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नज़ीर बनारसी
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नज़ीर बनारसी
जन्म | 25 नवम्बर 1909 |
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निधन | 23 मार्च 1996 |
उपनाम | बनारसी |
जन्म स्थान | बनारस, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
गंगो जमन, जवाहर से लाल तक, गुलामी से आजादी तक, चेतना के स्वर, किताबे गजल, राष्ट्र की अमानत राष्ट्र के हवाले | |
विविध | |
राजकमल प्रकाशन से मूलचंद सोनकर के संपादकत्व में 'नजीर बनारसी की शायरी' नामक पुस्तक प्रकाशित हुई है | |
जीवन परिचय | |
नज़ीर बनारसी / परिचय |
प्रतिनिधि रचनाएँ
- बुतख़ाना नया है न ख़ुदाख़ाना नया है / नज़ीर बनारसी
- इक रात में सौ बार जला और बुझा हूँ / नज़ीर बनारसी
- ख़मे मेहराबे हरम भी ख़मे अब्रू तो नहीं / नज़ीर बनारसी
- बुझा है दिल भरी महफिल को रौशनी देकर / नज़ीर बनारसी
- हर गाम पे हुशियार बनारस की गली में / नज़ीर बनारसी
- गंगा का है लड़कपन गंगा की है जवानी / नज़ीर बनारसी
- मुफ़लिसी थी तो उसमें भी एक शान थी (प्रेमचन्द) / नज़ीर बनारसी
- मादरे-हिन्द से / नज़ीर बनारसी
- किसने झलक पर्दे से दिखा दी / नज़ीर बनारसी
- कभी खामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे / नज़ीर बनारसी
- हमने तो नहीं जाना तिनके का सहारा भी / नज़ीर बनारसी
- हम निगाहे हुस्न से लेकर मुहब्बत की किरन / नज़ीर बनारसी
- ज़ियादा प्यार से देखा न जाये / नज़ीर बनारसी
- सुना है कि उनसे मुलाकात होगी / नज़ीर बनारसी
- इक तरफ गुंजान बस्ती इक तरफ सुनसान बन / नज़ीर बनारसी
- किसकी पाकीजा निगाहें मुझसे बरहम हो गयीं / नज़ीर बनारसी
- न जिन्दगी में ही तय हो तो मरहला कैसा / नज़ीर बनारसी
- तकलीफ मेरी ऐ मिरे आराम जाँ न पूछ / नज़ीर बनारसी
- तरह-तरह की मुसीबत और एक जाँ के लिये / नज़ीर बनारसी
- ये किसने गला घोंट दिया जिन्दादिली का / नज़ीर बनारसी
- बज़्म पर बार हो, इतना भी कोई सर न चढे़ / नज़ीर बनारसी
- जो आजादी की मीरे कारवाँ है / नज़ीर बनारसी
- जाओ मगर इस आने को एहसाँ नहीं करते / नज़ीर बनारसी
- जिसको नसीबे लज्ज़ते आज़ार भी नहीं / नज़ीर बनारसी
- कैसे यकीन कर लूँ कि फिर आइयेगा आप / नज़ीर बनारसी
- मेरे होते भी अगर उनको न आराम आया / नज़ीर बनारसी
- तूफाँ से थपेड़ों के सहारे निकल आये / नज़ीर बनारसी
- ये कौन बिस्तरे शब से उठा सहर की तरह / नज़ीर बनारसी
- सज़ा की तरह से काटी है ज़िन्दगी हमने / नज़ीर बनारसी
- सूखती शाखों में फिर दम आ गया / नज़ीर बनारसी
- मेरी अजल को मेरा निगहबान कर दिया / नज़ीर बनारसी
- हरदम मिरी अजल मिरे सर पर खड़ी रही / नज़ीर बनारसी
- बुतखाना नया है न खुदाखाना नया है / नज़ीर बनारसी
- मिरे ख़याल ने पहुँचा दिया है किसके पास / नज़ीर बनारसी
- करें हम उनसे अर्जे मुद्दआ क्या / नज़ीर बनारसी
- गुलबदन, गुल पैरहन गुंचा दहन याद आ गया / नज़ीर बनारसी
- गेसू है कि भादों का घटाटोप अँधेरा / नज़ीर बनारसी
- हर तबस्सुम एक तोहमत हर हँसी इल्जाम है / नज़ीर बनारसी
- चलिये तो मिरे साथ जरा राहगुजर तक / नज़ीर बनारसी
- अपने सर हर इक मुसाफिर की बला लेने के बाद / नज़ीर बनारसी
- न देखों पीछे आगे बढ़ने वालों का समाँ देखो / नज़ीर बनारसी
- मिट गया था इख्तिलाफे बाहमी कल रात को / नज़ीर बनारसी
- जल्वा कहाँ कि जोरे नजर आज़मायें हम / नज़ीर बनारसी
- जान कर बन रही है क्यों अनजान / नज़ीर बनारसी
- मेरी खातिर नुमायाँ कौन होगा / नज़ीर बनारसी
- मिल के इक दीवाने को आये हैं समझाने कई / नज़ीर बनारसी
- मुझको मेरे हाल पर अब छोड़िए / नज़ीर बनारसी
- खमे मेहराबे हरम भी खमे अब्रू तो नहीं / नज़ीर बनारसी
- मिरे सर कर्ज है कुछ जिन्दगी का / नज़ीर बनारसी
- मेरी खामोशी पे इक हंगामा-ए-तकरीर है / नज़ीर बनारसी
- ऐसी सहर कि जिसमें कोई जल्वागर न हो / नज़ीर बनारसी
- गुंचा-ओ-गुल की कमी है न बहाराँ की कमी / नज़ीर बनारसी
- करते हैं खत्म गम का फ़साना यहाँ से हम / नज़ीर बनारसी
- मस्जिदों-मन्दिर कलीसा सब में जाना चाहिए / नज़ीर बनारसी
- रहिये अगर वतन में तो इन्साँ की शान से / नज़ीर बनारसी
- मेरी तकलीफ को राहत की कोई शाम न दो / नज़ीर बनारसी
- इक भिखारी से भिखारी आके क्या ले जायेगा / नज़ीर बनारसी
- तिरी मौजूदगी में तेरी दुनिया कौन देखेगा / नज़ीर बनारसी
- रात की ताक में है सवेरा / नज़ीर बनारसी
नज़्में
- वक़्त का फरमान भारत के नाम / नज़ीर बनारसी
- कैसे-कैसे जेहन को फिरकापरस्ती खा गयी / नज़ीर बनारसी
- फिरकापरस्ती का चैलेंज / नज़ीर बनारसी
- फिरकापरस्ती का चैलेंज का जवाब / नज़ीर बनारसी
- भारतमाता का संदेश / नज़ीर बनारसी
- जागरण गान / नज़ीर बनारसी
- देश सिंगार / नज़ीर बनारसी
- ऐ साथी / नज़ीर बनारसी
- बच्चों का गीत / नज़ीर बनारसी
- युवा पीढ़ी का तराना / नज़ीर बनारसी
- चलो कुछ काम की बातें करें / नज़ीर बनारसी
- इन्सानियत की पुकार / नज़ीर बनारसी
- तवानाई / नज़ीर बनारसी
- यह नहीं राहें मुहब्बत का चलन / नज़ीर बनारसी
- हम दोनों / नज़ीर बनारसी
- काशी / नज़ीर बनारसी
- बनारस की गली / नज़ीर बनारसी
- जिसको कहते है बनारस / नज़ीर बनारसी
- गंगा / नज़ीर बनारसी
- गंगा का प्रदूषण / नज़ीर बनारसी
- गंगा के तीन रूप / नज़ीर बनारसी
- प्यारा हिन्दुस्तान / नज़ीर बनारसी
- ई. के शहीदों की याद में / नज़ीर बनारसी
- जुगनू की मौत / नज़ीर बनारसी
- फूलों की नुमाइश / नज़ीर बनारसी
- महाकवि कालिदास / नज़ीर बनारसी
- कबीर / नज़ीर बनारसी
- बाबा गुरूनानक की पाँचवी शताब्दी पर / नज़ीर बनारसी
- महाकवि तुलसीदास (रूबाइयाँ) / नज़ीर बनारसी
- गुरूदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर - एक / नज़ीर बनारसी
- गुरूदेव रवीन्द्र नाथ टेैगोर - दो / नज़ीर बनारसी
- प्रेमचन्द / नज़ीर बनारसी
- महाकवि निराला - एक / नज़ीर बनारसी
- महाकवि निराला - दो / नज़ीर बनारसी
- सितारे झिलमिलाते हैं सवेरा होने वाला है / नज़ीर बनारसी
- इस कटौती की मैयत उठायेंगे हम / नज़ीर बनारसी
- कटौती का दसवाँ / नज़ीर बनारसी
- मुक्तक / नज़ीर बनारसी