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* [[जफ़ा समझे, वफ़ा समझे, भला समझे, बुरा समझे / अजय अज्ञात]]
 
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* [[हरिक शै में तेरी मौजूदगी महसूस करता हूँ
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* [[हरिक शै में तेरी मौजूदगी महसूस करता हूँ / अजय अज्ञात]]
 
* [[किसी के हुस्न का नक्शा मुझे कामिल नहीं मिलता / अजय अज्ञात]]
 
* [[किसी के हुस्न का नक्शा मुझे कामिल नहीं मिलता / अजय अज्ञात]]
 
* [[हर वक्त दिल पे जैसे कोई बोझ सा रहा / अजय अज्ञात]]
 
* [[हर वक्त दिल पे जैसे कोई बोझ सा रहा / अजय अज्ञात]]

09:06, 30 सितम्बर 2018 का अवतरण

जज़्बात
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रचनाकार अजय अज्ञात
प्रकाशक शब्दांकुर प्रकाशन
वर्ष
भाषा हिंदी
विषय शायरी
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 100
ISBN
विविध
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