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*चोका (लम्बी कविता) पहली से तेरहवीं शताब्दी में जापानी काव्य विधा में  महाकाव्य की  कथाकथन शैली रही है
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* मूलत; चोका गाए जाते रहे हैं । चोका का वाचन उच्च स्वर में किया जाता रहा है ।यह प्राय: वर्णनात्मक रहा है । इसको एक ही कवि रचता है।
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* इसका नियम इस प्रकार  है -
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5+7+5+7+5+7+5+7+5+7+5+7+5+7+5+7+5+7+5+7 और अन्त में +[एक ताँका जोड़ दीजिए।] या यों समझ लीजिए कि  समापन करते समय  इस क्रम के अन्त में  7 वर्ण की एक और पंक्ति जोड़ दीजिए । इस  अन्त में जोड़े जाने वाले ताँका से पहले कविता की लम्बाई की सीमा नहीं है । इस कविता में मन के पूरे भाव आ सकते हैं ।
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* इनका कुल पंक्तियों का योग सदा विषम संख्या [ ODD] यानी 25-27-29-31……इत्यादि  ही होता है  ।
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08:23, 11 मई 2012 के समय का अवतरण

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