भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पद-रत्नाकर / भाग- 5 / हनुमानप्रसाद पोद्दार" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 99: पंक्ति 99:
 
* [[बनूँ सदा रोगी की औषध / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
 
* [[बनूँ सदा रोगी की औषध / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
 
* [[प्रभुका लीला-मञ्च बने / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
 
* [[प्रभुका लीला-मञ्च बने / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
 +
* [[चित्त करे प्रभु का चिन्तन नित / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
 
* [[करूँ कुछ भी, कहूँ कुछ भी / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
 
* [[करूँ कुछ भी, कहूँ कुछ भी / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
 
* [[तुमहि तजि जाऊँ कहाँ अब प्यारे / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]
 
* [[तुमहि तजि जाऊँ कहाँ अब प्यारे / हनुमानप्रसाद पोद्दार]]

17:23, 24 अगस्त 2014 का अवतरण

पद

प्रबोध-चेतावनी

अभिलाषा