हुस्ने-नज़र
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रचनाकार | रतन पंडोरवी |
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प्रकाशक | दर्पण पुब्लिकेशन्स, पठानकोट |
वर्ष | 2009 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | शायरी |
विधा | ग़ज़ल |
पृष्ठ | 120 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- दिल शाहजहानपुरी / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- नूह नारवी / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- अल्लामा मुनव्वर लखनवी / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- अल्लामा-ए-दौरां डॉ. अंदलीब शादानी / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- जनाब आबिद शाहजहानपुरी / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- मुंशी तिलोक चंद महरूम / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- प्रो आल अहमद सरूर / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- जनाब नज़्म आफंदी / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- प्रो रशीद अहमद सिद्दीक़ी / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- जनाब वामिक जौनपुरी / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- डॉ. सय्यद लतीफ़ हुसैन अदीब / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- द ट्रिब्यून (अख़बार) / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- डॉ. ज्ञान चंद / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- जनाब हावी / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- जनाब शिहाब सरमदी / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- जनाब तबस्सुम अलीपुरी / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- सय्यदा अंदलीब ज़ुहरा / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- प्रो निसार अटावी / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- हज़रत नासिर करनूली / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- हज़रत आलम युसूफ जाफ़री रहमानी / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- हज़रत शिफ़ा ग्वालियारी / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- अल्लामा तारा चरण रस्तोगी ताहिर / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- शायर, जोगी, ज्योतिषी / राजेन्द्र नाथ रहबर / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी
- अक़्ल वाले क्या समझ सकते हैं दीवाने की बात / रतन पंडोरवी
- क्या तिरी दरिया दिली है ऐ-खुदा मेरे लिये / रतन पंडोरवी
- शबे-फ़ुर्कत थे फ़क़त दो ही सहारे मुझ को / रतन पंडोरवी
- ख़ुदाया हुस्न वालों पर इनायत ये भी की होती / रतन पंडोरवी
- जब अपनी ज़िन्दगी तुम हो फिर उस का मुद्दआ तुम हो / रतन पंडोरवी
- मैं महवे-खुदा तू शाने-ख़ुदा मैं और नहीं तू और नहीं / रतन पंडोरवी
- बहार आई खिले गुल हाय रंगी लालाज़ारों में / रतन पंडोरवी
- आ गई आहे-शररबार ज़बां तक आखिर / रतन पंडोरवी
- दीवानगीए-दिल की तो अब हद नहीं कहीं / रतन पंडोरवी
- मौजों ने हाथ दे के उभारा कभी कभी / रतन पंडोरवी
- पी लिया जब से तिरी तेगे-अदा का पानी / रतन पंडोरवी
- रो रो के हम ने फर्द-ए-मआसी को धो दिया / रतन पंडोरवी
- मैं तेरी खोज में अल्लाह के घर तक पहुंचा / रतन पंडोरवी
- हम पहुंच तो गये हैं दरे-यार तक / रतन पंडोरवी
- कभी बर्बाद होता है कभी आबाद होता है / रतन पंडोरवी
- कभी उल्फ़त का किस्सा खोल कर कहना ही पड़ता है / रतन पंडोरवी
- न ज़िन्दगी ही में मिल सकी है न मर्ग पर ही खुशी मिलेगी / रतन पंडोरवी
- लुत्फ़ ख़ुदी यही है कि शान-ए-बक़ा रहूँ / रतन पंडोरवी
- इश्क़ में आती है मंज़िल एक और / रतन पंडोरवी
- वो रूए-पुरइताब दिखा कर चले गये / रतन पंडोरवी
- इक सितमगर ने मुझे आज बुला भेजा है / रतन पंडोरवी
- चश्मे-बातिन जो खुली शाने-हक़ीक़त देखी / रतन पंडोरवी
- पहुंचे न जो मुराद को वो मुद्दआ हूँ मैं / रतन पंडोरवी
- आज इस अंदाज़ से भड़की है मेरे दिल में आग / रतन पंडोरवी
- सितम की इंतिहा है और मैं हूँ / रतन पंडोरवी
- वफूरे-शौक़ से राहे-वफ़ा में नक़्शे-पा बन जा / रतन पंडोरवी
- कौन जाने इंतिहाए-दर्दे-दिल / रतन पंडोरवी
- मैं हूँ यादे-दिलरुबा है शब की तन्हाई भी है / रतन पंडोरवी
- ये तो माना क़ाबिले-अज़मत है परवाने की ख़ाक / रतन पंडोरवी
- घटा आ गयी झूम कर आसमां पर / रतन पंडोरवी
- ज़ेरे-ज़मीं कभी, भी सिद्रा-नशीं हूँ मैं / रतन पंडोरवी
- बक़ा का लुत्फ भी तो मौत की मंज़िल से उठता है / रतन पंडोरवी
- जुदा वो होते तो हम उन की जुस्तजू करते / रतन पंडोरवी
- ख़्वाब ही में रुख़-ए-पुर-नूर दिखाए कोई / रतन पंडोरवी
- राज़े-हस्ती क़ज़ा से पूछूँगा / रतन पंडोरवी
- इश्क़ क्या है हुस्न की तस्वीर है / रतन पंडोरवी
- ग़म की बस्ती अजीब बस्ती है / रतन पंडोरवी
- ज़ख़्मे-जिगर का हाल न उन की नज़र से पूछ / रतन पंडोरवी
- खा के गुस्सा वो निकले हैं घर से / रतन पंडोरवी
- हुस्न से दिल लगा के देख लिया / रतन पंडोरवी
- सुनो ऐ जीने वालो! दहर में जीना ही पड़ता है / रतन पंडोरवी
- जिस को हो चाह से नफ़रत उसे चाहें क्यों कर / रतन पंडोरवी
- आप अपनी तलाश करता हूँ / रतन पंडोरवी
- किस क़दर बे दर्द देखा उस परी पैकर का दिल / रतन पंडोरवी
- बज़्मे-जहां में कोई बशर मुतमइन नहीं / रतन पंडोरवी
- सर दरे-यार पे रख कर न उठाया हम ने / रतन पंडोरवी
- ज़बां खुली न कभी शरहे-दास्तां के लिए / रतन पंडोरवी
- वो तसव्वुर में रहे पेशे-नज़र फ़ुर्क़त की रात / रतन पंडोरवी
- देखिये अब उज़्र क्या हो बख्शिशे-दीदार पर / रतन पंडोरवी
- दिल बिक चुका है जब से किसी दिलरुबा के साथ / रतन पंडोरवी
- हक़ीक़त में हसीं कोई नहीं है / रतन पंडोरवी
- हैरत से देखता हूँ हर इक नक़्शे-पा को मैं / रतन पंडोरवी
- अब दिल ग़मे-हयात की मंज़िल नहीं रहा / रतन पंडोरवी
- सरापा जल्वए-मस्तूर है तस्वीर पत्थर की / रतन पंडोरवी
- ऐन राहत हैं क़फ़स की तीलियां मेरे लिए / रतन पंडोरवी
- बादलों ने बांध रक्खी है हवा बरसात की / रतन पंडोरवी
- तय हुई उन से मुलाक़ात की बात / रतन पंडोरवी
- महबूब के गुस्से की अदा और ही कुछ है / रतन पंडोरवी
- ज़मीं रहे न रहे आसमां रहे न रहे / रतन पंडोरवी
- अचानक खिंच गई ये कौन सी तस्वीर आंखों में / रतन पंडोरवी
- दिल तफ्ता जिगर सोख्ता तन ख़ाक बसर है / रतन पंडोरवी
- इश्क़ में जब हमको जीना आ गया / रतन पंडोरवी
- सबक़ हम को मिला ये ज़िन्दगी से / रतन पंडोरवी
- हुस्न है इश्क़ की तक़दीर बनाने वाला / रतन पंडोरवी
- आंसू के टपकने का असर हो के रहेगा / रतन पंडोरवी
- हर मुसीबत ऐश का पैग़ाम है / रतन पंडोरवी
- खुद ही खुद लर फिदा हो गये हम / रतन पंडोरवी
- बन्दगी खत्म है बस आंख के वा होने तक / रतन पंडोरवी
- बद नसीबी में हों आहें बा-असर मुमकिन नहीं / रतन पंडोरवी
- जो महब्बत में फ़ना होता है / रतन पंडोरवी