भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"खुली आँखों में सपना / परवीन शाकिर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 26: पंक्ति 26:
 
* [[टूटी है मेरी नींद मगर तुमको इससे क्या / परवीन शाकिर]]
 
* [[टूटी है मेरी नींद मगर तुमको इससे क्या / परवीन शाकिर]]
 
* [[कैद में गुज़रेगी जो उम्र बड़े काम की थी  / परवीन शाकिर]]
 
* [[कैद में गुज़रेगी जो उम्र बड़े काम की थी  / परवीन शाकिर]]
* [[आँखों में थकन धनक बदन पर / परवीन शाकिर]]
+
* [[आँखों में थकन, धनक बदन पर / परवीन शाकिर]]
 
* [[घर की याद है और दरपेश सफ़र भी है / परवीन शाकिर]]  
 
* [[घर की याद है और दरपेश सफ़र भी है / परवीन शाकिर]]  
 
* [[गज़ाल-ए-शौक की वहशत अजब थी  / परवीन शाकिर]]
 
* [[गज़ाल-ए-शौक की वहशत अजब थी  / परवीन शाकिर]]

20:04, 27 जनवरी 2010 का अवतरण

खुली आँखों में सपना
Khuli aankho.jpg
रचनाकार परवीन शाकिर
प्रकाशक डायमण्ड पॉकेट बुक्स, नई दिल्ली
वर्ष 2005
भाषा हिंदी
विषय
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 173
ISBN 81-288-0868-0
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।


नज़्में