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15:53, 4 जनवरी 2014 का अवतरण
बाँस-वन और बाँसुरी
रचनाकार | गुलाब सिंह |
---|---|
प्रकाशक | अल्पना प्रकाशन, 180/28A पुराना अल्लापुर, इलाहाबद - 211006 |
वर्ष | 2004 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | नवगीत |
पृष्ठ | 108 |
ISBN | 81-88956-03-1 |
विविध | इस पुस्तक को कविता कोश पर डालने की अनुमति गुलाब सिंह जी ने दिनांक 02 दिसंबर, 2013 को उनके घर बिगहनी, इलाहाबाद में हुई काव्य गोष्ठी में प्रदान की। बैठक में ‘सज्जन’ धर्मेन्द्र, वीनस केसरी, सौरभ पांडेय और शुभ्रांशु पांडेय जी उपस्थित थे। |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- घाट से हटकर / गुलाब सिंह
- कट गये जंगल हरे / गुलाब सिंह
- अपना घर : अपने लोग / गुलाब सिंह
- सूखा-बाढ़ / गुलाब सिंह
- कोठी पीछे कुआँ / गुलाब सिंह
- दिन / गुलाब सिंह
- अर्घ्य दे रही / गुलाब सिंह
- धूप लगी शहतीरें / गुलाब सिंह
- फुल्झड़ी का आग होना / गुलाब सिंह
- सेतु भी थे / गुलाब सिंह
- रेत के दिन / गुलाब सिंह
- सागर से मेघ / गुलाब सिंह
- अखबार जैसा दिन / गुलाब सिंह
- पेड़ : हम - एक / गुलाब सिंह
- पेड़ : हम - दो / गुलाब सिंह
- पेड़ : हम - तीन / गुलाब सिंह
- जगी प्रतीक्षा / गुलाब सिंह
- वापसी / गुलाब सिंह
- मत पूछो / गुलाब सिंह
- शब्दों की शक्ति के लिए / गुलाब सिंह
- फूलों में साँप / गुलाब सिंह
- तिनकों की बिसात / गुलाब सिंह
- झीनी चादर / गुलाब सिंह
- पूरी आज़ादी / गुलाब सिंह
- गाँव का आसमान / गुलाब सिंह
- फागुन / गुलाब सिंह
- चौराहे का विज्ञापन / गलाब सिंह
- देश अपना है अनोखा / गुलाब सिंह
- नन्हें का खत / गुलाब सिंह
- धरती की भाषा / गुलाब सिंह
- बातें हर दौर की / गुलाब सिंह
- ऋतु यात्राओं की / गुलाब सिंह
- गांव बने वियतनाम / गुलाब सिंह
- नीमों में कल्ले / गुलाब सिंह
- घर की लोच / गुलाब सिंह
- चिह सवाल के / गुलाब सिंह
- इन पड़ावों से / गुलाब सिंह
- बदली परिभाषाएँ / गुलाब सिंह
- उफनती धार पर / गुलाब सिंह
- लहरों के संग / गुलाब सिंह
- खड़े रहने को / गुलाब सिंह
- ऋतु संहार / गुलाब सिंह
- धुआँ, आग का सही पता है / गुलाब सिंह
- सुगन्धित सोना / गुलाब सिंह
- आँगन और आकाश / गुलाब सिंह
- आये हैं चुप रहने / गुलाब सिंह
- बूँद-बूँद प्यास / गुलाब सिंह
- मिट्टी के रंग / गुलाब सिंह
- सूरज की प्रतीक्षा / गुलाब सिंह
- अपने-अपने दर्द / गुलाब सिंह
- नए साल का पहला दिन / गुलाब सिंह
- कई सदियाँ साथ जीते / गुलाब सिंह
- रंगों के बीच / गुलाब सिंह
- देश / गुलाब सिंह
- खाड़ी-युद्ध / गुलाब सिंह
- दहशत / गुलाब सिंह
- सुलगती झीलें / गुलाब सिंह
- कहीं से तो रोशनी आये / गुलाब सिंह
- नाकों तक डूबा परिवेश / गुलाब सिंह
- कोई तो बादल सा बरसे / गुलाब सिंह
- हिलेंगे पत्ते / गुलाब सिंह