भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
Kavita Kosh से
तुम्हारे लिए, बस
रचनाकार | मधुप मोहता |
---|---|
प्रकाशक | प्रभात प्रकाशन, 4/19 आसफ़ अली रोड, नई दिल्ली - 110002 |
वर्ष | 2017 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | 120 |
ISBN | 978-93-86300-72-0 |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- सच / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
- ख़्वाब / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
- रात / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
- दस्तक / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
- लफ़्ज़ / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
- आहटें / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
- परछाईं / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
- रोशनी / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
- गुमान / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
- अहसास / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
- सिरफिरी लड़की / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
- कुछ टूटे-फूटे आखर / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
- तसवीर / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
- नियागरा की शाम / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
- हिज्र / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
- चुनरी / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
- आँखें / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
- नदी / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
- गर्द / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
- चल तुझे लिखें / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
- रंग तेरे फ़ागुनी / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- हार / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- इशारा / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- नशा / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- शाम / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- याद रखना / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- तलाश / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- तसव्वुर / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- रहगुज़र / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- क़त्ल / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- उफ़क / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- भरम / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- गठरी / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- अंदाज़ / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- दर्द का मुहावरा / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- सफ़ेद संगमरमर का सपना / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- उपवन / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- गुमनामी / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- शुभ प्रभात / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- उन्माद / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- सुबह / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- यादें / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- निर्वासन / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- क्रांति / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- तुम्हारे लिए, बस (कविता) / मधुप मोहता
- न हुआ सूर, न तुलसी, न मैं कबीर हुआ / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- इब्तिदा / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- कह तेरा अफ़साना है क्या? / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- इश्क़ अंधा है इसमें क्या देखें / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- दिल को अब ख़्वार ही किया जाए / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- अब मुझे तुझसे प्यार है तो है / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- दिल में नगमानिगार रहता है / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- इश्क़ अब इंक़लाब तक पहुँचे / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- आईना हैं तो आईना रहिए / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- सरफ़िरे लोग प्यार करते हैं / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- वक़्ते-रुख़सत यूँ करम फ़रमाइए / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- जब तमन्ना जवान होती है / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- तुम्हारे प्यार का मौसम / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- आपको और आज़माना क्या? / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- दिल का ही ज़ख़्म हरा है अब तक / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- ज़िंदगी की उड़ान बाक़ी है / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- तेरा मौसम है बदलियों की तरह / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- दिल में हर वक़्त बेक़रारी है / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- अपनी साँसों में महक बन के उतर जाने दो / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- दिल में इक आग और आँखों में समंदर लेकर / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- इश्क़ में जी लगा के देख लिया / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- खा लें क़समें, तेरा वहम जी लें / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- भूलकर शिकवे-गिले, अब आइए / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- मुसकराती मौत जैसी ज़िंदगी का शहर है / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- रौशनी है तो झिलमिलाकर देख / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- इश्क़ करना हमारी आदत है / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- इतनी कड़वी, कि पी नहीं जाती / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- बरसती बारिशों की धुन पे लम्हे गुनगुनाते हैं / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- ज़ुल्फ़ गिरकर सँभल रही होगी / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- आज फिर चार सू बिखरे हुए हैं आप / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता
- आवारा अश्आर / तुम्हारे लिए, बस / मधुप मोहता