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थरुहट के लोकगीत / सिपाही सिंह 'श्रीमंत'
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थरुहट के लोकगीत
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रचनाकार | सिपाही सिंह 'श्रीमंत' |
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प्रकाशक | श्रीमन्त प्रकाशन, मूँजा, मटियारी, गोपालगंज |
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विषय | भोजपुरी भाषी थरुहट क्षेत्र के लोकगीतों का संकलन |
विधा | लोकगीत |
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विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
पुस्तक में इन गीतों का भावार्थ भी दिया गया है लेकिन हम केवल लोकगीत संकलित कर रहे हैं।
बिरहिनी
- झिरहिर-झिरहिर नदी बहे हे / भोजपुरी
- कुनल-कुनल तोरे दुनू लोचन / भोजपुरी
- बाव बहेले पुरवइया मोरे ननदी / भोजपुरी
- दस सखिन सिरे मटुकी / भोजपुरी
- हाँ रे, खाल खेते बोअलीं अनन-धन ननदी / भोजपुरी
- हाँ रे, छीपा भर रगडि़ले अगर-चनन / भोजपुरी
- बाव बहेले पुरवइया, पुरवइया / भोजपुरी
- रंगि-चंगि घइला के पाट-सूत विरवा / भोजपुरी
- गिरि-परबतवा के रउता हे / भोजपुरी
- आरे गिरि-परबतवा में जरत अगिनियाँ / भोजपुरी
- साँझ के बेरिया मनेमन झंखे / भोजपुरी
- हथिया चढ़ले रउता हे गीत अनुरागे / भोजपुरी
- करिया त मेघ भेयावन हे, बरिसेले खूबे देव / भोजपुरी
- पातर तिरिया हो मन ना भावे / भोजपुरी
- हाँ रे, कहवाँ के राजा, राजा हो मकुन सिंह / भोजपुरी
- कि सुनु सखिया हे / भोजपुरी
- नीमि तर आहे सँवरो, कूटले पिठार हे / भोजपुरी
- हाँ रे, गिरि-परबतवा में दुई रे कररिया / भोजपुरी
- आठ काठ कर कुँइयाँ, गोरी तिरिया पानी भरे हे / भोजपुरी
- हाँ रे, कहवाँ लगइबों आस बीरवा / भोजपुरी
- कहवाँ के मधुमल, कहवाँ भिरिंगे, रामा / भोजपुरी
- हाँ रे, पूरुबहिं उगेले चान-सूरज हे / भोजपुरी
- सुनु ललना हे / भोजपुरी
- बँसिया के बाजा एक सुनिले हे / भोजपुरी
- हरदी नगर पुर पाटन हे / भोजपुरी
- घर से बाहर भइल हे, पहिरे कुसुम सारी हे / भोजपुरी
- जेठ-बइसाखवा के भूँभुर हे / भोजपुरी
- हाँ रे, बाजन त बजते हो मधइय पुरवइया / भोजपुरी
- आम-महुअवा घन गछिया, बीचे डगर लगी / भोजपुरी
- बैंगन रोपिले आँति-से-पाँति / भोजपुरी
- परबत ऊपर माई नदी बहे हे / भोजपुरी
- हाँ रे, केकरहीं बहे दस-बीस हरवा / भोजपुरी
- झरोखा के ओलते हेरे रानी हेमवंती / भोजपुरी
- हाँ रे, जोतल खेत मधुआइ गइल रे / भोजपुरी
- हाँ रे, कवने बने कुरुरे जोड़ी हथिया / भोजपुरी
- अखरहिं अउवा के इहे धनि लिटिया हो पकावे / भोजपुरी
- गिरि-परबतवा में दुइ रे गछुलिया / भोजपुरी
- बड़ा त जतन माई हे, बिरिछ जे रोपिले / भोजपुरी
- हाँ रे, सूतल रहलीं कदम जुड़ि छहियाँ / भोजपुरी
- नदिया के तीरे-तीरे हे अशोका के गछिया / भोजपुरी
- कारी त घरिलवा, हीरा-मोती कारी त बेसरिया / भोजपुरी
- सँझिया के बेरिया अइले परदेसिया / भोजपुरी
- घर के बाहर भइले कुँअर अभागा / भोजपुरी
- हाँ रे; कवना मासे आमवा मोजरि गइले / भोजपुरी
- बाहरे बरिस लवटे बनिजरवा / भोजपुरी
- एक गोरी-दुई साँवरी हे / भोजपुरी
- बाव बहेले पुरवइया मोरे लेखे बैरन हे / भोजपुरी
- माथवा चनन काठी, चउरा बँधले गाँठी / भोजपुरी
- हाँ हाँ रे, पूरुबे के देसवा तरुनिया ना होला रे / भोजपुरी
- गिरि-परबतवा से हे सुग्गा एक री अइले / भोजपुरी
- सुन सखिया हे, दस सखिन सिर मटुकी रे / भोजपुरी
- सुन सखिया हे, कहवाँ ही सिरिजे़ले सुन्नर हथिया / भोजपुरी
- लालन एहो, कातिक निसुत दिवाली / भोजपुरी
- हाँ रे, मनरा बजावे राजा कोसी मइया पार / भोजपुरी
- कवने बने सिरिजले री जोड़ी रे हथिया / भोजपुरी
- सखि आरी हे, हाँ, रे जोतलीं में गोला बरधा / भोजपुरी
- दक्षिन के चीर-पहिर ले ले गोरिय / भोजपुरी
- बहत पवनवा माई हे, घन-पुरबइया / भोजपुरी
- हाँ रे, जाँत नाहिं चलई माई रे / भोजपुरी
- कि सखि रे, कहाँ बिलमइ गिरधारी / भोजपुरी
- कवना हे मासे अमवा मजुरि गइले / भोजपुरी
- हाँ रे, पूरब ही देसवा राजा लामी गइल / भोजपुरी