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मीठी मीठी लोरियाँ और प्रभातियाँ / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
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मीठी मीठी लोरियाँ और प्रभातियाँ
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रचनाकार | सरोजिनी कुलश्रेष्ठ |
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इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
लोरियाँ
- चंदा मामा दूर के / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- मेरे लालन सो जा रे / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- सो जा बेटी झूले में / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- ओ री निंदिया आना तू / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- सो जा सुख छैया / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- सो जा मेरे राज दुलारे / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- नींद सुलाने तुझको आई / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- धीरे बहना मस्त समीरण / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- सो तुझे पलना झुलाऊँ / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- तुम हो किसके फूल? / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- निंदिया रानी आ जा / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- सो जा मेरे राजदुलारे / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- तू मेरी बांहों में सो जा / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- सो जा मेरी मुन्नी प्यारी / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- झूल लाल तू चंदन पलना / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- सो जा सो जा प्यारे सो जा / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- बेटा तू मेरा मोती है / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- तू भी सो जा मेरी बिटिया / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- पलक मूँद कर सो जा रे / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- मेरे कुँवर कन्हैया सो जा / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- फूलों की सेज मोती झल्लर का तकिया / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- प्यारे बेटे सो जा रे / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- नन्हीं बिटिया सो जा सो जा / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- सुन ले मेरे प्यारे बेटे / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- बादल गरज रहें हैं सो जा / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- होकर बड़ा बनेगा क्या तू? / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
प्रभातियाँ
- जागो बेटी बीती रात / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- अमलताश के फूल खिले / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- जग जा मेरी बिटिया रानी / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- फूल खिले है बगिया में / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- घनन घनन घन घटे बोले / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- सूरज को तुम करो प्रणाम / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- हो गया प्रात, हो गया प्रात / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- जग जाओ हे लालन मेरे / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- ठीक समय पर ही जग जाओ / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- जाड़े की धूप खिली / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- जागो गुड़िया / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- सूरज जागा तुम भी जागो / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- फूलों का संसार अनोखा / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- बगिया में आई बहार है / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- आज बसंत पंचमी का दिन / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- अब तो जागो भोर हुई / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- होली है भाई होली है / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- जागो मेरे ललना / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- सूरज आए किरण पसारे / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- पहले लेना प्रभु का नाम / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- बुला रहे गुलमुहर / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- शाम ढले तब क्रिकेट खेलना / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- लालन उठ जा भोर हो गयी / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- मैना ने आँखें खोली है / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
- हँसो हँसो सब फूल कह रहे / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ