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23:30, 28 मई 2012 का अवतरण
सोम ठाकुर

| जन्म | 05 मार्च 1934 | 
|---|---|
| जन्म स्थान | अहीर पाड़ा, राजामंडी, आगरा | 
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
| विविध | |
| २००६ का यश भारती सम्मान, २००९ में दुष्यन्त कुमार अलंकरण सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कार से सम्मानित | |
| जीवन परिचय | |
| सोम ठाकुर / परिचय | |
नवगीत संग्रह
- एक ऋचा पाटल को / सोम ठाकुर (1997)
 
खंडकाव्य
- अभियान / सोम ठाकुर (1993)
 
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ <sort order="asc" class="ul">
- मेरे भारत की माटी है चन्दन और अबीर / सोम ठाकुर
 - पूर्वा पर / सोम ठाकुर
 - राष्ट्र देवता / सोम ठाकुर
 - लौट आओ / सोम ठाकुर
 - पंचतात्विक राष्ट्र-वंदना / सोम ठाकुर
 - राजभाषा वंदन / सोम ठाकुर
 - खिड़की पर आँख लगी / सोम ठाकुर
 - सूर्यमुखी फूल / सोम ठाकुर
 - पत्र तुम्हारे नाम / सोम ठाकुर
 - रूप तुम्हारा / सोम ठाकुर
 - दिन गीत-गीत हो चला / सोम ठाकुर
 - विदा के बाद / सोम ठाकुर
 - स्वर की तरंगें / सोम ठाकुर
 - मंगल विलय / सोम ठाकुर
 - प्रेमा नदी / सोम ठाकुर
 - क्षोभ के त्योहार / सोम ठाकुर
 - ओढ़ आए हम / सोम ठाकुर
 - वेला हुई संवत्सरा / सोम ठाकुर
 - ऋतुओं की संधि / सोम ठाकुर
 - रंगों के बोल / सोम ठाकुर
 - चाँदनी उछालता गुलाब / सोम ठाकुर
 - टूटे धनु, बाण नही छूटे / सोम ठाकुर
 - हस्ताक्षर आकाश के / सोम ठाकुर
 - देह हुई फागुन / सोम ठाकुर
 - हवायें संदली हैं / सोम ठाकुर
 - रंग भरी बातें / सोम ठाकुर
 - रिमझिम के फूल झरे / सोम ठाकुर
 - सर्पीला दिन / सोम ठाकुर
 - उजाले की खुशबू / सोम ठाकुर
 - आ गये किस द्वीप में हम / सोम ठाकुर
 - तुम रहे हो द्वीप जैसे / सोम ठाकुर
 - दूरियाँ हमसे बहुत लिपटी / सोम ठाकुर
 - कड़वे आचमन के बाद / सोम ठाकुर
 - ट्रेन की पटरियाँ / सोम ठाकुर
 - निर्बीज से क्यों हो चले हम / सोम ठाकुर
 - काली सलाखों में बंद / सोम ठाकुर
 - मन आषाढ़ हो चला / सोम ठाकुर
 - 'मॉड' वन / सोम ठाकुर
 - प्रश्न-वन के देवता / सोम ठाकुर
 - मृत्यु-अक्षांशो तक / सोम ठाकुर
 - दिन चढ़े ही / सोम ठाकुर
 - पी लिया सैलाब / सोम ठाकुर
 - चंद्रमा पर घूमकर / सोम ठाकुर
 - परियों के देश में / सोम ठाकुर
 - खुश्बू की आवाज / सोम ठाकुर
 - बौने बड़े दिखने लगे हैं / सोम ठाकुर
 - उजली सुबह के नाम पर / सोम ठाकुर
 - कठोर हुई जिंदगी / सोम ठाकुर
 - कड़वे सत्य कहे / सोम ठाकुर
 - मुझको तोड़ा है / सोम ठाकुर
 - मंगल-कलश नामंजूर / सोम ठाकुर
 - परवाह क्यों करें / सोम ठाकुर
 - क्या सोचें समझें हम / सोम ठाकुर
 - बँटवारे न कर / सोम ठाकुर
 - जंगल उगने लगे / सोम ठाकुर
 - उलझी हुई रातें मिलीं / सोम ठाकुर
 - मन जंगल के हुए / सोम ठाकुर
 - उत्सव की देह / सोम ठाकुर
 - वंदन मेरे देश / सोम ठाकुर
 - पंचतात्विक राष्ट्र-वंदना / सोम ठाकुर
 - खुश्बू के सिक्के हैं / सोम ठाकुर
 - सूरज के हस्ताक्षर हैं / सोम ठाकुर
 - हिंदी का समारोह गीत / सोम ठाकुर
 - संध्या के संग लौट आना तुम / सोम ठाकुर
 
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