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रामेश्वर खंडेलवाल 'तरुण' की प्रतिनिधि कविताएँ / प्रकाश मनु
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रामेश्वर खंडेलवाल 'तरुण' की प्रतिनिधि कविताएँ
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रचनाकार | रामेश्वर खंडेलवाल 'तरुण' |
---|---|
प्रकाशक | मगध प्रकाशन, शाहदरा, दिल्ली - 110032 |
वर्ष | 1991 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | कविता |
पृष्ठ | 136 |
ISBN | |
विविध | प्रकाश मनु द्वारा संपादित |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
आम आदमी की अकादमी
- आत्मकथा / तरुण
- आज, मेरी नज़र / तरुण
- हम ऐसे नगर के निवासी / तरुण
- आम आदमी की अकादमी / तरुण
- जिजीविषा / तरुण
- गिरवी / तरुण
- ग़ज़ब ढाया है! / तरुण
- खून-सना वट-बीज / तरुण
- आज, मेरी सांस / तरुण
- सकीना का लोटा / तरुण
- अपनी रेहड़ी / तरुण
- राशनकार्ड के साथ वापस / तरुण
बचीखुची मुद्राएँ और मसीहे
- हम शिल्पी संत्रास के / तरुण
- नव आदमी / तरुण
- बैठूँ मैं-किस मुद्रा में? / तरुण
- शोक समाचार / तरुण
- यस, सर! / तरुण
- दलबदलू / तरुण
- चोंचो का खेल / तरुण
- एडमिनिस्ट्रेशन / तरुण
- एॅकेडमिक / तरुण
- गोंवई लट्ठा / तरुण
- मेरी ये आँखें / तरुण
- आओ, चाय पीयें / तरुण
- मौसमी आदमी / तरुण
- डॅमोक्रेसी / तरुण
- मखमली थैला / तरुण
- जीवन-पतंग / तरुण
- सांस्कृतिक योगदान! / तरुण
- चांद और चांदनी / तरुण
- मानव संस्कृति: मॅडिकल चॅक-अप / तरुण
- रेल की खिड़की से / तरुण
- मानव-ज्वर / तरुण
- यह आदमी! / तरुण
- कुर्सी / तरुण
- शीशे की चिड़िया / तरुण
- धत्तेरे की / तरुण
- कलई / तरुण
- देते हैं / तरुण
- तिलक, चेहरे और आईना / तरुण
- देखा नहीं जाता तो! / तरुण
- कोकीन का इंजेक्शन / तरुण
यह लो मेरे हस्ताक्षर
- लिरिक नहीं, एक चीख़-गोत / तरुण
- खूनी पुल पर से होकर / तरुण
- सन्नाटा / तरुण
- धोखा हुआ! / तरुण
- आस्था-टूटी! / तरुण
- अभियोग-पत्र / तरुण
- यह लो मेरे हस्ताक्षर / तरुण
- एक ताजा अभिमन्यु / तरुण
- अस्वीकार / तरुण
- भली-भांति जानता हूँ! / तरुण
- राजनीति की सांभर झील / तरुण
- हथौड़ा चाहिए: तोड़ो चट्टान को / तरुण
- अपने सपनों की मौत पर / तरुण
- अन्धड़ों में छोड़ दो-अकेला / तरुण
- आदमी का रक्त / तरुण
- सूरज-था कभी! / तरुण
आदिम राग
- ओ निगोड़े चांद / तरुण
- तुमको मैं ले जाऊँ / तरुण
- मैं तो / तरुण
- अपनी राम मड़ैया / तरुण
- अपनी ही मस्ती / तरुण
- हृदय का मूल्य / तरुण
- विरह-मिलन / तरुण
- चुपचाप / तरुण
- अस्तित्व अपना / तरुण
- हिमांचला / तरुण
- पीपल में जल / तरुण
- सरला / तरुण
- मुक्तक / तरुण
- बस, केवल एक गीत / तरुण
- मैं वनवासी होता! / तरुण
- पहले इनकी सुन लो! / तरुण
- दूर-काले बादलों में / तरुण
- बादरे! / तरुण
- जीवन-जगत् का लेखा / तरुण
- कन्याकुमारी का समुद्र / तरुण
- हिमालय के प्रथम दर्शन / तरुण
- चिड़ियां / तरुण
- सफेद कबूतर मेरे / तरुण
- अपनी कहो कहानी! / तरुण
- आज, जो चाहे कहो... / तरुण
- हम-तुम, कहीं चल दें! / तरुण
- मुझको एकाकी गाने दो / तरुण
- सांझ के बाद / तरुण
- गुड़हल का पेड़-बारिश के बाद / तरुण
- गुम्म चोट: आकाश नीला है / तरुण
- मैं कहाँ हूँ / तरुण
- हे अमिताभ! / तरुण
- जापान में साकुरा / तरुण
मैं कसकर जिया
- सिलसिला / तरुण
- कसकर जिया / तरुण
- प्रतिश्रुत हूँ / तरुण
- रू-ब-रू-ज़िन्दगी से / तरुण
- अग्निचक्र: अग्नि-चित्र / तरुण
- हम जीते तो हैं! / तरुण
- होइस्सा: मुझमें इत्ता / तरुण
- मैं झगड़ आया / तरुण
- जो भी हो सो ये हैं / तरुण
- न होने दो हिसाब साफ! / तरुण
- देखें, क्या बनाता हूँ! / तरुण
- चौखटे का ‘अमित’ / तरुण
- देखना चाहता था मैं तो / तरुण
- घोषणा / तरुण
- मेरी कविता / तरुण
- मूल्यांकन / तरुण
- प्रश्नाकुल हूँ / तरुण
- अपराजेय / तरुण
- सर्जन-क्षण में / तरुण
- रास आ गई / तरुण
- कोई बड़ी बात / तरुण
- एक-न-एक दिन / तरुण