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"ग़ज़ल की सुरंगें / कांतिमोहन 'सोज़'" के अवतरणों में अंतर

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* [[अब ये ठानी है कि दुनिया में उसे रुसवा करें / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
* [[आपकी शोलमिज़ाजी को अदा मानते हैं / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
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* [[आप क्यूँ शर्मसार होते हैं / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
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* [[इतनी हसीन रात कोई देखता नहीं / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
* [[इधर हैं रीते पियाले इधर भी एक नज़र / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
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* [[कभी जीत का जश्न मनाना है मन्दिर की बात करो / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
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* [[किसी ने बर्फ़-सी भर दी थी तोपों के दहानों में / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
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* [[कैसे कहूँ दुनिया से तेरी ऊब चला हूँ / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
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* [[कोई किसी के साथ नहीं है / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
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* [[ख़ुद से शिकवा करें ख़ुद से ही कभी लड़ जाएँ / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
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* [[गर्दिश ने दबाया कभी गर्दूं ने उछाला / कांतिमोहन 'सोज़']]
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* [[ज़रा सी बात पर अख़बार भी क्या-क्या लगे बकने / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
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* [[दूर जाकर देखिए या पास आकर देखिए / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
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* [[सबाब गर नहीं मुमकिन तो कुछ अज़ाब करें / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
* [[सबाब गर नहीं मुमकिन तो कुछ अज़ाब करें / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
* [[सोज़ साहेब से है अब इरशाद कुछ फ़रमाइए / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
* [[सोज़ साहेब से है अब इरशाद कुछ फ़रमाइए / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
* [[शेख़ का एहतराम करते हैं / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
* [[शेख़ का एहतराम करते हैं / कांतिमोहन 'सोज़']]
* [[इतनी हसीन रात कोई देखता नहीं / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
* [[या दिल ही मेरा जाने या मेरा ख़ुदा जाने / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
* [[यां का दस्तूर यकायक न बदल जाए कहीं / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
* [[अब इश्क़ के आग़ाज़ को अंजाम किया जाए / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
* [[चारागर क़ौम के नावाक़िफ़े-आज़ार न थे / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
* [[अब ये ठानी है कि दुनिया में उसे रुसवा करें / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
* [[मैं भी था मद्दाह उसका मुँह अगरचे बन्द था / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
* [[ज़रा सी बात पर अख़बार भी क्या-क्या लगे बकने / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
* [[दिल में कीना लब पे गाली हाथ में तलवार है / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
* [[अब कहाँ आपस की बातें अब तो यारो जंग है / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
* [[अब कोई दार पर नहीं मिलता / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
* [[गर्दिश ने दबाया कभी गर्दूं ने उछाला / कांतिमोहन 'सोज़']]
 
* [[किसी ने बर्फ़-सी भर दी थी तोपों के दहानों में / कांतिमोहन 'सोज़']]
 

02:09, 30 सितम्बर 2015 का अवतरण


ग़ज़ल की सुरंगें
रचनाकार कांतिमोहन 'सोज़'
प्रकाशक
वर्ष 1988
भाषा हिन्दी
विषय हास्य-व्यंग्य की ग़ज़लें
विधा
पृष्ठ 80
ISBN
विविध
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