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विनय मिश्र
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विनय मिश्र
जन्म | 12 अगस्त 1966 |
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जन्म स्थान | देवरिया, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
विनय मिश्र / परिचय |
विषय सूची
गीत/नवगीत
- एक मोर का पंख / विनय मिश्र
- ध्यान रहे / विनय मिश्र
- पीलिया / विनय मिश्र
- समय विश्वास का / विनय मिश्र
- जुलाहे- सा मन / विनय मिश्र
- चिट्ठी तुम्हारे नाम / विनय मिश्र
- सात समंदर / विनय मिश्र
- दिन गाता सा रे गा मा / विनय मिश्र
- बात कुछ नयी / विनय मिश्र
- भाई हो कहांँ / विनय मिश्र
दोहे
कविताएँ
- लोकतंत्र अगर यही है / विनय मिश्र
- पुण्य / विनय मिश्र
- बेसुरे विचार / विनय मिश्र
- सूरज तो अपने हिसाब से निकलेगा / विनय मिश्र
- ड्रामा / विनय मिश्र
ग़ज़ल
- वो रंज़िश में नहीं अब प्यार में है / विनय मिश्र
- ऐसे जीना है कभी सोचा न था / विनय मिश्र
- सब कुछ बिखर गया है सँवारा नहीं गया / विनय मिश्र
- वो सफ़र में साथ है पर इसअदाकारी केसाथ / विनय मिश्र
- बात दिल की थी तो दिल की रोशनाई से लिखा / विनय मिश्र
- हमने देखा यह हादसा होना / विनय मिश्र
- जो डूबा है वही तारा तलाशूँ / विनय मिश्र
- ज़िन्दगी से ज़िन्दगी ऐसे अलग / विनय मिश्र
- बांँटने वाली कोई जब तक हवा मौजूद है / विनय मिश्र
- सोचिए किस तरह बचा है पेड़ / विनय मिश्र
- नहीं यूँ ही हवा बेकल है मुझमें / विनय मिश्र
- रौशनी है बुझी-बुझी अब तक / विनय मिश्र
- गिरने न दिया मुझको हर बार सँभाला है / विनय मिश्र
- एक सुबह की भरी ताज़गी अब भी है / विनय मिश्र
- पूरब की ओर मुँह किए सूरजमुखी के फूल / विनय मिश्र
- रौशनी जैसे अंधेरा बो गई / विनय मिश्र
- जीने की दरकार रहे / विनय मिश्र
- तीरगी में रोशनी का हौसला बढ़ता रहा / विनय मिश्र
- अगर है ज़िंदगी तो ज़िंदगी बोलती जाए / विनय मिश्र
- जैसे महका फूल लगे / विनय मिश्र
- इतनी तेज़ हवाएँ दे / विनय मिश्र
- यहाँ तो ख़ामुशी पहले से तय है / विनय मिश्र
- फूल की बातें सुनाकर वो गया / विनय मिश्र
- रौशनी जबकि मारों में है / विनय मिश्र
- बेगुनाही की सज़ा पाता रहा / विनय मिश्र
- तुम चलो या मत चलो कानून से / विनय मिश्र
- धूल में मिल रही शराफ़त / विनय मिश्र
- हीला और हवाला दे / विनय मिश्र
- ख़ुद से पूछूँ मैं कैसे / विनय मिश्र
- सब कुछ पाकर खोने वाले / विनय मिश्र
- खुरदरी सच्चाइयों से भर गया / विनय मिश्र
- क़त्ल का इलज़ाम मेरे सिर पे है / विनय मिश्र
- ख़ुद से ही डरने लगे हैं अब तो अक्सर सोचकर / विनय मिश्र
- आग-सा मौसम हुआ जबसे ठिठुरती धूप का / विनय मिश्र
- वो सफ़र में साथ है पर इस अदाकारी के साथ / विनय मिश्र
- रात ने जाने क्या सुना मुझसे / विनय मिश्र
- तुम क्या जानो हमने क्या क्या दर्द सहे / विनय मिश्र
- फिर कविता की बातें होंगी / विनय मिश्र