये मौसम तो देखिए / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- ढहे मस्जिद कहीं, सच्चा पुजारी टूट जाता है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- दिल है तारा, रहे जहाँ, चमके / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- मेरे प्रेम दिये को भाता तेरा अँगना था / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- वो भी साबुत बचा नहीं होता / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- चिड़िया की जाँ लेने में इक दाना लगता है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- जिन्हें हम देवता समझते हैं / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- ख़ुद को ख़ुद ही झुठलाओ मत / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- जहाँ जाओ जुनून मिलता है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- आँखें बंद पड़ीं गीजर की फिर भी दहता है पानी / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- काश यादों को करीने से लगा पाता मैं / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- चंदा तारे बन रातों में नभ को जाती हैं / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- गरीबों के लहू से जो महल अपने बनाता है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- कहे कौन उठ दोपहर हो गई / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- 'सज्जन' धर्मेन्द्र / परिचय (← कड़ियाँ)
- मिलजुल के जब कतार में चलती हैं चींटियाँ / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- निजी पाप की मैं स्वयं को सजा दूँ / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- उड़कर नभ तक रेत जली / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- बिन तुम्हारे होश में रहना सज़ा है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- न ऐसे देख बेचारा नहीं हूँ / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- छोटे छोटे घर जब हमसे लेता है बाजार / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- सत्ता की गर हो चाह तो दंगा कराइये / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- दिल हो गया है जबसे टूटा हुआ खिलौना / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- धर्म की है ये दुकाँ आग लगा देते हैं / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- कुछ तो अपने लिये बचाया कर / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- जुड़ो जमीं से कहते थे जो वो ख़ुद नभ के दास हो गए / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- मेरे संग-दिल में रहा चाहती है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- न इतनी आँच दे लौ को के दीपक ही पिघल जाएँ / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- निरक्षरता अगर इस देश की काफ़ूर हो जाए / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- रह गया ठूँठ, कहाँ अब वो शज़र बाकी है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- न दोष कुछ तेरी कटार का है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- तर्क जब से जवाँ हो गए / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- मेरा माथा उबलती धूप छू के लौट जाती है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- दिल के सारे राज़ खोने जा रहा हूँ / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- जग ने कैसा मुझको बना दिया / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- पी खारा मीठा बरसाना सब के बस की बात नहीं / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- दूर देश से आई रानी ऐसे शासन कर पाई / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- सभी नदियों को पीने का यही अंजाम होता है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- बरगदों से जियादा घना कौन है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- भिनभिनाने से तेरे कौन सँभल जाता है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- जब हवा रहनुमा हो गई / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)
- सन्नाटे के भूत मेरे घर आने लगते हैं / 'सज्जन' धर्मेन्द्र (← कड़ियाँ)