भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"वितान / शहंशाह आलम" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 6 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 13: | पंक्ति 13: | ||
|शैली=-- | |शैली=-- | ||
|पृष्ठ= | |पृष्ठ= | ||
− | |ISBN= | + | |ISBN=978-81-87855-56-9 |
|विविध=-- | |विविध=-- | ||
}} | }} | ||
पंक्ति 25: | पंक्ति 25: | ||
* [[माँ : दो कविताएं / शहंशाह आलम]] | * [[माँ : दो कविताएं / शहंशाह आलम]] | ||
* [[इसे विडंबना ही कहिए / शहंशाह आलम]] | * [[इसे विडंबना ही कहिए / शहंशाह आलम]] | ||
− | * [[जुलाई की तिथि में आज दूसरे हफ़्ते का | + | * [[जुलाई की तिथि में आज दूसरे हफ़्ते का वृहस्पत है / शहंशाह आलम]] |
* [[कोहिमा / शहंशाह आलम]] | * [[कोहिमा / शहंशाह आलम]] | ||
− | * [[ | + | * [[सड़कों पर बौखता हूं / शहंशाह आलम]] |
− | * [[ | + | * [[अकारण दुख नहीं झलक रहा / शहंशाह आलम]] |
− | * [[ | + | * [[जितनी देर में बनती है एक उम्मीद / शहंशाह आलम]] |
− | * [[ | + | * [[हमारे लिए भेजे गए दादी के चिउड़े / शहंशाह आलम]] |
− | * [[ | + | * [[यही दृश्य / शहंशाह आलम]] |
− | * [[ | + | * [[चाहिए था / शहंशाह आलम]] |
− | * [[ | + | * [[हम कोई नया जंगल / शहंशाह आलम]] |
− | * [[ | + | * [[मैं भी कहूंगा / शहंशाह आलम]] |
− | * [[ | + | * [[धार्मिक विचारों को लेकर / शहंशाह आलम]] |
− | * [[ | + | * [[भारत शक उन्नीस सौ तेईस : पांच कविताएं / शहंशाह आलम]] |
− | * [[ | + | * [[इस अयोध्या में : तीन कविताएं / शहंशाह आलम]] |
− | * [[ | + | * [[सब्ज़ी बेचने वाली औरतों की कविता / शहंशाह आलम]] |
− | * [[ | + | * [[मेरा सौंपा हुआ / शहंशाह आलम]] |
− | * [[ | + | * [[ख़ानाबदोश लड़कियां / शहंशाह आलम]] |
+ | * [[आचरण : पांच कविताएं / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[मुझे ले जाया गया / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[तस्लीमा नसरीन : दो कविताएं / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[ले उड़े कोई जल्दी / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[कौवे के बारे में / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[कुत्ते के बारे में / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[सांप के बारे में / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[जलते शहर का दर्द / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[इस असमय में / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[डोर से बंधी पतंग / शहंशाह आलम]] | ||
* [[स्त्रियाँ / शहंशाह आलम]] | * [[स्त्रियाँ / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[इस लोक के इस आर्यावर्त में / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[पाटलिपुत्र के सौ बिल्ले और एक बिल्ली की कथा / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[मक़बूल फ़िदा हुसेन के प्रति : छह कविताएं / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[जीवन / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[विदा का समय / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[वहां भिलाई में / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[रहती दुनिया तक / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[रात के आसेब से / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[सभाओं के बाद / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[एक स्त्री मरी पड़ी है / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[हरी घास पर प्रेम / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[दर्शक-दीर्घा में अकेली तालियां बजाती हुई लड़की / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[इसे हम ऊंट बना सकते हैं / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[अपनी दाढ़ी को लेकर / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[मृतात्माओं के इस नगर की इस संध्या-बेला में / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[पहले वो सिनेमाघर में मिली थीं / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[हमें एक-दूसरे से बिछड़ जाने के लिए / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[दिल्ली में बलात्कार / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[कल सारे पुरपेच रास्ते हमने तय किए / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[जब हम उनसे मिलने को बेक़रार हुए / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[मैं बुद्ध / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[बहुत ढेर नहीं / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[घाट किनारे का गीत / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[अपने नवजात पुत्र की आकस्मिक मृत्यु पर / शहंशाह आलम]] | ||
+ | * [[अभी मुझमें जीवन शेष है / शहंशाह आलम]] |
00:30, 10 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
वितान
रचनाकार | शहंशाह आलम |
---|---|
प्रकाशक | समीक्षा प्रकाशन, सम्पर्क : फ़ोन- 09471884999 / 09334279957 |
वर्ष | 2010 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | |
ISBN | 978-81-87855-56-9 |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- शब्द थे / शहंशाह आलम
- कारीगर / शहंशाह आलम
- जाड़ा : पांच कविताएं / शहंशाह आलम
- भादों में लगातार भीगते हुए / शहंशाह आलम
- जहां तुम देह पर बैठी धूल उतारोगे / शहंशाह आलम
- सिपाही : पांच कविताएं / शहंशाह आलम
- सब कुछ बचा रहेगा / शहंशाह आलम
- माँ : दो कविताएं / शहंशाह आलम
- इसे विडंबना ही कहिए / शहंशाह आलम
- जुलाई की तिथि में आज दूसरे हफ़्ते का वृहस्पत है / शहंशाह आलम
- कोहिमा / शहंशाह आलम
- सड़कों पर बौखता हूं / शहंशाह आलम
- अकारण दुख नहीं झलक रहा / शहंशाह आलम
- जितनी देर में बनती है एक उम्मीद / शहंशाह आलम
- हमारे लिए भेजे गए दादी के चिउड़े / शहंशाह आलम
- यही दृश्य / शहंशाह आलम
- चाहिए था / शहंशाह आलम
- हम कोई नया जंगल / शहंशाह आलम
- मैं भी कहूंगा / शहंशाह आलम
- धार्मिक विचारों को लेकर / शहंशाह आलम
- भारत शक उन्नीस सौ तेईस : पांच कविताएं / शहंशाह आलम
- इस अयोध्या में : तीन कविताएं / शहंशाह आलम
- सब्ज़ी बेचने वाली औरतों की कविता / शहंशाह आलम
- मेरा सौंपा हुआ / शहंशाह आलम
- ख़ानाबदोश लड़कियां / शहंशाह आलम
- आचरण : पांच कविताएं / शहंशाह आलम
- मुझे ले जाया गया / शहंशाह आलम
- तस्लीमा नसरीन : दो कविताएं / शहंशाह आलम
- ले उड़े कोई जल्दी / शहंशाह आलम
- कौवे के बारे में / शहंशाह आलम
- कुत्ते के बारे में / शहंशाह आलम
- सांप के बारे में / शहंशाह आलम
- जलते शहर का दर्द / शहंशाह आलम
- इस असमय में / शहंशाह आलम
- डोर से बंधी पतंग / शहंशाह आलम
- स्त्रियाँ / शहंशाह आलम
- इस लोक के इस आर्यावर्त में / शहंशाह आलम
- पाटलिपुत्र के सौ बिल्ले और एक बिल्ली की कथा / शहंशाह आलम
- मक़बूल फ़िदा हुसेन के प्रति : छह कविताएं / शहंशाह आलम
- जीवन / शहंशाह आलम
- विदा का समय / शहंशाह आलम
- वहां भिलाई में / शहंशाह आलम
- रहती दुनिया तक / शहंशाह आलम
- रात के आसेब से / शहंशाह आलम
- सभाओं के बाद / शहंशाह आलम
- एक स्त्री मरी पड़ी है / शहंशाह आलम
- हरी घास पर प्रेम / शहंशाह आलम
- दर्शक-दीर्घा में अकेली तालियां बजाती हुई लड़की / शहंशाह आलम
- इसे हम ऊंट बना सकते हैं / शहंशाह आलम
- अपनी दाढ़ी को लेकर / शहंशाह आलम
- मृतात्माओं के इस नगर की इस संध्या-बेला में / शहंशाह आलम
- पहले वो सिनेमाघर में मिली थीं / शहंशाह आलम
- हमें एक-दूसरे से बिछड़ जाने के लिए / शहंशाह आलम
- दिल्ली में बलात्कार / शहंशाह आलम
- कल सारे पुरपेच रास्ते हमने तय किए / शहंशाह आलम
- जब हम उनसे मिलने को बेक़रार हुए / शहंशाह आलम
- मैं बुद्ध / शहंशाह आलम
- बहुत ढेर नहीं / शहंशाह आलम
- घाट किनारे का गीत / शहंशाह आलम
- अपने नवजात पुत्र की आकस्मिक मृत्यु पर / शहंशाह आलम
- अभी मुझमें जीवन शेष है / शहंशाह आलम