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"पद-रत्नाकर / भाग- 3 / हनुमानप्रसाद पोद्दार" के अवतरणों में अंतर

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(श्रीकृष्ण के प्रेमोद्गार)
(श्रीकृष्ण के प्रेमोद्गार)
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* [[प्रिये! तुम्हारी मूर्ति नित अपृथक्‌ / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
 
* [[प्रिये! तुम्हारी मूर्ति नित अपृथक्‌ / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
 
* [[राधे! क्यों मैं रीझा तुम पर / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
 
* [[राधे! क्यों मैं रीझा तुम पर / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
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* [[है कर्तव्य नहीं कुछ मुझको / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
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* [[एक तुम्हारे सिवा न राधे / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
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* [[नहीं जानता मैं भगवा / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
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* [[कभी न होता, कभी न होगा / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
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* [[जिससे मुझ ‘आनन्द-रूप’ को / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
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* [[प्रिये! तुम्हारी मधुर मनोहर स्मृति / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
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* [[अन्तर की रस-धारा की हो / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
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* [[एक तुम्हीं में मन अटका है / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
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* [[प्रिये! प्राण-प्रतिमे! / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
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* [[प्रिये! तुम्हारी वाणी सुनने को / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
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* [[पल भर नहीं छोड़ते बनता / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
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* [[तेरे उर की शुचि सुन्दरता / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
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* [[देख छबीली छटा / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
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* [[कैसे तुम्हें दिखाऊँ, हे बृषभानुलली! / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
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* [[जब तुम कहती हो- हे छलिया / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
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* [[तुम्हें क्या कहूँ, क्या न कहूँ / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]

19:21, 6 मार्च 2014 का अवतरण

पद

श्रीकृष्ण के प्रेमोद्गार