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"भीड़ में सबसे अलग / जहीर कुरैशी" के अवतरणों में अंतर

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* [[पीड़ा से रिश्ता पक्का कर जाता है / जहीर कुरैशी]]
 
* [[पीड़ा से रिश्ता पक्का कर जाता है / जहीर कुरैशी]]
 
* [[हर समय माँ है दुआओं के करीब / जहीर कुरैशी]]
 
* [[हर समय माँ है दुआओं के करीब / जहीर कुरैशी]]
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* [[ये सच है—देह के बाहर भी देखना होगा / जहीर कुरैशी]]
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* [[जा रहे हो, मगर, लौटना / जहीर कुरैशी]]
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* [[मन के अंदर गुबार क्यों रखना / जहीर कुरैशी]]
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* [[प्यार लोगों ने जताया, उम्र भर / जहीर कुरैशी]]
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* [[हर समय द्वन्द्व चलते रहते हैं / जहीर कुरैशी]]
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* [[जो पुराना घाव था फिर से हरा होने लगा / जहीर कुरैशी]]
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* [[जन—कथाओं के नायक बनें / जहीर कुरैशी]]
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* [[हमें कहीं न कहीं यह गुमान रहना है / जहीर कुरैशी]]
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* [[वे मुश्किलों में भी हँसने की बात करते हैं / जहीर कुरैशी]]

21:41, 24 सितम्बर 2008 का अवतरण


भीड़ में सबसे अलग
Bheed mein sabse alag.jpg
रचनाकार जहीर कुरैशी
प्रकाशक मेधा बुक्स, एक्स-11, नवीन शाहदरा, दिल्ली-110032
वर्ष 2003
भाषा हिन्दी
विषय ग़ज़ल संग्रह
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 112
ISBN 81-8166-008-O
विविध
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