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"थिरकती है तृष्णा / ओम पुरोहित ‘कागद’" के अवतरणों में अंतर
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14:35, 18 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
थिरकती है तृष्णा 
(अकाल चित्र-कविता संग्रह)

| रचनाकार | ओम पुरोहित ‘कागद’ | 
|---|---|
| प्रकाशक | बोधि प्रकाशन,सान्गासेतु रोड, सान्गानेर, जयपुर | 
| वर्ष | २००५ | 
| भाषा | हिन्दी | 
| विषय | कविता | 
| विधा | मुक्त छन्द | 
| पृष्ठ | ८० | 
| ISBN | ८१-८७६९७-७८-४ | 
| विविध | कविता | 
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
अकाल चित्र
- चौपाल अकेली / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - जूण भर चून / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - अब के बरस / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - जूण / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - गिलहरी / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - मौत का सन्नाटा / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - मिले तो सही / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - यही बची है / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - जानता है नत्थू काका / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - मौत से पहले / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - ढूँढ़ता है / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - कहीं तो बचे जीवन / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - तपस्वी रूंख / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - झूँपे में/ ओम पुरोहित ‘कागद’
 - उस चित्र को / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - क्या होती है बिरखा / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - पूछती है बेकलू / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - नहीं जन्मेंगे / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - झूँपे ही नहीं / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - बिफरती रेत में / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - यूं बरसती है बिरखा / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - पपीहा थार में / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - राजधानी में / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - सुखिया / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - छापता है पग-चिह्न / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - कहीं नहीं है खेतरपाल / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - बूढ़ा नथमल / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - भूख है यहां भी / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - ज्यों झाँकता है डाकिया / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - बेचारी चाकी / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - गाँव में अकाल / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - कहां है अकल / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - मगना नहीं करे गुहार / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - बची रह सके आस / ओम पुरोहित ‘कागद’
 
रेत के स्वर
- रेत के स्वर / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - थिरकती है तृष्णा (कविता) / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - मेरा मन / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - पांचवें तत्व का नाम / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - क्यों भटकती है / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - मत हो अधीर / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - फिर से जल / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - रेत की पीर / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - कौन है वो / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - इस लिए डोलती हूँ / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - जीवेष्णा है यहाँ / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - सोयी है संजो कर आँसू / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - तोड़ना चाहते हैं मौन / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - सो गया हूँ / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - मुझे होना होता है / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - ओ भटके प्रीतम मेघ / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - फलेंगे रसाल / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - हरा कर देगी / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - यह तो नहीं है त्राण / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - तू तो जान / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - लिख देता है जल / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - थार के समन्दर में / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - जूनी मटकी / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - रेत की पीड़ा / ओम पुरोहित ‘कागद’
 
बरसो जल
- बरसो जल / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - जल तुम / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - देह में रम ले / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - तेरी चाह में / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - तू बड़ा निष्ठुर होता है / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - छू भर जाना / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - प्रतीक्षा तेरी / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - न टूटे सुगन / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - बरसो रेत में / ओम पुरोहित ‘कागद’
 - ओ दम्भी पानी! / ओम पुरोहित ‘कागद’
 
	
	