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पँखुरियाँ गुलाब की / गुलाब खंडेलवाल
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पँखुरियाँ गुलाब की

| रचनाकार | गुलाब खंडेलवाल | 
|---|---|
| प्रकाशक | |
| वर्ष | |
| भाषा | हिंदी | 
| विषय | |
| विधा | ग़ज़ल | 
| पृष्ठ | |
| ISBN | |
| विविध | 
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- अगर आप दिल से हमारे न होते / गुलाब खंडेलवाल
 - अब क्यों भला किसीको हमारी तलाश हो! / गुलाब खंडेलवाल
 - अपना चेहरा भी किसी और का लगा है मुझे / गुलाब खंडेलवाल
 - अपनी बेताबी से उनको बेखबर समझे हैं हम / गुलाब खंडेलवाल
 - आख़िर इस दिल की पुकारों में तुझको देख लिया / गुलाब खंडेलवाल
 - आ गयी किस घाट पर यह नाव दिन ढलते हुए / गुलाब खंडेलवाल
 - आज हो चाहे दूर भी जाना, मेरे साथी मेरे मीत!/ गुलाब खंडेलवाल
 - आदमी भीतर से भी टूटा हुआ लगता है आज / गुलाब खंडेलवाल
 - आपका एक इशारा तो हो! / गुलाब खंडेलवाल
 - आपके दिल में हमारी भी चाह है कि नहीं! / गुलाब खंडेलवाल
 - उनकी आवाज़ बुलाती है हर क़दम के साथ / गुलाब खंडेलवाल
 - उनका बदला हुआ हर तौर नज़र आता है / गुलाब खंडेलवाल
 - उनसे इस दिल की मुलाक़ात अभी आधी है / गुलाब खंडेलवाल
 - एक अनजान के घेरे में बंद हैं हम लोग / गुलाब खंडेलवाल
 - एक अहसास की रंगत के सिवा कुछ भी नहीं / गुलाब खंडेलवाल
 - एक बिजली-सी घटाओं से निकलती देखी / गुलाब खंडेलवाल
 - ऐसी बहार फिर नहीं आयेगी मेरे बाद / गुलाब खंडेलवाल
 - और दीवाने सभी चक्कर लगाकर रह गये / गुलाब खंडेलवाल
 - कभी प्यार से मुस्कुराओ तो क्या है! / गुलाब खंडेलवाल
 - कभी पास आ रही है, कभी दूर जा रही है / गुलाब खंडेलवाल
 - कई सवाल तो ऐसे भी जी में आये हैं / गुलाब खंडेलवाल
 - कहिये तो कुछ कि काट लें दो दिन खुशी से हम / गुलाब खंडेलवाल
 - कहें जो 'हाँ' तो नहीं है, 'हाँ' भी, 'नहीं' कहें तो 'नहीं' नहीं है / गुलाब खंडेलवाल
 - कितने दिए बुझाये होंगे / गुलाब खंडेलवाल
 - किस अदा से वो मेरे दिल में उतर आता है! / गुलाब खंडेलवाल
 - किसीके प्यार में मरने को हम मरे तो सही / गुलाब खंडेलवाल
 - किसी का प्यार समझें, दिल्लगी समझें, अदा समझें / गुलाब खंडेलवाल
 - किसी बेरहम के सताये हुए हैं / गुलाब खंडेलवाल
 - कोई दिल में आकर चला जा रहा है / गुलाब खंडेलवाल
 - कोई भले ही बढ़के गले से लगा न हो / गुलाब खंडेलवाल
 - कोई जान अपनी लुटा गया, तेरी चितवनों के जवाब में / गुलाब खंडेलवाल
 - कोई रोने के सिवा काम भी है / गुलाब खंडेलवाल
 - कोई छेड़े हमें किसलिए! / गुलाब खंडेलवाल
 - कौन जाने उस तरफ कोई किनारा हो, न हो! / गुलाब खंडेलवाल
 - ख़यालों में उनके समाये हैं हम / गुलाब खंडेलवाल
 - खुल के आओ तो कोई बात बने / गुलाब खंडेलवाल
 - खुली-खुली-सी खिड़कियाँ, लुटी-लुटी-सी बस्तियाँ / गुलाब खंडेलवाल
 - खूब है प्यार का यह दस्तूर / गुलाब खंडेलवाल
 - गंध बनकर हवा में बिखर जायँ हम, ओस बनकर पँखुरियों से झर जायँ हम / गुलाब खंडेलवाल
 - ग़म बहुत, दर्द बहुत, टीस बहुत, आह बहुत / गुलाब खंडेलवाल
 - गीत तो ये हैं सभी उनको सुनाने के लिए / गुलाब खंडेलवाल
 - चलता है साथ-साथ कोई यों तो राह में / गुलाब खंडेलवाल
 - जब तेरा दर क़रीब होता है / गुलाब खंडेलवाल
 - ज़िन्दगी मुझको कहाँ आज लिये जाती है / गुलाब खंडेलवाल
 - जी से हटती ही नहीं याद किसी की गुमनाम / गुलाब खंडेलवाल
 - जुही में फूल जब आये, हमें भी याद कर लेना / गुलाब खंडेलवाल
 - जो नज़र प्यार की कह गयी है, मुँह पे लाने की बातें नहीं है / गुलाब खंडेलवाल
 - जो हमें कहते थे हरदम, ‘जान से तुम कम नहीं’ / गुलाब खंडेलवाल
 - ज़िन्दगी फिर कोई पाते तो और क्या करते! / गुलाब खंडेलवाल
 - झलक रही हैं उन आँखों में शोखियाँ कैसी / गुलाब खंडेलवाल
 - तलब ग़म की ख़ुशी से बढ़ गयी है / गुलाब खंडेलवाल
 - तुम्हें बेतकल्लुफ़ किया चाहता हूँ / गुलाब खंडेलवाल
 - तू जिसके लिए बेचैन है यों, वह दर्द को तेरे जान तो ले / गुलाब खंडेलवाल
 - तेरा दर छोड़के जाने का कभी नाम न लूँ / गुलाब खंडेलवाल
 - तेरी तरह बोली नहीं यह भी, प्यार जताकर देख लिया / गुलाब खंडेलवाल
 - तेरे वादों पे अगर एतबार आ जाये / गुलाब खंडेलवाल
 - थोड़ा पी लेते जो तलछट में ही छोड़ा होता / गुलाब खंडेलवाल
 - दर्द कुछ और सही, दिल पे सितम और सही / गुलाब खंडेलवाल
 - दर्द दिल थाम के सहते हैं, हम तो चुप ही हैं / गुलाब खंडेलवाल
 - दिल तो हमने ही लगाया है, आप चुप क्यों हैं / गुलाब खंडेलवाल
 - दिल की तड़प नीलाम हुई है / गुलाब खंडेलवाल
 - दिल बहुत यों तो तेरी राह में घबरा ही गया / गुलाब खंडेलवाल
 - दिल में रहते थे कभी आपके हम, भूल गये! / गुलाब खंडेलवाल
 - दिल में ये प्यार के वहम क्या हैं! / गुलाब खंडेलवाल
 - देखो कहाँ पर आ गया है मोड़ अपनी बात का / गुलाब खंडेलवाल
 - नज़र आईने से मिलाता तो होगा! / गुलाब खंडेलवाल
 - नज़र भले ही हमें देख के शरमा ही गयी / गुलाब खंडेलवाल
 - न रोकते हैं निगाहों से यहाँ पीने से / गुलाब खंडेलवाल
 - नशे में प्यार के लिखते रहे हैं कविता हम / गुलाब खंडेलवाल
 - नहीं इस दर्द का उनको पता हो, हो नहीं सकता / गुलाब खंडेलवाल
 - नहीं ख़त्म भी हो सफ़र चलते-चलते / गुलाब खंडेलवाल
 - पँखुरियाँ गुलाब की नम न हो तो क्या करें! / गुलाब खंडेलवाल
 - प्यार औरों से नहीं, हमसे अदावत न सही / गुलाब खंडेलवाल
 - प्यार दिल में न अगर था तो बुलाया क्यों था! / गुलाब खंडेलवाल
 - फूल काँटों के संग अच्छा है / गुलाब खंडेलवाल
 - बहकी हुई है चाल, कोई देखता न हो / गुलाब खंडेलवाल
 - बस नज़र का तेरी अंदाज़ बदल जाता है / गुलाब खंडेलवाल
 - बहुत हमने चाहा कि दिल भूल जाये / गुलाब खंडेलवाल
 - बात जो कहने की थी, होठों पे लाकर रह गये / गुलाब खंडेलवाल
 - बुरा कहें तो बुरे हैं, भला कहें तो भले / गुलाब खंडेलवाल
 - बेरुखी तो मेरे सरताज नहीं होती है / गुलाब खंडेलवाल
 - भले ही दूर नज़र से सदा रहा हूँ मैं / गुलाब खंडेलवाल
 - भले ही हाथ से आँचल छुडाये जाते हैं / गुलाब खंडेलवाल
 - मिल गयी क्या तेरी आँखों में झलक प्यार की थी! / गुलाब खंडेलवाल
 - मुद्दत हुई है आपसे आँखें मिले हुए / गुलाब खंडेलवाल
 - यादों के समन्दर में नज़र डूब रही है / गुलाब खंडेलवाल
 - यादों के इस सफ़र में, हैं फिर गुलाब फूले / गुलाब खंडेलवाल
 - ये सितार बज उठे यों, तेरे तोड़ने के पहले / गुलाब खंडेलवाल
 - ये हसीं बेकली क्यों सीने में भर गयी है! / गुलाब खंडेलवाल
 - यों उड़ा है नशा जवानी का / गुलाब खंडेलवाल
 - यों तो उन नज़रों में है जो अनकहा, समझे हैं हम / गुलाब खंडेलवाल
 - यों तो रंगों की वो दुनिया ही छोड़ ही हमने / गुलाब खंडेलवाल
 - यों तो हमेशा मिलते रहे हम, दोनों तरफ़ थी एक-सी उलझन / गुलाब खंडेलवाल
 - यों तो हर राह के पत्थर पे सर को मार लिया / गुलाब खंडेलवाल
 - यों नज़र से नज़र नहीं मिलती / गुलाब खंडेलवाल
 - यों न मिलने में शरमाइये / गुलाब खंडेलवाल
 - यों पहुँचने को हज़ारों की नज़र तक पहुँचा / गुलाब खंडेलवाल
 - रात किस तरह यहाँ हमने बितायी होगी / गुलाब खंडेलवाल
 - राह फूलों से सजेगी एक दिन / गुलाब खंडेलवाल
 - लाख चक्कर हों सुराही के, हमारा क्या है / गुलाब खंडेलवाल
 - वैसे तो चाहने से यहाँ क्या नहीं होता! / गुलाब खंडेलवाल
 - साज़ बजता भी है, आवाज़ नहीं होती है / गुलाब खंडेलवाल
 - सितारों से आगे बढ़े जा रहे हैं / गुलाब खंडेलवाल
 - सौ ऐब हैं मुझमें, न कोई इल्मो-हुनर है / गुलाब खंडेलवाल
 - हम खोज में उनकी रहते हैं, वे हमसे किनारा करते हैं / गुलाब खंडेलवाल
 - हमसे यह बीच का पर्दा भी हटाया न गया / गुलाब खंडेलवाल
 - हमारा प्यार जी उठता, घड़ी मरने की टल जाती / गुलाब खंडेलवाल
 - हमें तो हुक्म हुआ सर झुका के आने का / गुलाब खंडेलवाल
 - हर सुबह एक ताज़ा गुलाब, आपकी बेरुखी का जवाब / गुलाब खंडेलवाल
 - हुआ प्यार का यह असर मिलते-मिलते / गुलाब खंडेलवाल
 
	
	