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श्रेणी:भजन
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कविता कोश में भजन
"भजन" श्रेणी में पृष्ठ
इस श्रेणी में निम्नलिखित 149 पृष्ठ हैं, कुल पृष्ठ 753
(
पिछले 200
) (अगले 200)
व
विरही की विरह वेदनाएँ सुनकर भी भूल जाते हो / बिन्दु जी
वीर हनुमाना अति बलवाना / भजन
वे रघुवर को जानत मन की / संत जूड़ीराम
वैश्णव जन तो तेने कहिये जे / भजन
वो ख़ुशकिस्मत है जिसका श्यामसुन्दर से लगा दिल हो / बिन्दु जी
वो जाने श्याम की नजरों के मजे कस-कस के / बिन्दु जी
श
शंकर शिव शम्भु साधु / भजन
शरण में आये हैं / भजन
शहर भागलपुर, मायागंज, कुप्पाघाट / छोटेलाल दास
शाम नृपती मुरली भई रानी / सूरदास
शुभ दिन आज सखी, ऐलै गुरुदेव हे / छोटेलाल दास
शुभ दिन प्रथम गणेश मनाओ / भजन
श्याम आये नैनों में / भजन
श्याम चरणों में मन को लगाये जायेंगे / बिन्दु जी
श्याम तेरी छटा प्यारी जो पिया करते हैं / बिन्दु जी
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम.. /भजन
श्याम तोरी नेह नगरिया न्यारी / बिन्दु जी
श्याम प्यारे दिलदार अपनी झलक दिखा दो / बिन्दु जी
श्याम मनहर से मन को लगाया नहीं / बिन्दु जी
श्याम सुंदर को बस एक नज़र देख ले / बिन्दु जी
श्याम सुंदर तुझे कुछ मेरी खबर है कि नहीं / बिन्दु जी
श्यामसुंदर अब तो हम आशिक तुम्हारे बन गए / बिन्दु जी
श्री गुरु चरण पद बन्दि के / चन्दरदास
श्री राधा कृष्णाय नमः / भजन
श्री शिवाष्टक / चालीसा
श्री सदगुरू छेकै सुख के सागर / रामधारी सिंह 'काव्यतीर्थ'
श्रीराधा मोहनजीको रूप निहारो / सूरदास
श्रीराम धुन में जब तक मन तू मगन न होगा / बिन्दु जी
श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन / भजन
श्रीवृन्दावन-धाम अपार / भजन
स
संग न छाँडौं मेरा / दादू दयाल
संत-भगवंत बीच, किछुओ नैं भेद हे / छोटेलाल दास
संतो कहा गृहस्त कहा त्यागी / धरनीदास
संसार के करतार का साकार न होता / बिन्दु जी
संसार बनल बगिया हो / मोतीलाल साह 'कलाकार'
सकी री मैं शबद चेत बरसाया / संत जूड़ीराम
सखि हे! कैसें जैबै पिया के नगरिया / छोटेलाल दास
सखिन्ह मध्य सिय सोहति कैसे / भजन
सखी मेरी नींद नसानी हो / मीराबाई
सखी सुक सेज पिया ढिग आई / संत जूड़ीराम
सगुण रूप में सद्गुरू अइलै / रामधारी सिंह 'काव्यतीर्थ'
सच पूछो तो मुझको नहीं है ज्ञान तुम्हारा / बिन्दु जी
सतगुर के सँग क्यों न गई री / कबीर
सतगुरु ऐलै द्वार, जागलै सुभाग हे / छोटेलाल दास
सतगुरु कही महल की बानी / संत जूड़ीराम
सतगुरु पार लगावै हो रामा, भवसागर से / रामेश्वरदास
सतगुरु शिष्य को पढ़ावै हो रामा / रामेश्वरदास
सतगुरु शिष्य को सुधारै हो रामा / रामेश्वरदास
सदा अपनी रसना को रसमय बनाकर / बिन्दु जी
सदा श्याम-श्यामा पुकारा करेंगे / बिन्दु जी
स आगे.
सद्गुरु मेँहीँ बाबा के महिमा / रघुनन्दन 'राही'
सद्गुरू सतपाल जी अइलै / रामधारी सिंह 'काव्यतीर्थ'
सब दिन गये विषयके हेत / सूरदास
सभी तुझसे कहते हैं हाल अपना-अपना / बिन्दु जी
समझो न यह कि आँखें आँसू बहा रही हैं / बिन्दु जी
सर्व शक्तिमते परमात्मने / भजन
सर्व शिक्षा अभियान तेॅ चलावै छै / रामधारी सिंह 'काव्यतीर्थ'
साँझ परल संझा आयल / चन्दरदास
साधु बाबा हो बिषय बिलरवा, दहिया खैलकै मोर / कबीर
साधो, ऐसिइ आयु सिरानी / ललित किशोरी
सावरे मोकु रंगमें बोरी बोरी / सूरदास
सीताराम सीताराम सीताराम / भजन
सीताराम, सीताराम, सीताराम कहिये / भजन
सुख-वरण प्रभु, नारायण / भजन
सुगवा पिंजरवा छोरि भागा / कबीर
सुघर साँवले पर लुभाए हुए हैं / बिन्दु जी
सुण लीजो बिनती मोरी मैं शरण गही प्रभु तेरी / मीराबाई
सुतली मैं रहली अपना / धनी धरमदास
सुदामजीको देखत श्याम हसे / सूरदास
सुनि ले सहेलिया मोरी, कहै छीहौं हाथ जोड़ी / छोटेलाल दास
सुनु सुनु सखि सब, संग के सहेलिया से / रामेश्वरदास
सुनो हे बहिना भोरे उठियो / रघुनन्दन 'राही'
सुनोॅ हो भैय्या, सुनें गेॅ बहिना / रामधारी सिंह 'काव्यतीर्थ'
सुमिरो हरि नमहि बौरे / धरनीदास
सुर की गति मैं / भजन
सुरत समार लौट के हेरो / संत जूड़ीराम
सुरत समार शबद घर खेलो / संत जूड़ीराम
सुरता राम भजाँ सुख पाओ / भजन
सूरत सुन्न नाम पहचानो / संत जूड़ीराम
सृष्टि की माँ मूल शक्ति / मृदुल कीर्ति
सोइ रसना, जो हरि-गुन गावैं / भजन
सोई साध-सिरोमनि / दादू दयाल
सोई सुहागनि साँच सिगार / दादू दयाल
सोना ऐसन देहिया हो संतो भइया / कबीर
स्याम मने चाकर राखो जी गिरधारी लाला चाकर राखो जी / मीराबाई
ह
हंसा चलल ससुररिया रे, नैहरवा डोलम डोल / कबीर
हमको जग ने ख़ुद ही छोड़ा / बिन्दु जी
हमको मनकी शक्ति देना / भजन
हमरो मड़ैया ऐलै, सद्गुरु आज हे / छोटेलाल दास
हमसे छल कीनो काना नेनवा लगायके / सूरदास
हमारी बार तुम निकले मनमोहन सनम झूठे / बिन्दु जी
हमारे दोनों एक धनी / बिन्दु जी
हमारे मन हरी सुमिरन धन भावे / बिन्दु जी
हमें नन्द नन्दन मोल लियो / भजन
हमें निज धर्म पर चलना बताती रोज रामायण / बिन्दु जी
हमेशा दीनों को छोड़कर भी लुभा जो करते हो चार बातें / बिन्दु जी
हम्में गँवारिन नारी, मुरखा अनाड़ी भारी / छोटेलाल दास
हर बिन जनम गमायो बेबारा / संत जूड़ीराम
हर बिन वृथा धरें नर देही / संत जूड़ीराम
हर बिन हार चलों जग रीते / संत जूड़ीराम
ह आगे.
हर बिन हारो जगत लराई / संत जूड़ीराम
हर सांस में हर बोल में / भजन
हरदम माल जुगत से फेरो / संत जूड़ीराम
हरदम राम नहीं पहचानो / संत जूड़ीराम
हरि जनकू हरिनाम बडो धन / सूरदास
हरि तुम हरो जन की भीर / भजन
हरि बोल मेरी रसना घड़ी-घड़ी / बिन्दु जी
हरि भजन बिना सुख शान्ति नहीं / भजन
हरि मेरे जीवन प्राण अधार / मीराबाई
हरि हरि हरि हरि सुमिरन करो / भजन
हरि, पतित पावन सुने / भजन
हरिजन बा मद के मतवारे / धरनीदास
हरी नाम सुमर सुखधाम / भजन
हरे राम हरे राम राम / भजन
हाँ मेरा मोहन मुरली वाला / बिन्दु जी
हाँ मेरी आँखों में वही दिलदार है / बिन्दु जी
हाँ रे! नसरल हटिया उसरी गेलै रे दइवा / कबीर
हाजिर सरकार जनों के लिए / बिन्दु जी
हारिये न हिम्मत बिसारिये न राम / भजन
हिंडोले झूलत दोऊ सरकार / बिन्दु जी
हिंदू तुरक न जाणों दोइ / दादू दयाल
हिन्द में प्रति वर्ष आती है नवमी राम की / बिन्दु जी
हिन्दू कुल का है सम्मान श्री गोविन्द और गौ से / बिन्दु जी
हिलि-मिलि गाइये लेहो / चन्दरदास
हीरा जैसी श्वांस बातों में बीती जाय रे / बिन्दु जी
हे अविनासी दुलहा, कब ले जैहौ अपनी ओर / रामेश्वरदास
हे गोविन्द राखो शरन / भजन
हे जगत्राता विश्वविधाता / भजन
हे दयामय दीन पालक अज विमल निष्काम हो / बिन्दु जी
हे नाथ! दयावानों के सिरमौर / बिन्दु जी
हे नाथ!! पद कमल का मुझको पराग करना / बिन्दु जी
हे पिंजरे की ये मैना / भजन
हे मन मूड़ समझया मत रे / संत जूड़ीराम
हे मेरे घनश्याम! हृदयाकाश पर आया करो / बिन्दु जी
हे मेरो मनमोहना आयो नहीं सखी री / मीराबाई
हे रघुनन्दन प्रभूका पदमा / हेमचन्द्र पोख्रेल
हे रे कन्हैया / भजन
हे रोम रोम में / भजन
हे रोम रोम में बसने वाले राम / भजन
है आँख वो जो राम का दर्शन किया करे / बिन्दु जी
है कोई जूझ समर रन गाजं / संत जूड़ीराम
है कोई संत राम अनुरागी / धरनीदास
है घर अगम सुगम गुरु गायो / संत जूड़ीराम
है प्यारो निज नाम निहारो / संत जूड़ीराम
है प्यारो निज नाम सहारो / संत जूड़ीराम
है प्रेम जगत में सार और सार कुछ नहीं / बिन्दु जी
है सोई सकी पिया जू की प्यारी / संत जूड़ीराम
होत अबेर भजन कर भाई / संत जूड़ीराम
होली खेलो सकी हरि के संग / संत जूड़ीराम
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