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गीत धारा / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
गीत धारा
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रचनाकार | रंजना वर्मा |
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इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- प्रात की रश्मियाँ झिलमिलाने लगीं / रंजना वर्मा
- दिव्य दान दो देव कि जिस से मन शीतल हो / रंजना वर्मा
- ऐसा अपना साथ कि जैसे एक दिया दो बाती / रंजना वर्मा
- बंजर मन पर प्रेम सघन घन / रंजना वर्मा
- पास नहीं क्यों मेरे आते / रंजना वर्मा
- ढल रही है शाम प्रियतम तुम न आये / रंजना वर्मा
- कैसे कहूँ चले भी आओ / रंजना वर्मा
- लम्बी बड़ी कठिन हैं रातें / रंजना वर्मा
- अगर हो सके तो वह अपनी प्रीति पुरानी भेज दो / रंजना वर्मा
- सदा निकट हो मन के यह विश्वास बना रहने दो साथी / रंजना वर्मा
- चाह रहा मन तुम्हें भेज दूँ एक सुहानी शाम / रंजना वर्मा
- थोड़ा प्यार मुझे भी दे दो / रंजना वर्मा
- हुई न कोई भूल कि आ कुछ बात करें / रंजना वर्मा
- क्षितिज छोर पर फिर है संध्या रचने लगी रंगोली / रंजना वर्मा
- मौसम ने करवट ली फिर बगिया में फूल खिला / रंजना वर्मा
- जबसे झलका प्यार तुम्हारा मीठी बातों में / रंजना वर्मा
- मीत कह रहा है कहीं राह में मिलो / रंजना वर्मा
- नयन मील दीप जल गये / रंजना वर्मा
- यादें लगीं सताने तेरे नाम की / रंजना वर्मा
- जाना ही है तो अपनी तस्वीर दिये जाओ / रंजना वर्मा
- साँझ ढले शशि हँसे गगन तब / रंजना वर्मा
- मेरे स्वप्नों में फिर आ जा तेरे गीत लिखूँ / रंजना वर्मा
- प्रिय याद तुम्हारी आयेगी / रंजना वर्मा
- वे कुछ दिन कितने सुंदर थे / रंजना वर्मा
- गीत मैं तो सुनाती रहूँ रात भर / रंजना वर्मा
- हम तुम बने रहें समपरिचित / रंजना वर्मा
- कब तक दूर रहोगे बनकर मेरी श्वांसों के अनुगामी / रंजना वर्मा
- की समर्पित थी कभी आराधना कोई नहीं / रंजना वर्मा
- नील गगन में घन कजरारे फिर घिर-घिर आये / रंजना वर्मा
- हमारे गिर्द झोंके हैं सदा लू के चला करते / रंजना वर्मा
- उस पंछी को फिर लौट यहीं आना होगा / रंजना वर्मा
- आज न मुझे पुकारो प्रियतम / रंजना वर्मा
- चैन मिले यदि तमको मुझ बिन / रंजना वर्मा
- मेरे आँसू मेरे ग़म का तुझे पता ही नहीं / रंजना वर्मा
- मावस की यह रात और उस पर यह तनहाई / रंजना वर्मा
- कब तक करूँ प्रतीक्षा तेरी / रंजना वर्मा
- मानस मिलन हुआ स्वप्नों में / रंजना वर्मा
- एक दीप ले नाम हमारा द्वारे पर रख जाना / रंजना वर्मा
- ज़माना हुआ है हमें मुस्कुराये / रंजना वर्मा
- तेरा नाम धड़कनों में कुछ ऐसा समा गया / रंजना वर्मा
- अब तो मेरा मन ही है बस मेरे मन का साथी / रंजना वर्मा
- तुमसे प्यार माँगने आयी / रंजना वर्मा
- रूठ गये हो प्रिय तुम ऐसे / रंजना वर्मा
- सिर्फ़ तुम्हारे लिये प्यार के गीत लिखे / रंजना वर्मा
- तुम्हें पराया मान न पाये यह अपराध किया / रंजना वर्मा
- प्रिय थोड़ा तो सो लेने दो / रंजना वर्मा
- मेरी सुधियों में जब तुम हो या जाते / रंजना वर्मा
- ढल जायेगा विश्व तुम्हारा / रंजना वर्मा
- किन्तु थरथराते अधरों पर तेरा नाम / रंजना वर्मा
- उर आँगन के द्वार खड़ा जो / रंजना वर्मा
- जब आतुर हो प्राण पुकारें / रंजना वर्मा
- रहने दो मेरा अवगुंठन / रंजना वर्मा
- काश हृदय के भाव तुम्हें मैं समझा पाती / रंजना वर्मा
- आज पहले एक यह वादा करो तो / रंजना वर्मा
- एक दीप तुम अगर जला दो / रंजना वर्मा
- आज प्रिय के प्यार से यह माँग लूँ भर / रंजना वर्मा
- अपने और तुम्हारे नाजुक सम्बन्धों से डर लगता है / रंजना वर्मा
- हर पल याद तुम्हारी आती / रंजना वर्मा
- झाँक रहा है प्यार तुम्हारा / रंजना वर्मा
- नींद ही नहीं आती / रंजना वर्मा
- प्रियतम तुमसे प्यार न लूँगी / रंजना वर्मा
- हाय प्रतीक्षा कि पीड़ा में इंद्रधनुष ना भाये / रंजना वर्मा
- तुम अनलिखी बात पढ़ लोगे / रंजना वर्मा
- टेरती फगुनहट है आओ मनमीत / रंजना वर्मा
- कैसा निर्मम प्रथम प्रेम यह / रंजना वर्मा
- मन के वृंदावन में सुधियों के यमुना तट / रंजना वर्मा
- जी करता है आज तुम्हारे संग हवाओं में उड़ जाऊँ / रंजना वर्मा
- मुस्कानों में रात चाँदनी / रंजना वर्मा
- पत्र तुम्हारा रखा सामने / रंजना वर्मा
- अंतर झकझोर गयी फागुनी पवन / रंजना वर्मा