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"खुली आँखों में सपना / परवीन शाकिर" के अवतरणों में अंतर

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* [[दुश्मन को हारने से बचाना अजीब था  / परवीन शाकिर]]
 
* [[दुश्मन को हारने से बचाना अजीब था  / परवीन शाकिर]]
 
* [[चिराग़ मांगते रहने का कुछ सबब भी नहीं  / परवीन शाकिर]]
 
* [[चिराग़ मांगते रहने का कुछ सबब भी नहीं  / परवीन शाकिर]]
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* [[पासबानी पे अँधेरे को तो घर पर रक्खा / परवीन शाकिर]]
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* [[फैला दिए खुद हाथ तलबगार के आगे  / परवीन शाकिर]]
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* [[अजब मकाँ है कि जिसमें मकीं नहीं आता  / परवीन शाकिर]]
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* [[घर के मिटने का ग़म तो होता है  / परवीन शाकिर]]
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* [[दिल का क्या है वो तो चाहेगा मुसलसल मिलना  / परवीन शाकिर]]
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* [[दुनिया को तो हालत से उम्मीद बड़ी थी  / परवीन शाकिर]]
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* [[चाँद चेहरों से फरोजां थे कि नामों के गुलाब / परवीन शाकिर]]
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* [[नज़र भी आया उसे अपने पास भी देखा  / परवीन शाकिर]]
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* [[मरने से भी पहले मर गए थे  / परवीन शाकिर]]
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* [[कुछ फैसला तो हो कि किधर जाना चाहिए  / परवीन शाकिर]]
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* [[रक्स में रात है बदन की तरह  / परवीन शाकिर]]
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* [[क़र्या-ए-जाँ में कोई फूल खिलाने आये / परवीन शाकिर]]
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* [[चेहरा मेरा था निगाहें उसकी  / परवीन शाकिर]]
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* [[अक्स-ए-खुशबू  हूँ बिखरने से न रोके कोई  / परवीन शाकिर]]
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* [[हथेलियों की दुआ फूल ले के आई हो / परवीन शाकिर]]
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* [[वो रुत भी आई कि मैं फूल की सहेली हुई  / परवीन शाकिर]]
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* [[हमसे जो कुछ कहना है वो बाद में कह  / परवीन शाकिर]]
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* [[बाद मुद्दत उसे देखा लोगो  / परवीन शाकिर]]
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* [[अपनी रुसवाई तिरे नाम का चर्चा देखूं  / परवीन शाकिर]]
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* [[फिर तेरे शहर से गुज़रा है वो बदल की तरह / परवीन शाकिर]]
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* [[तमाम रात मेरे घर का एक दर खुला रहा  / परवीन शाकिर]]
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* [[दरवाज़ा जो खोला तो नज़र आए खड़े  वो / परवीन शाकिर]]
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* [[चाँद उस देस में निकला कि नहीं  / परवीन शाकिर]]
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* [[कू-ब-कू फ़ैल गई बात शनासाई की / परवीन शाकिर]]
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* [[दिल पे इक तरफा क़यामत करना  / परवीन शाकिर]]
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* [[नींद तो ख़्वाब हो गई शायद  / परवीन शाकिर]]
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* [[सोचूं तो वो साथ चल रहा है  / परवीन शाकिर]]
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* [[आँखों से मेरी कौन मेरे ख़्वाब ले गया  / परवीन शाकिर]]
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* [[चिराग़-ए-माह लिए तुझको ढूंढती घर घर  / परवीन शाकिर]]
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* [[पूरा दुःख और आधा चाँद / परवीन शाकिर]]
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* [[धनक-धनक मेरी पोरों के ख़्वाब कर देगा  / परवीन शाकिर]]
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* [[कमाल-ए-ज़ब्त को खुद भी तो आज़माऊंगी / परवीन शाकिर]]
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* [[मौसम का अज़ाब चल रहा है  / परवीन शाकिर]]
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* [[क्या-क्या न ख़्वाब हिज्र के मौसम में खो गए  / परवीन शाकिर]]
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* [[दर्द फिर जागा पुराना ज़ख्म फिर ताज़ा हुआ / परवीन शाकिर]]
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* [[हवा की धुन पर वन की डाली-डाली गाए  / परवीन शाकिर]]
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* [[शदीद दुःख था अगरचे तेरी जुदाई का / परवीन शाकिर]]
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* [[बजा की आँख में नींदों के सिलसिले भी नहीं  / परवीन शाकिर]]
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* [[दस्तरस से अपनी बाहर  हो गए  / परवीन शाकिर]]

19:00, 28 अगस्त 2009 का अवतरण

खुली आँखों में सपना
Khuli aankho.jpg
रचनाकार परवीन शाकिर
प्रकाशक डायमण्ड पॉकेट बुक्स, नई दिल्ली
वर्ष 2005
भाषा हिंदी
विषय
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 173
ISBN 81-288-0868-0
विविध
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