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प्राण शर्मा
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प्राण शर्मा
www.kavitakosh.org/pransharma
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जन्म | 13 जून 1937 |
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उपनाम | प्राण |
जन्म स्थान | वज़ीराबाद (अब पाकिस्तान में) |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
ग़ज़ल कहता हूँ (ग़ज़ल संग्रह), सुराही (मुक्तक संग्रह) | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
प्राण शर्मा / परिचय | |
कविता कोश पता | |
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- सुराही / प्राण शर्मा (मुक्तक संग्रह)
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- घर वापस जाने की सुध-बुध बिसराता है मेले में / प्राण शर्मा
- आँखों में कभी अश्कों को भर कर नहीं जाते / प्राण शर्मा
- कौन उस-सा फ़कीर होता है / प्राण शर्मा
- जग में मुरीद अपना बनाता किसे नहीं / प्राण शर्मा
- उड़ते हैं हज़ारो आकाश में पंछी / प्राण शर्मा
- चेहरों पर हों कुछ उजाले, सोचता हूँ / प्राण शर्मा
- कितनी हैरानी की यारों बात है / प्राण शर्मा
- हर एक को कुटुंब में अपने सा ढालना / प्राण शर्मा
- चेहरे पे आप के हो भला क्यों न रौशनी / प्राण शर्मा
- गुनगुनी सी धूप में छाया न कर / प्राण शर्मा
- जबकि लोग किया करते हैं शंका ज्ञानी-ध्यानी पर / प्राण शर्मा
- चौबीस मुक्तक / प्राण शर्मा
- चूल्हा-चौका, कपड़ा-लत्ता ख़ौफ़ है इनके बहने का / प्राण शर्मा
- परखचे अपने उड़ाना दोस्तो आसां नहीं / प्राण शर्मा
- ख़ुशबुओं को मेरे घर में छोड़ जाना आपका / प्राण शर्मा
- जीता हूँ मेरे दोस्त अब किस बेदिली से मैं / प्राण शर्मा
- आपको रोका है कब मेरे जनाब / प्राण शर्मा
- ख़ुश कभी हो और कभी ग़मगीन हो / प्राण शर्मा
- हर कोई, ऎ दोस्तो! रोता या चिल्लाता नहीं / प्राण शर्मा
- हरी धरती, खुले-नीले गगन को छोड़ आया हूँ / प्राण शर्मा
- वो सबके दिल लुभाता है कभी हम ने नहीं देखा / प्राण शर्मा
- ख़ुशी अपनी करे साझी बता किससे कोई प्यारे / प्राण शर्मा
- माना, गले से सबको लगाता है आदमी / प्राण शर्मा
- दुश्मनी मुमकिन है लेकिन दोस्ती मुमकिन नहीं / प्राण शर्मा
- ज़रा ये सोच मेरे दोस्त दुश्मनी क्या है / प्राण शर्मा
- यारों से मुंह को मोड़ना कुछ तो ख़याल कर / प्राण शर्मा
- मेरे वतन के लोगो मुखातिब मैं तुमसे हूँ / प्राण शर्मा
- कौए ने कोयल से पूछा / प्राण शर्मा
- इसकी चर्चा हर बार न करते अच्छा था / प्राण शर्मा
- माना इसकी निढाल चाल नहीं / प्राण शर्मा
- आपके जैसा प्यारा साथी कोई भला क्या खो सकता है / प्राण शर्मा
- केवल फूल भला लगता है तेरा धोखा है प्यारे / प्राण शर्मा
- इसकी हर आन-बान क्यों न रहे / प्राण शर्मा
- कुछ न कुछ तो उस बशर में हौसला है / प्राण शर्मा
- बसते बसते ही लोग बसते हैं / प्राण शर्मा
- कहते हैं ग़ज़ल अच्छी बहर में / प्राण शर्मा
- ख़्वाहिशों को ज़रा क़रार आए / प्राण शर्मा
- आँखों में कुछ तो लाज हो प्यारे / प्राण शर्मा
- सोच की भट्टी में सौ -सौ बार दहता है / प्राण शर्मा
- मन किसी का दर्द से बोझल न हो / प्राण शर्मा
- पालकी में बैठ कर आया करो ऐ जिंदगी / प्राण शर्मा
- माना कि आदमी को हंसाता है आदमी / प्राण शर्मा
- फीकी-फीकी ही लगती है आग के आगे तन-मन की / प्राण शर्मा
- इक्कीस मुक्तक / प्राण शर्मा
- माहिया / प्राण शर्मा
- माँ / प्राण शर्मा
- क्यों न घोलें कानों में / प्राण शर्मा
- झूमती हैं डालियां पुरवाईयों में / प्राण शर्मा
- मेरा मकान हो या तुम्हारा मकान हो / प्राण शर्मा
- जीवन मिला है सबको मुहब्बत के वास्ते / प्राण शर्मा
- हर तरह के फूल का बूटा लगाया जाता है / प्राण शर्मा
- एक धुँधला सुबह का तारा लगा तो क्या हुआ / प्राण शर्मा
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