भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आईना-दर-आईना / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 115: पंक्ति 115:
 
* [[तुमने यार बजा फ़रमाया ग़ज़ल तो एक इशारा है / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[तुमने यार बजा फ़रमाया ग़ज़ल तो एक इशारा है / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[बडे आराम से वो क़त्ल करके घूमता है / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[बडे आराम से वो क़त्ल करके घूमता है / डी. एम. मिश्र]]
* [[अँधेरा है धना फिर भी ग़ज़ल पूनम की कहते हो / डी. एम. मिश्र]]
+
* [[अँधेरा है घना फिर भी ग़ज़ल पूनम की कहते हो / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[ग़ज़ल ऐसी कहो जिससे कि मिट्टी की महक आये / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[ग़ज़ल ऐसी कहो जिससे कि मिट्टी की महक आये / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[जि‍दगी में यूँ तो लाखों ग़म मिले / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[जि‍दगी में यूँ तो लाखों ग़म मिले / डी. एम. मिश्र]]

13:29, 2 जनवरी 2017 का अवतरण

आईना-दर-आईना
Aina-dar-Aina.jpg
रचनाकार डी. एम. मिश्र
प्रकाशक नमन प्रकाशन, अंसारी रोड दरियागंज नई दिल्ली
वर्ष 2016
भाषा हिंदी
विषय ग़ज़ल संग्रह
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 119
ISBN 978..8129..660..5
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।

रचनाएँ