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दरवेश भारती
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दरवेश भारती
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जन्म | 23 अक्तूबर 1937 |
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उपनाम | दरवेश भारती |
जन्म स्थान | झंग (अब पाकिस्तान में) |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
ग़ज़ल संग्रह: रौशनी का सफ़र, अहसास की लौ। कविता संग्रह: इंद्रधनुष अनुभूतियों के | |
विविध | |
मूल नाम: हरिवंश अनेजा। "ग़ज़ल के बहाने" और "ग़ज़ल परामर्श" पत्रिकाओं के सम्पादक | |
जीवन परिचय | |
दरवेश भारती / परिचय |
विषय सूची
प्रतिनिधि ग़ज़लें
- सामने जो कहा नहीं होता / दरवेश भारती
- आदमी ज़िन्दा रहे किस आस पर / दरवेश भारती
- आता नहीं पलट के कोई पल गया हुआ / दरवेश भारती
- जब मुहब्बत का किसी शय पे असर हो जाए / दरवेश भारती
- है ये ख़ुशफ़हमी मगर कोई भी खुशदिल है कहाँ / दरवेश भारती
- ज़िन्दगी को ग़र्क़ कर दे जो खुमो-खुमार में / दरवेश भारती
- वो जो नज़रें फेरकर जाने लगा है / दरवेश भारती
- मस्ती-भरी वो उम्र सुहानी किधर गयी / दरवेश भारती
- बुलंदी हो बुलंदी-सी तो ये मशहूर करती है / दरवेश भारती
- बीच मझधार के वो फँसा रह गया / दरवेश भारती
- चुनें अवाम जिसे उसको रहनुमा कहिये / दरवेश भारती
- दिल एक हों सभी के ये नफ़रत न कर सकी / दरवेश भारती
- दर्द औरों का दिल में गर रखिए / दरवेश भारती
- ज़ेह्नो-दिल से शख़्स जो बेदार है / दरवेश भारती
- उदास-उदास-सी सूरत हुई यूँ ही तो नहीं / दरवेश भारती
- कुछ भी दिखा कि मचल गया / दरवेश भारती
- कौन कहता है कि ख़िद्मतगार होना चाहिए / दरवेश भारती
- खुशफ़ह्मी-ए'-हुनर ने सँभलने नहीं दिया / दरवेश भारती
- जबसे किसी से दर्द का रिश्ता नहीं रहा / दरवेश भारती
- जो जीने-मरने का जज़्ब: दिलों में रखते हैं / दरवेश भारती
- था मकां-भर ही वो जिसको एक घर समझे थे हम / दरवेश भारती
- नारे विकासवाद के लाते रहे बहुत / दरवेश भारती
- बढ़ाओ न तुम इतनी भी दूरियाँ / दरवेश भारती
- मिले हैं जिससे वही निकला दिल का काला है / दरवेश भारती
- वो ऊपर उठने की कोशिश करे हज़ार भले / दरवेश भारती
- वो दोस्त ही दिखे यों तो जब सामने रहे / दरवेश भारती
- शीशमहल कुछ एक ने क्या हुआ गर बना लिये / दरवेश भारती
- सँभल, अपने दिल की पुकार पर / दरवेश भारती
- हम ज़िन्दगी की राह खड़े देखते रहे / दरवेश भारती
- हरा- भरा कोई फलदार कोई ठूँठ रहा / दरवेश भारती
- जिस दिन से साथियों की ज़रूरत नहीं रही / दरवेश भारती
- दुई की बात जो दिल से निकाल देता है / दरवेश भारती
- इन्सान तो वही है बस, इन्सान की तरह / दरवेश भारती
- आज है वो सिर्फ़ रंजो-ग़म उठाने के लिए / दरवेश भारती
- देखिये जिसको भी अब वो यहाँ ख़ुशदिल है कहाँ / दरवेश भारती
- जिसने खुशियों को जितना सहेजे रखा / दरवेश भारती
- न देखो शामो-सहर और न आज-कल देखो / दरवेश भारती
- कौन किसकी क्या कहानी कह गया / दरवेश भारती
- आदतन यूँ सोचता है हर कोई / दरवेश भारती
- जो सौ-सौ ग़म उठाना चाहता है / दरवेश भारती
- मौसम बदल गया है तो तू भी बदल के देख / दरवेश भारती
गीत
- मन में ऐसी पीर उठी / दरवेश भारती
- रीत प्रीत की / दरवेश भारती
- विशद पीड़ा / दरवेश भारती
- विषमय विरह / दरवेश भारती
- पीर विरह की / दरवेश भारती
प्रतिनिधि दोहे
- दोहे-1 / दरवेश भारती
- दोहे-2 / दरवेश भारती
- दोहे-3 / दरवेश भारती
- दोहे-4 / दरवेश भारती
- दोहे-5 / दरवेश भारती
- दोहे-6 / दरवेश भारती
- दोहे-7 / दरवेश भारती
- दोहे-8 / दरवेश भारती