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"आदिम राग सुहाग का / कुमार रवींद्र" के अवतरणों में अंतर
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13:34, 19 दिसम्बर 2018 के समय का अवतरण
आदिम राग सुहाग का
रचनाकार | कुमार रवींद्र |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | हिन्दी |
विषय | श्रृंगार |
विधा | गीत |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- अनुभव हुए प्रयाग-से / कुमार रवींद्र
- दूध-भिगोये इस मौसम में / कुमार रवींद्र
- दिन वसंत के / कुमार रवींद्र
- आया वसंत / कुमार रवींद्र
- आज सुबह ही / कुमार रवींद्र
- तुम्हें देखकर / कुमार रवींद्र
- यह वसंत की रात / कुमार रवींद्र
- दिन गुलाब की पँखुरी / कुमार रवींद्र
- सखी, पर्व है उजियारे का / कुमार रवींद्र
- सबके भीतर ज्वार नेह का / कुमार रवींद्र
- सजनी, यह क्या / कुमार रवींद्र
- वही पुरानी पगडंडी यह / कुमार रवींद्र
- तुम...हवा मधुमास की / कुमार रवींद्र
- हम जब बीतें कल / कुमार रवींद्र
- जाने कब संझा आ जाये / कुमार रवींद्र
- सगुनपाखी रहा हमको टेर / कुमार रवींद्र
- सजनी देखे / कुमार रवींद्र
- नेह-बँधी यह देह हमारी / कुमार रवींद्र
- 'थैंक यू', सजनी / कुमार रवींद्र
- चलो... बैठें कहीं चलकर / कुमार रवींद्र
- जब हवाएँ गीत होंगीं / कुमार रवींद्र
- चलो घर की ओर, सजनी / कुमार रवींद्र
- सखी, ये हैं गीत वे ही / कुमार रवींद्र
- इस घटा के छोर पर / कुमार रवींद्र
- घुप अँधियारे में / कुमार रवींद्र
- रँग गुलाल के / कुमार रवींद्र
- मधुमास की पगडंडियाँ / कुमार रवींद्र
- ऋतु वासन्ती / कुमार रवींद्र
- उग आये ढाई आखर हैं / कुमार रवींद्र
- वही पुरानी पगडंडी यह / कुमार रवींद्र
- घर ज़िंदा है / कुमार रवींद्र
- याद आओगी बहुत तुम / कुमार रवींद्र
- गा रही हैं नम हवाएँ / कुमार रवींद्र
- सुनो तो, सजनी / कुमार रवींद्र
- सुनना सजनी / कुमार रवींद्र
- जब कभी भी / कुमार रवींद्र
- फोटो नानी की / कुमार रवींद्र
- क्या करिये / कुमार रवींद्र
- ज्वार नेह का / कुमार रवींद्र
- तुमने विदा कहा / कुमार रवींद्र
- ज़रा सुनो तो / कुमार रवींद्र
- सरसों फूली उधर खेत में / कुमार रवींद्र
- गीत यह अंतिम हमारा / कुमार रवींद्र
- रात बीते हम न होंगे / कुमार रवींद्र
- ये हमारे गीत तो होंगे / कुमार रवींद्र
- चाँद भी तो है नदी में / कुमार रवींद्र
- हमें याद है / कुमार रवींद्र
- कैसा जादू / कुमार रवींद्र
- छुआ तुमको / कुमार रवींद्र
- देखो, सजनी / कुमार रवींद्र
- हाथ पत्थर के हुए / कुमार रवींद्र
- चलो सजनी / कुमार रवींद्र
- हम वसंत बन कर / कुमार रवींद्र
- नया साल है बाहर आया / कुमार रवींद्र
- आओ चलो / कुमार रवींद्र
- सुनना सजनी / कुमार रवींद्र
- नदी को फिर नाव की / कुमार रवींद्र
- तुम नदी हो सदानीरा / कुमार रवींद्र
- हुआ फागुनी चित्त हमारा / कुमार रवींद्र
- तुम आई हो / कुमार रवींद्र
- रहे मन वही उत्सवी / कुमार रवींद्र
- तुम्हीं तुम हो / कुमार रवींद्र
- तुम न आओगी, सखी, तो / कुमार रवींद्र
- इच्छावृक्ष रहे फूला / कुमार रवींद्र
- तुमने मधुमास लिखा / कुमार रवींद्र
- द्वार पर आया भिखारी / कुमार रवींद्र
- पिछली हर गंध को / कुमार रवींद्र
- एक गुलाबी ख़त / कुमार रवींद्र
- दस्तक अंदर से वसंत की / कुमार रवींद्र
- सच में सजनी / कुमार रवींद्र
- ये अनुरागी दिन वसंत के / कुमार रवींद्र
- सुनना सजनी / कुमार रवींद्र
- हाँ, कल ही तो / कुमार रवींद्र
- पूरा घर रोमांस हुआ / कुमार रवींद्र
- ले चलो उस गाँव, सजनी / कुमार रवींद्र
- साँझ ढल चुकी / कुमार रवींद्र
- कमरे में तुम थीं / कुमार रवींद्र
- पूरा सुख है / कुमार रवींद्र
- यह देह-छुवन की रात, सखी / कुमार रवींद्र
- बिना तुम्हारे / कुमार रवींद्र
- सखी, रिमझिम राग बरसा / कुमार रवींद्र
- बहुत कठिन है / कुमार रवींद्र
- उग आते मरुथल के टीले / कुमार रवींद्र
- छवि उसकी / कुमार रवींद्र
- नेह-लिखा यह गीत / कुमार रवींद्र
- चाँद शायद हो अभी भी / कुमार रवींद्र
- हाँ, बोलो / कुमार रवींद्र
- सखी, खास है / कुमार रवींद्र
- दोनों ओर गीत वासंती / कुमार रवींद्र
- हवाएँ गीत फिर गाने लगीं / कुमार रवींद्र
- पैठी हँसी साँस में / कुमार रवींद्र
- और हम सूरज हुए / कुमार रवींद्र
- सुख-दुख के संगी हम / कुमार रवींद्र
- दिन गीतों के / कुमार रवींद्र
- गई-रात की घटनाओं ने / कुमार रवींद्र
- मेघा बरसे सखी, रात भर / कुमार रवींद्र
- शपथ तुम्हारी कनखी की / कुमार रवींद्र
- आधा-परधा गीत हमारा / कुमार रवींद्र
- धूप की नन्हीं चिरइया आई भीतर / कुमार रवींद्र
- सुनो सजनी / कुमार रवींद्र
- तुम सुहाग के फूल खिलाना / कुमार रवींद्र
- देवों की कथा कह रहे तारे / कुमार रवींद्र
- नये हुए थे इन्द्रधनुष हम / कुमार रवींद्र
- ऋतु क्या बदली / कुमार रवींद्र
- सुनो सरला / कुमार रवींद्र
- यात्रा यह रही जो आधी सदी की / कुमार रवींद्र
- धूप भी मीठी बड़ी थी / कुमार रवींद्र
- नाव किरणों से लदी है / कुमार रवींद्र
- कहो सखी / कुमार रवींद्र
- सखी, नहीं तुम / कुमार रवींद्र
- फूलों से बतियाये देर हुई / कुमार रवींद्र
- दिन सुंदर है / कुमार रवींद्र