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"दर्द बस्ती का / विनोद तिवारी" के अवतरणों में अंतर

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*[[एक जान दुख इतने सारे / विनोद तिवारी]]
 
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*[[जिन लोगों ने पत्थर मारे / विनोद तिवारी]]
 
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*[[ऊबड़-खाबड़ रस्ता जीवन इच्छाओं की गठरी सर / विनोद तिवारी]]
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*[[हो भले ही जाए सत्ता मांसाहारी / विनोद तिवारी]]
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*[[भावना विकलाँग हो कर जी रही है / विनोद तिवारी]]
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*[[क्या करे आदमी जब न मंज़िल मिले / तिवारी]]
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*[[भीड़ में ऐसे कोई इंसान की बातें करे / विनोद तिवारी]]
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*[[जीना है तो बदलते रहो मौसमों के साथ/ विनोद तिवारी]]
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*[[आँखें तो ढूँढती रहीं सपन-सपन-सपन / विनोद तिवारी]]
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*[[कुछ चाल बाज़  ले उड़े पते ख़ुशियों से भरे ख़ज़ानों के / विनोद तिवारी]]
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*[[इस शहर में कुछ नई बातें हुई हैं / विनोद तिवारी]]
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*[[क़ीमतें चढ़ती गई हैं इस क़दर बाज़ार की / विनोद तिवारी]]
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*[[इस शहर की हर गली में बस रहे बीमार लोग / विनोद तिवारी]]
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*[[ज़िंदगी जीने का कोई तो बहाना चाहिए / विनोद तिवारी]]
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*[[ख़ूब बरसे मेघ सागर के क़रीब / विनोद तिवारी]]
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*[[आपको तो है महज़ बढ़िया कहानी की तलाश / विनोद तिवारी]]
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*[[पूछना मत दोस्त मुझसे गीत क्योँ गाते हैं लोग / विनोद तिवारी]]
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*[[हम अलग-थलग रहे / विनोद तिवारी]]
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*[[बाहर चुप है अन्दर चुप / विनोद तिवारी]]
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*[[हमने तमाम उम्र महज़ काम ये किया / विनोद तिवारी]]
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*[[सड़कें भरी जलूस की आहो-कराह से / विनोद तिवारी]]
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*[[सिंधु के विस्तार में सम्मुख कई मंझधार हैं / विनोद तिवारी]]
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*[[सुख बड़े यत्न से पाए भी तो क्षणभर के मिले / विनोद तिवारी]]
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*[[ये उदासी से भरी बोझल फ़िज़ा / विनोद तिवारी]]
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*[[हिस्से में आई है यूँ भी राख चन्द मीठे सपनों की / विनोद तिवारी]]
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*[[कुछ विरासत थी कुछ कमाए भी / विनोद तिवारी]]
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*[[उनकी हर रात-जूही फूल हुआ करती है / विनोद तिवारी]]
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*[[रात के सुनसान में मिलती है आग / विनोद तिवारी]]
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*[[तुम्हारे कोश में वक्तव्य तो सुनहरे हैं / विनोद तिवारी]]
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*[[आपके झूठे सहारों का भरम टूट गया / विनोद तिवारी]]
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*[[रास्तों के घुमाव देख लिए / विनोद तिवारी]]
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*[[ग़लत है आग से कह दें पड़ेगा काम नहीं / विनोद तिवारी]]
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*[[मावस छाई दसों दिशा मेँ कब होगा उजियार यहाँ / विनोद तिवारी]]
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*[[कुछ इस क़दर ग़ुबार भरे दिन हैं आजकल / विनोद तिवारी]]
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*[[क्या करें और कहाँ जाएँ बताए कोई / विनोद तिवारी]]
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*[[कभी तो जागेगा वैताल देखते रहिए / विनोद तिवारी]]
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*[[कह दो धन से बल से शोहरत हासिल करने वालों से / विनोद तिवारी]]
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*[[किताब खोले कभी यूँ ही सोचता हूँ मैं / विनोद तिवारी]]
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*[[लिख गया नारे कोई दीवार पर / विनोद तिवारी]]
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*[[सुबह बनने चली दोपहर / विनोद तिवारी]]
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*[[दुनिया मस्त खिलौने पाकर हम सन्नाटा बुनते हैं / विनोद तिवारी]]
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*[[कहीं भी लेश अपनापन नहीं है / विनोद तिवारी]]
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*[[गुलदस्तों में कुछ कनेर के फूल बचे बीमारों से / विनोद तिवारी]]
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*[[किसी भी रात जब क़ाग़ज़-कलम उठाता हूँ / विनोद तिवारी]]
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*[[मिला जो यान वो टूटा हुआ मिला मुझको / विनोद तिवारी]]
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*[[रास्तों पर हर जगह परछाइयाँ बिखरी हुईं / विनोद तिवारी]]
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*[[हमारी क़ौम का इतिहास तो पुराना था / विनोद तिवारी]]
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*[[अब चलो मेहनतकशों के गीत गाएँ / विनोद तिवारी]]
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*[[लिख गया नारे कोई दीवार पर / विनोद तिवारी]]
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*[[ज़मीन पाँव तले आसमान सर पर है / विनोद तिवारी]]
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*[[जीए तो आपके हक़ में रहे दुआ करते / विनोद तिवारी]]
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*[[कामुकों का गाँव बेवा का शबाब / विनोद तिवारी]]
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*[[छा गए हैं आज फिर बादल घने  / विनोद तिवारी]]
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*[[ज़मीन पाँव तले आसमान सर पर है / विनोद तिवारी]]
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*[[काम सब ठप है कारख़ानों में / विनोद तिवारी]]
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*[[हर दिशा में घने कुहासे हैं / विनोद तिवारी]]
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*[[आपके घर रौशनी से भर गए हैं / विनोद तिवारी]]
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*[[गीत मन का दर्द सहलाते नहीं / विनोद तिवारी]]
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*[[देखिए कितने सोगवार हैं लोग / विनोद तिवारी]]
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*[[चलते जाने क धर्म हैं सड्कें / विनोद तिवारी]]
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*[[दो बस्तियों के बीच में बनने लगा है पुल / विनोद तिवारी]]
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*[[आँधियों से थे अनमने तिनके / विनोद तिवारी]]
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*[[अब सुलगती ज़िन्दगी के नाम अंगारे लिखो / विनोद तिवारी]]
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*[[मत कहो कि बाज़ुओं में शक्ति कम है / विनोद तिवारी]]
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*[[कभी तो जश्ने-चराग़ाँ शहर-शहर होगा / विनोद तिवारी]]
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*[[इस जहाँ से जो भी कुछ सीखा लिखा हमने / विनोद तिवारी]]

21:45, 22 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

दर्द बस्ती का
Dardbasteekaa 001.jpg
रचनाकार विनोद तिवारी
प्रकाशक नीलेश प्रकाशन,कृष्ण नगर,दिल्ली-५१
वर्ष १९८४
भाषा हिन्दी
विषय हिन्दी ग़ज़ल संकलन
विधा
पृष्ठ ८०
ISBN
विविध
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