रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
जन्म | 19 मार्च 1949 |
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उपनाम | हिमांशु |
जन्म स्थान | ग्राम हरिपुर, तहसील बेहट, जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
माटी, पानी और हवा, अँजुरी भर आसीस, कुकड़ूकूँ, हुआ सवेरा, असभ्य नगर(लघुकथा संग्रह), खूँटी पर टँगी आत्मा(व्यंग्य -संग्रह), बालमनोवैज्ञानिक लघुकथाएँ(सम्पादित) | |
विविध | |
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जीवन परिचय | |
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' / परिचय |
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- ओ चिरैया / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- इस सभा में चुप रहो / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- लौटते कभी नहीं / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- तुम बोना काँटें / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- कहाँ गए? / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- दिन डूबा / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- मुखड़ा हुआ अबीर / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- उदास छाँव / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- गाँव अपना / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- इस शहर में / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- जेब कतरा / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- मेरी माँ / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- बच्चे और पौधे / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- दोहे / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- अंगार कैसे आ गए / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- एक बच्चे की हँसी / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- आजकल / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- बात तुम करना नहीं / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- बेटियों की मुस्कान / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- ये ज़ंजीरें / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- कोई नहीं उदास हो / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- घाटी में धूप / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- कवि जी पकड़े गए / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- गाँव की चिट्ठी / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- वासन्ती दोहे / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- मैं घर लौटा / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- बचकर रहना / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- बहता जल / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- अधर पर मुस्कान / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- तिनका-तिनका / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- जंगल-जंगल / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- अंधकार ये कैसा छाया / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- गोरखधन्धा / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- दौलत और नींद / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- बंजारे हम / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- वश में है / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- रिश्तों की आँच / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- मुदित नया साल / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- बयान / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- लेटी है माँ / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- जीवन के ये पल / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- मुझे आस है / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- साँस / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- अपना मन / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- बरसाती नदी / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- किताबें / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- उम्र की चादर / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- दुख सगा है / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- इस धरती पर / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- चाँद–सा माथा / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- श्रृंगार है हिन्दी / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- अमलतास के झूमर / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- आज की कविता / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- सच की ज़ुबान / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- कुछ दु:ख झेलो / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- पुरानी कमीज़ / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- मेरे मन / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- तुम मत घबराना / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- सदा कामना मेरी / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- उजाले / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- मैं खुश हूँ / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- कर्मठ गधा / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- हरियाली के गीत / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- दिया जलता रहे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- कुछ कीजिए / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- हाँफता हुआ बच्चा / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- उजियारे के जीवन में / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- मुक्तक / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- जब सूरज जग जाता है / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- जरूरी है / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- काँपती किरनें / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- मेघ छाए / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- श्वान - पीड़ित / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- भोर की किरन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- कविता क्या है? / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- चार मुक्तक / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- करो भोर का अभिनन्दन / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- दो मुक्तक / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- जीवन की कर्मभूमि / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- जब तक बची दीप में बाती / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- इसे ध्यान में रखना / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- कितना अच्छा होता! / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- ये घर बनाने वाले / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- खड़े जहाँ पर ठूँठ / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- आँसू-छन्द / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- तुमको खुद ही लड़ना होगा / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- हम सब कुछ सहते हैं / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- मुस्कानों के बीज-नव वर्ष के दोहे / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- सूरज अभी निकला है / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
- आज़ादी है / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
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बाल कविताएँ
- (मेरी नानी, भारी बस्ता, पत्ता, दादा जी, रोमा)
- (चाचा जी का बन्दर, तारे, तितली रानी, नन्हीं चींटी, मुर्गा बोला)
- (माली, मोर, माता-पिता, बापू, तिरंगा)
- (तोता, फल, मोटूराम, मेंढक जी, सवाल)
- (रेल चली, हाथी दादा, प्यारे बादल, सावन आया, बादल)
- (जब खेलने आये बच्चे, हरी पत्तियाँ, अक्कड़-बक्कड़)
- (लोरी, आ भाई सूरज, धूप की चादर)
- (हम चाँद बनेंगे, सूरज का गुस्सा, सबसे प्यारे, दो बदमाश )
- (लाल बुझक्कड़,मेरे मामा ,गुड़िया रानी )
- (मेरा घोड़ा , काली बिल्ली,देश हमारा)
- (हुआ सवेरा ,प्यारे पक्षी ,मीठी बोली, )
- ( जंगल का गीत ,बन्दर अफ़लातून,नटखट बन्दर)
- ( जब सूरज जग जाता है,घर में आई बिल्ली ,चन्दा मेरे घर आना )