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| − | * [[ / डी. एम. मिश्र]]  | + | * [[कहीं इरादा रूपया है तो कहीं तरक़्क़ी है / डी. एम. मिश्र]]  | 
| − | * [[ / डी. एम. मिश्र]]  | + | * [[फिर आ गयी है नयी योजना निमरा करे सवाल / डी. एम. मिश्र]]  | 
| − | * [[ / डी. एम. मिश्र]]  | + | * [[बड़े-बड़े पर्वत, पहाड़ देखे हैं जो वीरान बने / डी. एम. मिश्र]]  | 
| − | * [[ / डी. एम. मिश्र]]  | + | * [[हम भारत के भाग्य-विधाता मतदाता चिरकुट आबाद / डी. एम. मिश्र]]  | 
| − | * [[ / डी. एम. मिश्र]]  | + | * [[तेरे जाने पर भी तेरी याद न मन से जाती है / डी. एम. मिश्र]]  | 
| − | * [[ / डी. एम. मिश्र]]  | + | * [[जेा भी है जैसी भी है अपनी सँवारो ज़िंदगी / डी. एम. मिश्र]]  | 
| + | * [[लाख काँटे हैं यहाँ पर फूल हैं, कलियाँ भी हैं / डी. एम. मिश्र]]  | ||
15:04, 19 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
उजाले का सफर

| रचनाकार | डी. एम. मिश्र | 
|---|---|
| प्रकाशक | शैवाल प्रकाशन, दाउदपुर, गोरखपुर-273001 | 
| वर्ष | 2006 | 
| भाषा | हिंदी | 
| विषय | ग़ज़ल संग्रह | 
| विधा | ग़ज़ल | 
| पृष्ठ | 98 | 
| ISBN | 81 89533 15 0 | 
| विविध | 
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रचनाएँ
- भूमिका / उजाले का सफर
 - आपने ठोकरें खाकर कभी नहीं देखा / डी. एम. मिश्र
 - हम उजाले का सफ़र तय इस तरह करते रहे / डी. एम. मिश्र
 - गुमराह अक्सर हो गया जहाँ रास्ता आसान था / डी. एम. मिश्र
 - बनावट की हँसी अधरों पे ज़्यादा कब ठहरती है / डी. एम. मिश्र
 - चेहरे नहीं बदले गये तो आइने बदले गये / डी. एम. मिश्र
 - सरेराह नंगा वो हो चुका उसके लिए कुछ भी नहीं / डी. एम. मिश्र
 - हमें ताने बहुत मारे हमारे पाँव की ठोकर / डी. एम. मिश्र
 - उनको भला हम क्या कहें जो सोचते नहीं / डी. एम. मिश्र
 - वोटरों के हाथ में मतदान करना रह गया / डी. एम. मिश्र
 - रग-रग में कंटक-सी चुभती श्वास लिए भटकूँ / डी. एम. मिश्र
 - ख़्वाब सब के महल बँगले हो गये / डी. एम. मिश्र
 - कभी लौ का इधर जाना, कभी लौ का उधर जाना / डी. एम. मिश्र
 - जिंदगी उसकी ज़माना भी उसी का होता / डी. एम. मिश्र
 - दुनिया नहीं रुकी है बेशक़ किसी के बाद / डी. एम. मिश्र
 - घर से बाहर तो आकर हँसा कीजिए / डी. एम. मिश्र
 - रस्मे वफा के वास्ते हर सुख भुला दिया / डी. एम. मिश्र
 - कश्ती में आ के तूफाँ साहिल तलाशता है / डी. एम. मिश्र
 - काँटों की बस्ती फूलों की, खु़शबू से तर है / डी. एम. मिश्र
 - खोलेगी ज़िंदगी कभी जब उम्र की बही / डी. एम. मिश्र
 - जो तुझे छोड़ गये तू भी उन्हें याद न कर / डी. एम. मिश्र
 - अगर वो चैन-ओ-क़रार था तो उदासियाँ दे गया कहाँ वो / डी. एम. मिश्र
 - दर्द से मुक्ति कभी तू ज़रूर पायेगा / डी. एम. मिश्र
 - कभी कल्पना के पंखों पर भी उड़ लिया करो / डी. एम. मिश्र
 - हम मुसाफिर हैं हमारा रास्तों से स्नेह है / डी. एम. मिश्र
 - गाँव में अपने गली है गैल है / डी. एम. मिश्र
 - अगर बाँटने निकलो जग का ग़म / डी. एम. मिश्र
 - कुछ धुआँ, कुछ आग बनने दीजिए / डी. एम. मिश्र
 - श्वास जब तक सुर तभी तक मीत मेरे / डी. एम. मिश्र
 - अब कहाँ जायें हमारे रास्ते हैं बन्द / डी. एम. मिश्र
 - बड़े अज़ीब मकाँ उम्र भी दिखाती है / डी. एम. मिश्र
 - और है क्या यहाँ आँसुओं के सिवा / डी. एम. मिश्र
 - जिंदगी की मुसीबत हटा लीजिए / डी. एम. मिश्र
 - मन किसी का क्या पता कितना है गहरा / डी. एम. मिश्र
 - इस गृहस्थी में यही है साधना, आराधना / डी. एम. मिश्र
 - धरा का अँधेरा भगाओ तो जानें / डी. एम. मिश्र
 - आदमी से आदमी का प्रेम जब घटने लगा / डी. एम. मिश्र
 - मैं उठा हूँ प्रेम का विस्तार करने के लिए / डी. एम. मिश्र
 - प्यार मुझको भावना तक ले गया / डी. एम. मिश्र
 - मन की सुगंध सारी आकाश ले गया / डी. एम. मिश्र
 - खूब वो मुझ में तलाशे खामियाँ / डी. एम. मिश्र
 - तुम खुश रहो, हम खुश रहें अपनी जगह-अपनी जगह / डी. एम. मिश्र
 - रह-रह के कौन आ रहा दिल में, दिमाग में / डी. एम. मिश्र
 - प्राणों में ताप भर दे वो राग लिख रहा हूँ / डी. एम. मिश्र
 - प्यार समर्पण हार गया, हठ जीत गया / डी. एम. मिश्र
 - प्यार कब घटता है लेकिन दूरियों से / डी. एम. मिश्र
 - प्यार रिश्ता हो न हो, पर धर्म है, ईमान है / डी. एम. मिश्र
 - प्यार में क्या-क्या समर्पण हो गया / डी. एम. मिश्र
 - ज़िंदगी दो-चार पल बहला गये / डी. एम. मिश्र
 - घुट-घुट हो मरना तो प्यार करे कोई / डी. एम. मिश्र
 - आवाज़ों को सुनसानों तक ले जाने दो / डी. एम. मिश्र
 - मिट गये देश के जो सृजन के लिए / डी. एम. मिश्र
 - किसे दिखाऊँ जख़्म हृदय का गहरा-गहरा है / डी. एम. मिश्र
 - कहाँ मैं तलाशूँ मज़ा ज़िंदगी का / डी. एम. मिश्र
 - हमने भी आज कर लिये दर्शन शराब के / डी. एम. मिश्र
 - ये ज़मीन खुशबुओं से भरी कोई फूल इसमें खिलाइये / डी. एम. मिश्र
 - माना इक सुंदर शहर यहाँ / डी. एम. मिश्र
 - शहर के ऐशगाहों में टँगे दुख गाँव वालों के / डी. एम. मिश्र
 - दुविधा पर जीवन है मस्ती पर चाँदनी / डी. एम. मिश्र
 - मेरे आँसू कागज़ पर थक जाते चलते-चलते / डी. एम. मिश्र
 - जामे ज़हर भी पी गया अश्कों में ढालकर / डी. एम. मिश्र
 - हमने गर आसमाँ उठाया है / डी. एम. मिश्र
 - हवा में शोर हो तो रागिनी अच्छी नहीं लगती / डी. एम. मिश्र
 - बैठ करके मौत की या तो प्रतीक्षा कीजिए / डी. एम. मिश्र
 - जुल्म की दीवार उठ कर तोड़ दो / डी. एम. मिश्र
 - ज़िंदगी में जब ग़मों का दायरा बढ़ने लगा / डी. एम. मिश्र
 - बात को साफ कहो, सीधे कहो / डी. एम. मिश्र
 - भटक रही है जो रूह मेरी कभी इस मकाँ, कभी उस मकाँ / डी. एम. मिश्र
 - आपकी इक झलक देखकर प्यार की वो नज़र हो गया / डी. एम. मिश्र
 - तुम इतने खूसूरत हो कि बरबस आँख टिक जाये / डी. एम. मिश्र
 - साकी नही तो जाम क्या / डी. एम. मिश्र
 - गर जा रहे हैं आप तो कुछ कहके जाइये / डी. एम. मिश्र
 - माना तेरे होठों पे खुशियों के तराने हैं / डी. एम. मिश्र
 - छल-फ़रेबों से निकलकर देखें / डी. एम. मिश्र
 - दिल जो घूमा करता था आवारा-सा / डी. एम. मिश्र
 - दर्द में डूबा हुआ कोई ख़जाना तो हो / डी. एम. मिश्र
 - कहीं इरादा रूपया है तो कहीं तरक़्क़ी है / डी. एम. मिश्र
 - फिर आ गयी है नयी योजना निमरा करे सवाल / डी. एम. मिश्र
 - बड़े-बड़े पर्वत, पहाड़ देखे हैं जो वीरान बने / डी. एम. मिश्र
 - हम भारत के भाग्य-विधाता मतदाता चिरकुट आबाद / डी. एम. मिश्र
 - तेरे जाने पर भी तेरी याद न मन से जाती है / डी. एम. मिश्र
 - जेा भी है जैसी भी है अपनी सँवारो ज़िंदगी / डी. एम. मिश्र
 - लाख काँटे हैं यहाँ पर फूल हैं, कलियाँ भी हैं / डी. एम. मिश्र
 
	
	