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दयारे हयात में / कुमार नयन
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दयारे हयात में
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रचनाकार | कुमार नयन |
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प्रकाशक | राधाकृष्ण प्रकाशन |
वर्ष | 2016 |
भाषा | हिंदी |
विषय | शायरी |
विधा | ग़ज़ल |
पृष्ठ | 136 |
ISBN | 9 788183 618267 |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- तारों भरी है रात ग़ज़ल कह रहा हूँ मैं / कुमार नयन
- ज़मीं के ज़ख़्म का मरहम नहीं क्या / कुमार नयन
- रगों में चीखते नारे लहू-सा चलते हैं / कुमार नयन
- मिरा दिल मुझसे धोखा कर गया तो / कुमार नयन
- ज़िन्दगी का हिसाब रखता हूँ / कुमार नयन
- मिरा किस्सा कोई दोहरा रहा है / कुमार नयन
- खून से तर शरीर ज़िंदा है / कुमार नयन
- चल गया बहुत तो ग़म क्या है / कुमार नयन
- वो हुआ जिसका नहीं इम्कान था / कुमार नयन
- मुख़्तलिफ़ लोगों से मिलना उम्र भर अच्छा लगा / कुमार नयन
- खिलौनों की ख़ातिर मचलते नहीं हैं / कुमार नयन
- दर्द सहकर मुस्कुराने के ज़माने आ गये / कुमार नयन
- हमारा दिल निकल जाये तो अच्छा / कुमार नयन
- तू कैसे क्यों हारा सोच / कुमार नयन
- बद्दुआओं में भर कर दुआएं न दे / कुमार नयन
- अपनी-अपनी ज़िद के चलते मरहला बाक़ी रहा / कुमार नयन
- खौलते पानी में डाला जायेगा / कुमार नयन
- जो हो अंजाम सहने के लिए तैयार बैठे हैं / कुमार नयन
- बिखरती ज़िन्दगी को यूँ सजा लें / कुमार नयन
- वफ़ा की हर मिसाल ज़िंदा रख / कुमार नयन
- शराबी शाम बहकाये तो क्या हो / कुमार नयन
- बहार ढोके खिज़ाओं से दिल लगाएंगे / कुमार नयन
- मरते-मरते किसने सदा दी / कुमार नयन
- कभी जीत होगी कभी मात होगी / कुमार नयन
- यारो कभी-कभी हमें मर जाना चाहिए / कुमार नयन
- जाने क्या आज हुआ है मुझसे / कुमार नयन
- कब कहां होता है मेरा आना-जाना ये तो पूछ / कुमार नयन
- सुब्ह को हां-हां कहा शाम को ना-ना बाबा / कुमार नयन
- महफ़िलों से महलों से गांव के सिवानों तक / कुमार नयन
- वुजूद अपना कभी तार-तार मत करना / कुमार नयन
- अपना नहीं है फिर भी तू लगता तो है कोई / कुमार नयन
- मत सोच कोई दूसरा तुझसे बड़ा नहीं / कुमार नयन
- अब लहू में मिरे वो रवानी नहीं / कुमार नयन
- चलता है तो बेख़ौफ़ ज़मीं पर नहीं गिरता / कुमार नयन
- अजीब हाल था कल शब / कुमार नयन
- अजीब शख्स है वो जो तबाह-हाल रहा / कुमार नयन
- सच है जो बात कहूँ न कहूँ / कुमार नयन
- सिर्फ लोगों से भरा होने से घर होता नहीं / कुमार नयन
- अंधेरी रात के तारों में ढूंढना मुझको / कुमार नयन
- मरने के जब हज़ार बहाने थे मिरे पास / कुमार नयन
- मुद्दतों पर मिला जो रुका ही नहीं / कुमार नयन
- चूल्हे पे तन्हा बैठी धुआंती हुई सी माँ / कुमार नयन
- हमारे शहर का मौसम बदल गया कैसे / कुमार नयन
- सियह रात रंगत बदलने लगी है / कुमार नयन
- ग़मों की रहबरी करनी पड़ेगी / कुमार नयन
- खुद को खो दें और फिर ढूंढा करें / कुमार नयन
- मिरा साहस अचानक खो गया है / कुमार नयन
- कच्ची सड़क कच्ची गली को कौन ले गया / कुमार नयन
- जला था जिस्म ही मिरा ये कौन दिल जला गया / कुमार नयन
- मैं समझता था तेरे दिल में उतर जाऊंगा / कुमार नयन
- कुछ यूँ भी जिंदगी से मुलाक़ात कीजिये / कुमार नयन
- हरेक बात में हर इक खबर में रहता है / कुमार नयन
- शराब में भी तो अब ज़िन्दगी नहीं मिलती / कुमार नयन
- दिल की बेचैनी बढ़ी दिल पर गुज़र जाने के बाद / कुमार नयन
- यूँ बहुत देर से पलकों पर गिरा कर आँखें / कुमार नयन
- क्या बात है कि रंग बदलने लगी है शाम / कुमार नयन
- कैसे हैं ये नीले लोग / कुमार नयन
- काशी है इधर काबा कलीसा भी इधर है / कुमार नयन
- रुत है अभी खुश होने की / कुमार नयन
- धूप शबनम में क्यों भिगोते हो / कुमार नयन
- जब कभी उनके निकट जाता हूँ मैं / कुमार नयन
- उनका सचमुच कोई जवाब नहीं / कुमार नयन
- मत कहो हमको बेज़बां साहब / कुमार नयन
- शाम बेरंग अनमनी क्यों है / कुमार नयन
- यहीं तो था कहीं खोया नहीं था / कुमार नयन
- दुनिया के नये रंग में ढलने नहीं देता / कुमार नयन
- खमोश चीख़ से लफ़्ज़ों के बयां तक सोचूं / कुमार नयन
- जो भी जीने के थे सामान गये / कुमार नयन
- मिरे घर में कहानी है अभी तक / कुमार नयन
- लगता है लहू खोलने अक्सर मिरे अंदर / कुमार नयन
- रहता है साथ-साथ मेहरबान की तरह / कुमार नयन
- उसके अंदर छुपे हर इक हुनर से वाकिफ़ हूँ / कुमार नयन
- इबादतों की रात जैसी रात बन के आ गयी / कुमार नयन
- धूप है सहरा है अहले कारवां धीरे चलो / कुमार नयन
- कह रहे हैं लोग कुछ लोगों को मैं बहला रहा हूँ / कुमार नयन
- चांद क्या फूल क्या सुबू क्या है / कुमार नयन
- रस्मे-उल्फ़त को निभाते जाइये / कुमार नयन
- मुसीबत जब हमें अच्छी तरह पहचान लेती है / कुमार नयन
- ज़मीं के मालिकों ने हम पे ज़ुल्म ढाया बहुत / कुमार नयन
- तेरा ख़यालो-ख़्वाब सुहाना लगा मुझे / कुमार नयन
- हमारे नाम का चर्चा हुआ इसकी खुशी तो है / कुमार नयन
- उसूल तोड़े महब्बत के एदारे तोड़े / कुमार नयन
- रुख़ हवाओं का बहुत बदला हुआ है / कुमार नयन
- मिलती है इसमें कितनी खुशी आज़मा के देख / कुमार नयन
- कोई रिश्ता हो कुछ अपनी ज़रूरत ढूंढते हैं हम / कुमार नयन
- तुम्हारे रिश्ते की शायद कोई बुनियाद नहीं / कुमार नयन
- थक के दर्दो-ग़म चले जब सोने को / कुमार नयन
- आसमां का चमकता सितारा बनो / कुमार नयन
- रात के ओ हमसुखन ओ हमसफ़र जाने तो दो / कुमार नयन
- भूल जाते हो मियां अब मत भुलाना रास्ता / कुमार नयन
- फिर वही सय्याद है वो गुलसितां है / कुमार नयन
- ग़मज़दा हूँ देख रुसवाई नज़ारों की क़सम / कुमार नयन
- कभी उदास कभी दिल ये बेक़रार लगे / कुमार नयन
- तोड़ दो दोनों तरफ मंज़र दिखे उस पार का / कुमार नयन
- मौत बनकर दबोच ले न उलटकर मुझको / कुमार नयन
- इश्क़ होता तो मर गया होता / कुमार नयन
- जो हमारे रक़ीब होते हैं / कुमार नयन
- मिरी आंखों में तेरी परसाई झूम जाती है / कुमार नयन
- हिला के रख देती है कलेजा हवा का रुख़ टहनियों से पूछो / कुमार नयन
- आग में जलती सियासत को हवा मत दीजिये / कुमार नयन
- सुर्ख़ अपने खून से नीला गगन हो जायेगा / कुमार नयन
- मुश्किलों के हुक्म की ये ज़िन्दगी तामील है / कुमार नयन
- छुपाएं सर कहां जाकर कोई छप्पर नहीं मिलता / कुमार नयन
- क्या क्या न हम पे गुज़रा यहां हादिसात में / कुमार नयन
- मैं पैदा हुआ कर्ज़दारों में था / कुमार नयन
- बेचैन हसरतें हुईं जनाब कई बार / कुमार नयन
- न हो उदास ये कहते हैं हरसिंगार के गुल / कुमार नयन
- तुम्हारा झूठ बहुत लाजवाब लगता है / कुमार नयन
- किस क़दर मजबूर हैं कुछ आदमी / कुमार नयन
- ये सन्नाटा तो टूटे चाहे जो अंजाम हो जाये / कुमार नयन
- क्या ज़माने थे हमें सब देखते थे प्यार से / कुमार नयन