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14:01, 25 मार्च 2012 का अवतरण
सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
www.kavitakosh.org/ssraqeeb
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| जन्म | 04 अप्रैल 1961 | 
|---|---|
| उपनाम | रक़ीब लखनवी | 
| जन्म स्थान | लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत | 
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
| आज़ादी - अगस्त 1992 | |
| विविध | |
| मुंबई की सामजिक एवं साहित्यिक संस्था आशीर्वाद द्वारा विशेष सम्मान मई 2008 में । | |
| जीवन परिचय | |
| सतीश शुक्ला 'रक़ीब' / परिचय | |
| कविता कोश पता | |
| www.kavitakosh.org/ssraqeeb | |
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- जब दुबारा कभी मिलूँ उससे / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - ये हक़ीक़त या ख़्वाब है कोई / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - लब पे भूले से मेरा नाम जो आया होगा / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - भटका हुआ था राहनुमा मिल गया मुझे / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - रुख से ज़ुल्फ़ें जब महे-कामिल में सरकाते हैं वो / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - सभी के हक़ के लिए लड़े जो, उसे नयी ज़िन्दगी मिलेगी / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - जी में आया है, मुझे आज वो, कर जाने दे / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - कुछ न पूछूँ न कुछ कहूँ उससे / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - जुस्तजू बोसा-ए-दिलदार नहीं थी, कि जो है / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - कोई इस शहर में अपना नज़र आता ही नहीं / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - दौलत का चंद रोज़ में यूं जादू चल गया / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - दिलों पर वार करने वालों को क़ातिल समझ लेना / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - ज़र है जन्नत, ज़र न दोज़ख, हाए हम आए कहाँ / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - आज़ादी की सालगिरह पर, तुम सबका अभिनन्दन है / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - ज़िन्दगी तेरी कहानी भी कहानी है कोई / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - हम कहते हैं बात बराबर / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - न चल, के चलती है जैसे हिरन ख़ुदा के लिए / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - यूं तो लोगों के बीच रहता हूँ / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - मिलती नहीं है चाल कोई मेरी चाल से / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - मौत इक दिखावा है मर के भी नहीं मरते / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - मैं हूँ ज़माने की हर शय से बेख़बर फिर भी / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - जिगर से गर जिगर ख़ुद का, मिला देते तो अच्छा था / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - मुझे कोई परेशानी नहीं है / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - पी के आँखों से मसरूर हो जाएंगे / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - राहे-वफ़ा में जब भी कोई आदमी चले / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - राहे वफ़ा में जो चलता है तनहा तनहा / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - रत्तीभर झूठ नहीं इसमें, सपनों में मेरे आते हो तुम / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - सच कहता हूँ पानी कि फ़ितरत में रवानी है / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - तज़करा है तेरा मिसालों में / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - तेरे सर से तेरी बला जाए जब तक / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - तेरी यादें हैं सहारा मेरी तन्हाई का / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - तेरी बातें मैंने मानी / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - तुझको दिलबर तो मिला था, क्या हुआ / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - वो पास अगर मेरे होती, भर लेता उसे मैं बाहों में / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - वतन पे वीर हमेशा निसार होते हैं / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - तुम्हारे शहर में मशहूर नाम किसका था / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - याद आया मुझे तू ऐ मेरे वतन / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - क़तआत / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - ले के ख़ुशबू सू -ए-सहरा रोज़ो-शब जाते हैं हम / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - लौट कर आना था, लो आ गया, आने वाला / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - कोई भी चल न सका, साहिबे अफ़कार चले / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - मिलकर आओ हम सैर करें, इस मेगामाल में निफ़टी की / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - जब भी तू मेहरबान होता है / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - गर तुम्हें साथ मेरा गवारा नहीं / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - इल्तिजा कर रहा हूँ मैं तुमसे यही, नंगे पाँवों गली में न आया करो / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - मैं हूँ तेरी यादें हैं सागर का किनारा है / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - तू जो मुझसे प्यार करता, तू जो मेरा यार होता / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - ज़रा सा हौसला होता तो तूफां से गुज़र जाते / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - मेरा दिल जिस दिन मचलेगा, यार तुझे बहलाना होगा / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - मीठे अल्फ़ाज़ की जज़्बात पे बारिश करना / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - जो कहते थे के देंगे जान भी हम प्यार की ख़ातिर / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - है ग़ैब की सदा जो सुनाई न दे मुझे / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - दो सज़ा शौक़ से सज़ा क्या है / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - दिल से रक्खेंगे लगाकर हर निशानी आपकी / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - दिल में घर किए अपना ग़म हज़ार बैठे हैं / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - दूर रहना तो अब दूर की बात है, पास भी अब तो आया नहीं जाएगा / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - देखकर बस इक नज़र उसको दिवाना कर दिया / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - छा जाए घटा जब ज़ुल्फ़ों की / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - बिजलियों सी चमक है तेरी / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - भारत के शहनशाहों में एक ऐसा बशर था / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - बेवफ़ा को भी जहाँ में बावफ़ा मिल जाएगा / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - बेकसों को सताने से क्या फ़ायदा / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - ऐ काश मेरी भी बन जाए, जो बात है, बातों बातों में / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - आँचल जब भी लहराते हो / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - जाए जाकर, बेवफाई, कोई उनसे सीख आए / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - जब प्यार तेरा मुझको मयस्सर न हुआ था / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - ख़ुद को तुम मेरी कायनात कहो / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - आप से तुम, तुम से तू , कहने लगे / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - जिस्मे खाक़ी में क्या बला है वो / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - तुम लाजवाब थे और लाजवाब हो / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - बताऊँ क्यों अजीब हूँ / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - अपनी ज़ुल्फ़ें जब महे-कामिल में सरकाते हैं वो / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - आपकी शरारत भी आपकी इनायत है / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - छोड़ा था जहाँ मुझको उसी जा पे खड़ा हूँ / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - होता नहीं है प्यार भी अब प्यार की तरह / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - अब हमें टाटा का तोहफ़ा, ख़ुशनुमा मिल जाएगा / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - ख़ामोश रहेंगी पीपल पर, बैठी हुई ये चिड़ियाँ कब तक / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - नदी किनारे पानी में लड़की एक नहाती है / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - परेशाँ है मेरा दिल, मेरी आँखें भी हैं नम कुछ-कुछ / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - ज़हनो दिल में हर इक के उतर जाइए / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - शहीदे वतन का नहीं कोई सानी / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - गुज़री है रात कैसे सबसे कहेंगी आँखें / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - हवा के दोश पे किस गुलबदन की ख़ुशबू है / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - दिलों में फिर वो पहली सी, मोहब्बत हो अगर पैदा / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - चाहते हैं अब भुला दें उसको अपने दिल से हम / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - आँखों ने कह दिया जो कभी कह न पाए लब / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - खाक़ में मिल गए हम अगर देखिए / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - सुब्ह नौ की है तू रौशनी भी सनम / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - इनकार मोहब्बत का करेगा तू कहाँ तक / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - आज माहौल दुनिया का खूंरेज़ है / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 - अश्के ग़म से अपना दामन तर-बतर होने के बाद / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
 
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