भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 7: पंक्ति 7:
 
|जन्मस्थान=ग्राम हरिपुर, तहसील बेहट, जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश, भारत  
 
|जन्मस्थान=ग्राम हरिपुर, तहसील बेहट, जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश, भारत  
 
|कृतियाँ=माटी, पानी और हवा, अँजुरी भर आसीस, कुकड़ूकूँ, हुआ सवेरा, असभ्य नगर(लघुकथा संग्रह), खूँटी पर टँगी आत्मा(व्यंग्य -संग्रह)
 
|कृतियाँ=माटी, पानी और हवा, अँजुरी भर आसीस, कुकड़ूकूँ, हुआ सवेरा, असभ्य नगर(लघुकथा संग्रह), खूँटी पर टँगी आत्मा(व्यंग्य -संग्रह)
|विविध=आप केन्द्रीय विद्यालय आयुध उपस्कर निर्माणी, हज़रतपुर, जिला फ़िरोज़ाबाद, उत्तर प्रदेश में प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं।
+
|संपर्क:- Rameshwar Kamboj Himanshu
 +
HANS
 +
HARDWARE AND NETWORK SOLUTIONS
 +
SHOP NO. 38, CSC 7, D.D.A MARKET,  
 +
SECTOR 16,
 +
ROHINI
 +
(NEAR MANGAL BAZAR)
 +
9312401468
 +
9811193885
 +
 
 
|अंग्रेज़ीनाम=Rameshwar Kamboj Himanshu
 
|अंग्रेज़ीनाम=Rameshwar Kamboj Himanshu
 
|जीवनी=[[रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' / परिचय]]
 
|जीवनी=[[रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' / परिचय]]

13:45, 12 सितम्बर 2008 का अवतरण

रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
Rameshwer dayal kamboj.jpg
जन्म 19 मार्च 1949
निधन
उपनाम हिमांशु
जन्म स्थान ग्राम हरिपुर, तहसील बेहट, जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश, भारत
कुछ प्रमुख कृतियाँ
माटी, पानी और हवा, अँजुरी भर आसीस, कुकड़ूकूँ, हुआ सवेरा, असभ्य नगर(लघुकथा संग्रह), खूँटी पर टँगी आत्मा(व्यंग्य -संग्रह)
विविध
--
जीवन परिचय
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' / परिचय
कविता कोश पता
www.kavitakosh.org/{{{shorturl}}}



(मेरी नानी, भारी बस्ता, पत्ता, दादा जी, रोमा)
(चाचा जी का बन्दर, तारे, तितली रानी, नन्हीं चींटी, मुर्गा बोला)
(माली, मोर, माता-पिता, बापू, तिरंगा)
(तोता, फल, मोटूराम, मेंढक जी, सवाल)
(रेल चली, हाथी दादा, प्यारे बादल, सावन आया, बादल)
(जब खेलने आये बच्चे, हरी पत्तियाँ, अक्कड़-बक्कड़)
(लोरी, आ भाई सूरज, धूप की चादर)
(हम चाँद बनेंगे, सूरज का गुस्सा, सबसे प्यारे, दो बदमाश )
(लाल बुझक्कड़,मेरे मामा ,गुड़िया रानी )
(मेरा घोड़ा , काली बिल्ली,देश हमारा)
(हुआ सवेरा ,प्यारे पक्षी ,मीठी बोली, )
( जंगल का गीत ,बन्दर अफ़लातून,नटखट बन्दर)
( जब सूरज जग जाता है,घर में आई बिल्ली ,चन्दा मेरे घर आना )