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ख
ख़्वाहिश-ए-ऐश नहीं दर्द-ए-निहानी की क़सम / अख़्तर अंसारी
खिली गुलाब की दुनिया तो है सभीके लिये / गुलाब खंडेलवाल
खुश रहने की दुआ / धनराज शम्भु
ख्व़ाब छीने, याद भी सारी / कमलेश भट्ट 'कमल'
ख्वाब देखा था जो मैने वो मुकम्मल होगा! / धीरज आमेटा ‘धीर’
ग
गईं यारों से वो अगली मुलाक़ातों की / 'ज़ौक़'
गगन बजाने लगा जल-तरंग फिर यारों / गोपालदास "नीरज"
गफ़लत में सोनेवालों की मैं नींद उड़ाने आया हूँ / सीमाब अकबराबादी
गरानी-ए-शबे-हिज्राँ दुचंद क्या करते / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
गर्मि-ए-शौक़े-नज़ारा का असर तो देखो / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
गर्मी-ए-शौक़-ए-नज़्ज़ारा का असर तो देखो / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल सुन के परेशां हो गए क्या / फ़राज़
ग़म गुसारों की बात करते हो / चाँद शुक्ला हादियाबादी
ग़म न हो पास / जानकीवल्लभ शास्त्री
ग़म बढ़े आते हैं / सुदर्शन फ़ाकिर
ग़म मुझे हसरत मुझे वहशत मुझे सौदा मुझे / सीमाब अकबराबादी
ग़म-ए-हयात कहानी है क़िस्सा-ख़्वाँ हूँ मैं / अख़्तर अंसारी
ग़म-ज़दा हैं मुबतला-ए-दर्द हैं ना-शाद हैं / अख़्तर अंसारी
ग़मों से यूँ वो फ़रार / 'अज़हर' इनायती
ग़म्ज़ा नहीं होता के / अकबर इलाहाबादी
ग़ाफ़िल कुछ और कर दिया शमयेमज़ार ने / सीमाब अकबराबादी
ग़ार के मुँह से चट्टान हटाने के लिए / ज़ेब गौरी
गालियाँ तनख़्वाह ठहरी है / ज़फ़र
गिरते हैं लोग गर्मी-ए-बाज़ार देख कर / अब्दुल हमीद 'अदम'
गुम कर दिया इन्साँ को यहाँ लाके किसी ने / सीमाब अकबराबादी
गुल ब बुलबुल बहार में देखा / मीर तक़ी 'मीर'
गुलों को छू के शमीम-ए-दुआ / 'अदा' ज़ाफ़री
गुलों में रंग भरे बादे-नौबहार चले / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
गुलों में रंग भरे, बाद-ए-नौबहार चले / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
गुलों सी गुफ़्तुगू करें / 'अदा' ज़ाफ़री
गैरत मंद परिंदों यूँ ही हवा में उड़्ते जाते हो / चाँद शुक्ला हादियाबादी
गो सब को बा-हम साग़र-ओ-बादा तो नहीं था / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
गोहर को जौहरी सर्राफ़ ज़र को देखते हैं / 'ज़ौक़'
घ
घर का रस्ता भी मिला था शायद / 'अदा' ज़ाफ़री
घुटन अज़ाब-ए-बदन की / अकबर हैदराबादी
च
चंद रोज़ और मेरी जान फ़क़त / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
चर्ख़ से कुछ उम्मीद थी ही नहीं / अकबर इलाहाबादी
चले भी आइये, क्यारी में सौ गुलाब खिले / गुलाब खंडेलवाल
चश्म-ए-क़ातिल हमें क्यूँकर न भला / 'ज़ौक़'
चश्म-ए-मयगूँ ज़रा इधर कर दे / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
चांद निकले किसी जानिब तेरी ज़ेबाई का / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
चालाकी से उसका सपना तोड़ दिया / नोमान शौक़
चीर कर सीने को रख दे गर न पाए / अख़्तर अंसारी
चुप तो किसी भी बात पर रहते नहीं हैं हम / गुलाब खंडेलवाल
ज
जन्नत जो मिले ला के मैख़ाने में रख देना / सीमाब अकबराबादी
जब अपने नग़मे न अपनी ज़बाँ तक आए / जगन्नाथ आज़ाद
जब कभी दरया में होते / ज़फ़र
जब किसी से कोई गिला रखना / निदा फ़ाज़ली
जब के पहलू में हमारे / ज़फ़र
जब गुलाब इश्क़ का सीने में खिला देते हैं लोग! / धीरज आमेटा ‘धीर’
जब चला वो मुझ को बिस्मिल ख़ूँ में / 'ज़ौक़'
जब चले जाएँगे हम लौट के सावन की तरह / गोपालदास "नीरज"
जब तक सफ़ेद आँधी के / 'अज़हर' इनायती
जब तवज्जह तेरी नहीं होती / सीमाब अकबराबादी
जब तेरा दर्द मेरे साथ वफ़ा करता है / फ़राज़
जब तेरी समंदर आँखों में / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
जब भी किसी ने ख़ुद को सदा दी / निदा फ़ाज़ली
जब यार ने उठा कर ज़ुल्फ़ों के बाल बाँधे / सौदा
जब लगे ज़ख़्म तो / जाँ निसार अख़्तर
जब सुब्ह की दहलीज़ पे / अकबर हैदराबादी
जमेगी कैसे बिसाते-याराँ / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
जलते थे तुम कूँ देख के / शाह मुबारक 'आबरू'
जहाँ तलक भी ये सेहरा दिखाई देता है / शकेब जलाली
जहाँ न तेरी महक हो उधर न जाऊँ मैं / निदा फ़ाज़ली
जहाँ में हाल मेरा / अकबर इलाहाबादी
जहाँ है दिल ने पुकारा, वहीं जाना होगा / गुलाब खंडेलवाल
ज़बाँ सुख़न को, सुख़न बाँकपन को तरसेगा / नासिर काज़मी
ज आगे.
ज़िन्दगी के तार को / धनराज शम्भु
ज़िन्दगी के पेच ओ खम से हम न थे वाक़िफ़ मगर! / धीरज आमेटा ‘धीर’
ज़िन्दगी को यों ही भरमाया किये / गुलाब खंडेलवाल
ज़िन्दगी दर्द का दाह है / गुलाब खंडेलवाल
ज़िन्दगी यूँ हुई बसर तन्हा / गुलज़ार
ज़िन्दगी ये तो नहीं, तुझको सँवारा ही न हो / जाँ निसार अख़्तर
ज़िन्दाँ की एक शाम / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ज़ुल्फ़ जो रुख़ पर तेरे ऐ / ज़फ़र
जाती हुई लड़की को सदा देना चाहिए / मोहम्मद अलवी
जान उन पर लुटाके बैठ गए / गुलाब खंडेलवाल
जाने दे अब यार विजय / विजय वाते
जिगर के टुकड़े हुए जल के / ज़फ़र
जितनी बुरी कही जाती है / निदा फ़ाज़ली
जिन पे अजल तारी थी / अकबर हैदराबादी
जिसके मुँह मे ज़बान रखी है / चाँद शुक्ला हादियाबादी
जिसने मुँह मे ज़बान रक्खी है / चाँद शुक्ला हादियाबादी
जिस्म तो मिट्टी में मिलता है यहीं / गणेश बिहारी 'तर्ज़'
जीवन में बढ़ रही हैं / प्राण शर्मा
जुदा हों यार से हम और न हो रक़ीब / 'ज़ौक़'
जुम्बिश-ए-काकुल-ए-महबूब से / अब्दुल हमीद 'अदम'
जो कहता था हमारा सरफिरा दिल, हम भी कहते थे / अकील नोमानी
जो कहते हैं - 'हमसे लड़ाई हुई है' / गुलाब खंडेलवाल
जो कुछ के है दुनिया में वो इन्साँ / 'ज़ौक़'
जो चराग़ सारे बुझा चुके उन्हें इंतिज़ार कहाँ रहा / 'अदा' ज़ाफ़री
जो ज़ौके़-इश्क़ दुनिया में न हिम्मत आज़मा होता / सीमाब अकबराबादी
जो जीवन में दुख की घटा बन गयी है / गुलाब खंडेलवाल
जो तुम्हारे लब-ए-जाँ-बख़्श / अकबर इलाहाबादी
जो पीने में ज़्यादा या कम देखते हैं / गुलाब खंडेलवाल
जो भी मिलता है वो लगता है मुझे हारा हुआ / चाँद हादियाबादी
जो भी सपना / अश्वघोष
जो रोते हैं ऐसी ही बातों में आप / गुलाब खंडेलवाल
झ
झलक भी प्यार की कुछ उसमें मिल गयी होती / गुलाब खंडेलवाल
झूम कर बदली उठी और छा गई / 'अख्तर' शीरानी
ट
टुकड़े नहीं हैं आँसुओं में दिल के / ज़फ़र
टूटते भी हैं‚ मगर देखे / कमलेश भट्ट 'कमल'
त
तड़प उठूँ भी तो ज़ालिम तेरी दुहाई न दूँ / फ़राज़
तफ़्ता-जानों का इलाज ऐ / ज़फ़र
तमाम उम्र मैं इक अजनबी के घर में रहा / गोपालदास "नीरज"
तिरी उमीद, तिरा इंतज़ार जब से है / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
तुझ को चाहा तो और चाह ना की / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
तुझ पर भी न हो गुमान मेरा / फ़राज़
तुझसे बिछड़ के हम भी मुकद्दर के हो गये / फ़राज़
तुझसे मिलने को कभी हम जो मचल जाते / फ़राज़
तुम क्या गये के रूठ गये दिन बहार के / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
तुमको देखा तो ये ख़याल आया / जावेद अख़्तर
तुम्हारा दिल अगर हम सीं फिरा है / शाह मुबारक 'आबरू'
तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
तुम्हारे रूप को चाहे भला कहे तो कहे / गुलाब खंडेलवाल
तू हुस्न की नज़र को समझता है बेपनाह / सीमाब अकबराबादी
तेरा ख़याल है दिल-ए-हैराँ लिए हुए / जगन्नाथ आज़ाद
तेरी आँखों का ये दर्पन अच्छा लगता है / चाँद शुक्ला हादियाबादी
तेरी तिरछी अदाओं पर जिन्हें मरना नहीं आता / गुलाब खंडेलवाल
तेरी बातें ही सुनाने आये / फ़राज़
तेरे क़दमों पे सर होगा क़ज़ा सर पे खड़ी होगी / सीमाब अकबराबादी
तेरे ग़म को जाँ की तलाश थी / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
तेरे ग़म को जाँ की तलाश थी तेरे जाँ-निसार चले गये / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
तेरे होते हुये महफ़िल में जलते हैं चिराग़ / फ़राज़
द
दम न छूटे तो चारा नहीं / गुलाब खंडेलवाल
दरमियाँ यूँ न फ़ासिले होते / चाँद शुक्ला हादियाबादी
दरया-ए-अश्क चश्म से जिस आन / 'ज़ौक़'
दर्द से मेरा दामन भर दे या अल्लाह / क़तील
दहशत की मंज़िल दिख़लाने वाला था / मनोहर विजय
दिखला न ख़ाल-ए-नाफ़ तू ऐ गुल-बदन / 'ज़ौक़'
दिन इक के बाद एक गुज़रते हुए भी देख / मोहम्मद अलवी
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई / गुलज़ार
दिन तमाशा ख़्वाब हैं रातें मेरी / शमशेर बहादुर सिंह
दिन भर में दहकते हुए सूरज से लड़ा हूँ / मोहम्मद अलवी
द आगे.
दिन मुरादों के ऐश की रातें / अख़्तर अंसारी
दिन सलीक़े से उगा, रात ठिकाने से रही / निदा फ़ाज़ली
दिया भी याद का इसमें जलाके रक्खा है / गुलाब खंडेलवाल
दिल उनसे प्यार के नाते तो कोई दूर न था / गुलाब खंडेलवाल
दिल की तड़पन देखिये, दुनिया की ठोकर देखिये / गुलाब खंडेलवाल
दिल की राहें ढूँढने / 'अख्तर' सईद खान
दिल के अरमान दिल को छोड़ गए / अख़्तर अंसारी
दिल के दीवार-ओ-दर पे क्या देखा / सुदर्शन फ़ाकिर
दिल के लुट जाने का ग़म कुछ भी नहीं / गुलाब खंडेलवाल
दिल को अब यूँ तेरी हर एक अदा लगती है / फ़राज़
दिल को तुम्हारे वादे का एतबार तो रहे / गुलाब खंडेलवाल
दिल जुनूँ-पेशा है, दिल शौक़ से होता है फ़िगार! / धीरज आमेटा ‘धीर’
दिल दबा जाता है कितना / अकबर हैदराबादी
दिल बहलता है कहाँ अंजुम-ओ-महताब से भी / फ़राज़
दिल मत टपक नज़र से कि पाया न जायेगा / सौदा
दिल में अब यूँ तेरे भूले हुये ग़म आते हैं / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
दिल में जब प्यार का नशा छाया... / श्रद्धा जैन
दिल में जो बात है बताते नहीं / अब्दुल हमीद
दिल-ए-फ़सुर्दा में कुछ सोज़ ओ साज़ बाक़ी है / अख़्तर अंसारी
दिल-ए-शोरीदा की वहशत / 'अख्तर' सईद खान
दीदनी है ज़ख़्म-ए-दिल / 'अख्तर' सईद खान
दीप जलता ही रहेगा रात भर / गुलाब खंडेलवाल
दीप था या तारा क्या जाने / 'अदा' ज़ाफ़री
दुआ करो कि ये पौधा सदा हरा ही लगे / बशीर बद्र
दुनिया से वफ़ा करके / सुदर्शन फ़ाकिर
दूद-ए-दिल से है ये तारीकी मेरे ग़म-ख़ाने / 'ज़ौक़'
दूध को बस दूध ही / कमलेश भट्ट 'कमल'
दूर तक बस इक धुंदलका / अकबर हैदराबादी
देख दिल को मेरे ओ काफ़िर / ज़फ़र
देखो इन्साँ ख़ाक का पुतला / ज़फ़र
दो घड़ी की हँसी-ख़ुशी के लिए / गुलाब खंडेलवाल
दो शे'र / अख़्तर अंसारी
दोस्त हो जब दुश्मने-जाँ / ख़्वाजा हैदर अली 'आतिश'
दोस्ती अपनी जगह और दुश्मनी / गणेश बिहारी 'तर्ज़'
ध
धीर! अपने ही दामन को, बेदाग़ बनाना है! / धीरज आमेटा ‘धीर’
धूप आती रही इस काँच के घर में खुद ही / नोमान शौक़
न
न उस का भेद यारी से / ज़फ़र
न गँवाओ नावक-ए-नीम-कश, दिल-ए-रेज़ रेज़ गँवा दिया / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
न गँवाओ नावके-नीमकश / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
न दरवेशों का ख़िर्क़ा चाहिए / ज़फ़र
न दाइम ग़म है नै इशरत / ज़फ़र
न दो दुश्नाम हम को / ज़फ़र
न हो गर आशना नहीं होता / सीमाब अकबराबादी
न होंठ तक कभी आई, न मन के द्वार गयी / गुलाब खंडेलवाल
नज़दीकियों में दूर का मंज़र तलाश कर / निदा फ़ाज़ली
नज़र अब उनसे मिलाने की बात कौन करे / गुलाब खंडेलवाल
नज़र नज़र से ही टकराए और कुछ मत हो / गुलाब खंडेलवाल
नज़र से दूर भी जाने से कोई दूर न था / गुलाब खंडेलवाल
नज़्रे ग़ालिब : किसी गुमाँ पे तवक्क़ो ज़ुयादः रखते हैं / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्रे-सौदा : फ़िक्रे-दिलदारी-ए-गुलज़ार करूँ या न करूँ / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नदी और किनारा / मासूम शायर
नसीम-ए-सुबह गुलशन में गुलों से खेलती होगी / सीमाब अकबराबादी
नहीं इश्क़ में उस का तो रंज / ज़फ़र
नहीं एक दिल की लगी छूटती है / गुलाब खंडेलवाल
नहीं कोई भी मरने के सिवा अब काम बाक़ी है / गुलाब खंडेलवाल
नहीं जो दिल में जगह तो नज़र में रहने दे / फ़राज़
नहीं दुख ये भार होता, न ये इंतज़ार होता / गुलाब खंडेलवाल
नाउमीदी में भी गुल / कमलेश भट्ट 'कमल'
नाज़बरदारियाँ नहीं होतीं / चाँद हादियाबादी
नामा गया कोई न कोई नामाबर गया / सीमाब अकबराबादी
निबाह बात का उस हीला-गर / ज़फ़र
निराश प्राण में आशा के सुर सजाते चलो / गुलाब खंडेलवाल
नौहा / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
प
पत्थरों का शहर / कमलेश भट्ट 'कमल'
परिस्तारेमुहब्बत की मुहब्बत ही शरीअ़त है / सीमाब अकबराबादी
परेशाँ रात सारी है सितारों तुम तो सो जाओ / क़तील
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पिछले 200
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अगले 200
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