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मोॻो / अर्जुन हासिद
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मोॻो
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रचनाकार | अर्जुन हासिद |
---|---|
प्रकाशक | सिन्धी अकादमी, दिल्ली |
वर्ष | 1998 |
भाषा | सिन्धी |
विषय | |
विधा | ग़ज़ल |
पृष्ठ | 86 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- सही ग़लत ते न सोचीं त चङो! / अर्जुन हासिद
- कोई तूफ़ान थो आकार घुरे! / अर्जुन हासिद
- धर ततीअ जेा किथे किथे भटकूं! / अर्जुन हासिद
- मां हवाउनि खे जे ॾिसंदो आहियां! / अर्जुन हासिद
- हर हर थे आरसीअ में लीओ पाए मूं ॾिठो! / अर्जुन हासिद
- माठि वेही से ॿुधायूं ॻाल्हियूं! / अर्जुन हासिद
- सुञाणि मूंखे मां सपनो आहियां! / अर्जुन हासिद
- चंचल रूप, अचंचल भाव! / अर्जुन हासिद
- हॿकी हॿकी न कंहिंजो नालो खणु! / अर्जुन हासिद
- मुफ़्त जी देग उभामे पेई! / अर्जुन हासिद
- जीअणु ऐं जी सघणु, हिन दौर में का मस्ख़री नाहे, / अर्जुन हासिद
- नाउं पंहिंजो ॻिन्हणु सिखी वठंदुसि! / अर्जुन हासिद
- ज़िक्र कंहिं ॻाल्हि जो इएं निकतो! / अर्जुन हासिद
- को मूं वांगुर हो चेल्हि चिॿो, को तो वांगुर! / अर्जुन हासिद
- तुहिंजे सपननि जे कंहिं त मोड़ वटां! / अर्जुन हासिद
- साहु सुॾिकनि में, साह में सुॾिको! / अर्जुन हासिद
- सोचियुमि थे तुंहिंजो नांउ लिखी थो ॾिसां किथे! / अर्जुन हासिद
- लॻाउ मन जो नफ़रतुनि सां हो! / अर्जुन हासिद
- तूं जे चाहीं, पुछण वरी अचिजंइ! / अर्जुन हासिद
- कंहिं खे चवंदें, केरु मञींदो! / अर्जुन हासिद
- तुंहिंजो आवाज़ छुहण जे ख़ातिर! / अर्जुन हासिद
- कुझ न हूंदो, त कुझ बि थी पवंदो! / अर्जुन हासिद
- झिंझिणु नओं नओं थो हथनि में खंयो हलीं! / अर्जुन हासिद
- इअं ॾिसणु, ॾिसंदो रहणु धारियनि खे! / अर्जुन हासिद
- निगाहुनि में कएं पाछा ॾिठासीं! / अर्जुन हासिद
- घुघ्घ ऊंदहि मां नेण घूरिनि था! / अर्जुन हासिद
- सॼो ई शहर परेशान, अॼु बि कल्ह वांगुर! / अर्जुन हासिद
- गोली लॻंदी आ किन शहीदनि खे, / अर्जुन हासिद
- अकेलो पंहिंजे अॻियां वेठो होसि, / अर्जुन हासिद
- तुंहिंजे नेणनि जा अक्स मुरझाया! / अर्जुन हासिद
- ग़ल्ती करे बि, मुरिकी ॾियण सां थो ॾढु मिले! / अर्जुन हासिद
- रात खे रात किअं चई सघन्दें! / अर्जुन हासिद
- कर कसर का करणु सिखीं जे हा! / अर्जुन हासिद
- ॻाल्हि दिल जी चवणु सिखीं जे हा! / अर्जुन हासिद
- अचण जी ॻाल्हि त सोचे न सघियुसि! / अर्जुन हासिद
- कंहिंजी सुरहाणि चखींदो आहियां! / अर्जुन हासिद
- घुंजु मुंहं में अखियुनि में हमदर्दी! / अर्जुन हासिद
- दज़ उॾाईं थो, उॾाए थकिबें! / अर्जुन हासिद
- थी थी वञे जा ॻाल्हि, थियणु ॾे कॾहिं कॾहिं! / अर्जुन हासिद
- कंहिं खे अखिड़ियुनि सां ॿुधो हूंदोसीं! / अर्जुन हासिद
- चवां थो गुम थियणु सिखी वठंदुसि! / अर्जुन हासिद
- टहक ते टहकु तो ॾिनो थे किअं! / अर्जुन हासिद
- पाण खे हर हर दुहराईं थो, / अर्जुन हासिद
- कखनि पननि खे सहेड़े त वठूं! / अर्जुन हासिद
- फोटो छपीं त मां बि वॾो थी पवां हुजूर! / अर्जुन हासिद
- लुॾण खां पुछ खे तूं रोके सघीं जे! / अर्जुन हासिद
- कंहिं खां नालो पुछणु, सही त न हो! / अर्जुन हासिद
- छुहाउ रूह जो भुणिके थो इएं! / अर्जुन हासिद
- तूफान खे बहाने सां रोके सघियो न को! / अर्जुन हासिद
- तोसां गॾिजी हलणु किथे ईंदो! / अर्जुन हासिद
- चवे थी दिल त इंक़लाब अचे! / अर्जुन हासिद
- खाइणो आ, त ॻाइणो पवंदो! / अर्जुन हासिद
- नज़ाकतूं ऐं रखियमि केॾियूं रुग्बतूं दिल में! / अर्जुन हासिद
- पाण खां परभरो रिढ़ी वेठुसि! / अर्जुन हासिद
- लॻंदी आहे ॻाल्हि अजाई! / अर्जुन हासिद
- वरी कंहिं खे को ॾोरापो ॾिजे हा! / अर्जुन हासिद
- खॼे थो साहु त वारी वारी! / अर्जुन हासिद
- लॼ अचे थी जॾहिं बि सोचां थो! / अर्जुन हासिद
- ॾिसी बुधी बि अली थो वञां, चरियो कोन्हां! / अर्जुन हासिद
- ज़िंदगी पन्धु थकल राहुनि जो! / अर्जुन हासिद
- अखियुनि सां पी जे सघां ख़ामोशी! / अर्जुन हासिद
- वक्त जी रफ़्तार, आईनो ॾसे! / अर्जुन हासिद
- सोच, जिअं सिजु उभिरंदो आहे! / अर्जुन हासिद
- पंखड़ियूं, गुल, गुलाब जो ॿूटो! / अर्जुन हासिद
- इएं केॾो न हू सुहिणो लॻो थे! / अर्जुन हासिद
- घुंजु मुंहं में विझी, को नकु मोड़े! / अर्जुन हासिद
- त्याॻु वैराॻु जूं तमन्नाऊं / अर्जुन हासिद
- पांद पथारे भीख घुरां थो! / अर्जुन हासिद
- सांत में ॻोल्हि ॻोल्हि ॻोल्हि अञां! / अर्जुन हासिद
- माठि खे माठि लॻी वेई आ! / अर्जुन हासिद
- चुपचाप ज़िंदगीअ जूं के गुज़रनि घड़ियूं ॿ-टे! / अर्जुन हासिद
- शहर मुंहिंजो सुञो-सुञो केॾो! / अर्जुन हासिद
- चवण जो ॾांउ त आहे लेकिन! / अर्जुन हासिद
- तूं कहिं लइ कंहिं लइ सोचींदें, ऐं सोचण मां भी छा वरंदो! / अर्जुन हासिद
- किथे अकेले में वेठो हूंदो! / अर्जुन हासिद
- रंग सुरहाणि खे आकार ॾिनुइ! / अर्जुन हासिद
- जॾंहिं जॾहिं बि अकेलो थो हुजां! / अर्जुन हासिद
- आवाज़नि जा चेहरा ऐं गीतनि जा सपना! / अर्जुन हासिद
- पुछां थो मां त ही थिए छा थो! / अर्जुन हासिद
- ॾिसां थो जेको सो मोॻो थो लॻे! / अर्जुन हासिद