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देखें (पिछले 50 | अगले 50) (20 | 50 | 100 | 250 | 500)- हीर-रांझा, लैला-मजनू किस्से बाजैं गळी-गळी / राजेश दलाल (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- जाणा पडै रांझे, तू मतना लडै़ रांझे / राजेश दलाल (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- तेरे होण की सुणकै एण्डी तुफान सिंह भी हाय्ल पड़े / राजेश दलाल (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- एक सुर मैं प्रस्ताव पास था बैरी नए-पुराणे का / राजेश दलाल (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- राजा जी तनै कह्या करैंगे फोटू देख भटक ज्याणा / राजेश दलाल (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- धरती बिन कोये धरती कारण धरै गये धार पै / राजेश दलाल (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- पैंसठ साल की आजादी म्हं, पूछे नहीं सवाल सुणो / मुकेश यादव (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- मेहनतकश क्यूं पड्या भ्रम म्हं, गया बख्त कदे ना आया / मुकेश यादव (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- कर दिया कत्ले आम तन्नै क्यूं कुणबा घाणी करदी / मुकेश यादव (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- हे सखी कट्ठी होल्यो, बदल दिखाद्यो हरियाणा / मुकेश यादव (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- नींद रात नै आई कोन्या, गात उचाटी छाई / मुकेश यादव (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- आज कोए राज नहीं न्यायकारी / मुकेश यादव (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- मेहनतकश तू सोच ठहर कै, तेरी कमाई कित जासै / मुकेश यादव (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- कोए किसै का ना गोती नाती, या दुनिया कहती आई / मुकेश यादव (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- अमेरिका तू अकडै़ दिखावै, या मरोड़ काढ़द्यां सारी / जय सिंह खानक (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- नैतिकता ना रही किसे मैं, यो समाज उघाड़ा होग्या रै / जय सिंह खानक (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- उठ सुबह अखबार पढूं, मैने चक्कर सा आवै सै / जय सिंह खानक (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- या दुनियाँ झुलसी सारी, इस मंहगाई की आग मैं / जय सिंह खानक (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- सदियों से हम पिसते आये, ना दिया सम्मान किसेनै / जय सिंह खानक (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- जमादार की बेटी सूं मैं खोल सुणाऊं सारी हे / रामधारी खटकड़ (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- सुण सपने का जिकर करूं मै नेता बणग्या भारी / रामधारी खटकड़ (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- उठ किसान क्यूं नींद म्हं सोवै, दुश्मन नै पछाण ले / रामधारी खटकड़ (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- धर्म के ठेकेदारां नै ये भोले लोग बहकाए / रामधारी खटकड़ (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- मेरे तो मन मैं हुई-उचाटी / रामधारी खटकड़ (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- सुण मजदूर किसान मान तेरी दुख मैं ज्यान घली है / हरिचन्द (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- आपस मैं हम लड़ां लड़ाई या असल कहाणी कोन्या / हरिचन्द (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- तेरा मेरा एक शरीर सै रे / हरिचन्द (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- के दुनियां मैं आई सो सब नरक कै बीच सड़ी सो / हरिचन्द (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- सुरक्षा परिषद् की मानी नां इसी दादागिरी दिखावै सै / जयसिंह (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- पूंजीवाद व्यवस्था देश मैं माची लूट खसोट / जयसिंह (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- तम तै दिये रै कमेर्यो मार लूटेरे लेगे माल थारा / जयसिंह (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- गरीब नवाज कहो जिसने वो मनै लागै से पुंजी दास / जयसिंह (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- ध्यान लगा के सुणल्यो तै इक राज की बात बताऊं / जयसिंह (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- सुपने के म्हां मेरे पिया तूं थाणेदार बण्या देख्या / हबीब भारती (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- हे दुनिया जिसनै हीणा समझै उसकी गैल पडै़ सै / हबीब भारती (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- दिया तन माट्टी में घोळ, फेर बी मेरी गेल्यां रोळ / हबीब भारती (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- विज्ञान ज्ञान के दम पै देखो उड़ते जहाज गगन में / हबीब भारती (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- रै सुणल्यो जंग की कथा सुणावण आया / हबीब भारती (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- आज़ादी की पहली जंग में गुप्त योजना घड़ी गयी / हबीब भारती (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- के के जुल्म करे गोरां ने के के रोपे चाळे / हबीब भारती (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- कितणे लड़े सपूत देश के करकै पूरा ख्याल सुणो / हबीब भारती (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- वीरां की मैं कथा सुणाऊं, सुण ध्यान बात पै ला कै / हबीब भारती (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- हरियाणा के वीरों सुणल्यो, करते क्यूं एहसास नहीं / हबीब भारती (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- तेज़ ज़माना तेरी मंद चाल या क्यूकर पार बसावै / हबीब भारती (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- समद ऋषि जी ज्ञानी हो-गे जिसनै वेद विचारा / लखमीचंद (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- कलियुग बोल्या परीक्षित ताहीं, मेरा ओसरा आया / लखमीचंद (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- हो-ग्या इंजन फेल चालण तैं, घंटे बंद, घडी रह-गी / लखमीचंद (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- अरे ज्ञान बिना संसार दुखी, ज्ञान बिना दुःख सुख खेणा / लखमीचंद (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- लाख-चौरासी खतम हुई बीत कल्प-युग चार गए / लखमीचंद (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)
- एक चिड़िया के दो बच्चे थे, वे दूजी चीड़ी ने मार दिए / लखमीचंद (मिलाईयें) (← कड़ियाँ)