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देखें (पिछले 50 | अगले 50) (20 | 50 | 100 | 250 | 500)- मधुशाला / भाग ३ / हरिवंशराय बच्चन (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - मधुशाला / भाग ४ / हरिवंशराय बच्चन (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - मधुशाला / भाग ५ / हरिवंशराय बच्चन (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - मधुशाला / भाग ६ / हरिवंशराय बच्चन (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - मधुशाला / भाग ७ / हरिवंशराय बच्चन (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - एक रुबाई / आसी ग़ाज़ीपुरी (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - चंद रुबाइयात / असग़र गोण्डवी (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - चंद रुबाइयात / अली अख़्तर ‘अख़्तर’ (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - वो आयेंगे चादर तो बिछा दूँ कोरी / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - आहट मेरे कदमों की जो सुन पाई है / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - दुनिया की उन्हें लाज न गैरत है सखी / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - मन था भी तो लगता था पराया है सखी / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - नाराज़ अगर हो तो बिगड़ लो मुझ पर / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - वो शाम को घर लौट के आएँगे तो फिर / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - चाल और भी दिल-नशीन हो जाती है / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - तू देश के महके हुए आँचल में पली / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - सीने पे पड़ा हुआ ये दोहरा आँचल / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - कपड़ों को समेटे हुए उट्ठी है मगर / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - कहती है इतना न करो तुम इसरार / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - हर सुबह को गुंचे में बदल जाती है / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - गाती हुई हाथों में ये सिंगर की मशीन / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - नज़रों से मेरी खुद को बचाले कैसे / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - हर एक घड़ी शाक़ गुज़रती होगी / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - इक बार गले से उनके लगकर रो ले / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - पानी कभी दे रही है फुलवारी में / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - तेरे लिये बेताब हैं अरमाँ कैसे / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - आँगन में खिले गुलाब पर जा बैठी / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - अब तक वही बचने की सिमटने की अदा / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - दरवाजे की खोलने उठी है ज़ंजीर / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - क्यों हाथ जला, लाख छुपाए गोरी / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - चुप रह के हर इक घर की परेशानी को / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - जज़्बों की गिरह खोल रही हो जैसे / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - हर रस्मो-रिवायत को कुचल सकती हूँ / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - रहता है अजब हाल मेरा उनके साथ / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - वो ज़िद पे उतर आते हैं अक्सर औक़ात / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - इक रूप नया आप में पाती हूँ सखी / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - जब तुम नहीं होते तो जवानी मेरी / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - अच्छी है कभी-कभी की दूरी भी सखी / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - बाहर वो जहाँ भी काम करते होंगे / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - वो बढ़के जो बाँहों में उठा लेते हैं / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - मैं वो ही करूँ जो वो कहें वो चाहें / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - वो दूर सफ़र पे जब भी जाएँगे सखी / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - जब जाते हो कुछ भूल के आ जाते हो / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - आती है झिझक सी उनके आगे जाते / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - खुद हिल के वो क्या मजाल पानी पी लें / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - देखेंगे और जी में कुढ़ के रह जाएँगे / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - इक पल को निगाहों से तो ओझल हो जाऊँ / जाँ निसार अख़्तर (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - फसल जे रात-दिन के काटेला / केदारनाथ मिश्र 'प्रभात' (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - मन के बछरू छटक गइल कइसे / दिनेश 'भ्रमर' (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 - रुबाई / शमशेर बहादुर सिंह (मिलाईयें)  (← कड़ियाँ)
 
	
	