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अभी इक ख़्वाब बाक़ी है / सिया सचदेव
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अभी इक ख़्वाब बाक़ी है
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रचनाकार | सिया सचदेव |
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इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- मसायब से भरी ये ज़िंदगी आसान कर या रब / सिया सचदेव
- अहल ए सितम को हक़ है रक्खें जिस शुमार में / सिया सचदेव
- दर्द का रिश्ता हमारे दरम्याँ बाक़ी रहा / सिया सचदेव
- ख़ुदा करे मेरी मंज़िल का ये इशारा हो / सिया सचदेव
- नज़र से खुद को मैं अपनी गिरा नहीं सकती / सिया सचदेव
- 'इक इक करके सबने ही मुंह मोड़ लिया / सिया सचदेव
- हद्दों को पार न करती तो और क्या करती / सिया सचदेव
- थोड़ी ख़ुद्दार सी ज़ात है / सिया सचदेव
- तेरे नाम से नाम वालों में आये / सिया सचदेव
- वाक़िफ़ न अपनी रात, न अपनी सहर से मैं / सिया सचदेव
- रहे महरूम ए मंज़िल दरबदर की खाक़ ही छानी / सिया सचदेव
- यूँ नक्श अपना छोड़ के जायेंगे एक दिन / सिया सचदेव
- जिनकी हँसी में हमने हमेशा उड़ायी बात / सिया सचदेव
- मुझे सर झुकाने की आदत नहीं है / सिया सचदेव
- कोई संग हो मुझसे बेहतर कहाँ है / सिया सचदेव
- उसे पूरा ही करके मानती हूँ / सिया सचदेव
- उफ़ मैं इतना भी कर नहीं पाई / सिया सचदेव
- मेरी इक पंजाबी ग़ज़ल... / सिया सचदेव
- घना घना जो अँधेरा दिखायी देता है / सिया सचदेव
- बढ़ने लगे हैं ज़ेहन में खदसात किस क़दर / सिया सचदेव
- माँ जो तू आज मेरे साथ नहीं / सिया सचदेव
- उसकी चश्मे-मोतबर तक आ गए / सिया सचदेव
- फूल इक उम्मीद का है जो के मुरझाया नहीं / सिया सचदेव
- दिल में सोयी हुई यादों को जगाया न गया / सिया सचदेव
- वो सुनाते रहे दास्ताँ देर तक / सिया सचदेव
- बर्ग में गुल में शज़र में तू नज़र आने लगे / सिया सचदेव
- हद्दों को पार न करती तो और क्या करती / सिया सचदेव
- मेरे मरने पे भी मातम न होंगे / सिया सचदेव
- बिछड़ के मुझसे मेरा इंतज़ार करता है / सिया सचदेव
- चलती फिरती किताब से कम है / सिया सचदेव
- मुश्किलों को घर बुलाना चाहिए / सिया सचदेव
- हँसते हँसते तेरी दुनिया से चले जायेगे / सिया सचदेव
- वक़्त रफ़्तार से अपनी चलता रहा / सिया सचदेव
- इल्म से कल हो सुनहरा ये बताया जाए / सिया सचदेव
- मुसीबत से उनको रिहाई नहीं है / सिया सचदेव
- हो रहा हर तरफ क़त्ल ए आम आज भी / सिया सचदेव
- दिल बयाबां है आँख है वीरान / सिया सचदेव
- वो ऐसे रिश्ते निभा रहा था / सिया सचदेव
- इखलाक़ की पूंजी को लुटाना नहीं भूले / सिया सचदेव
- हम तो अभी बचपन का ज़माना नहीं भूले / सिया सचदेव
- जिसको देखो ख़ुशी का तलबगार है / सिया सचदेव
- माँ बाप की दुआओं में इतना असर भी है / सिया सचदेव
- दिल मिले तो जुदा नहीं होता / सिया सचदेव
- अब भी दिल में कई अरमान सजा रक्खे हैं / सिया सचदेव
- एक चेहरा जो बहुत हँसता हुआ / सिया सचदेव
- मैंने चाहत का खुदा किसको बना रक्खा था / सिया सचदेव
- क़ुर्बत के बावजूद भी क्यूँ फ़ासला हुआ / सिया सचदेव
- जैसे जीवन से साँसों का ये बंधन आवश्यक है, / सिया सचदेव
नज़्म
- डरा सहमा हुआ सा हर बशर है / सिया सचदेव
- हादसे गुज़रे है दिल पर मेरे दो चार अभी / सिया सचदेव
- ऐसा टूटा भ्रम मोहब्बत का / सिया सचदेव
- उसको तो बस जाना था / सिया सचदेव
- हो सके तो मुझे भुला देना / सिया सचदेव
- मुझको बुला रहे हैं सितारे पुकार के / सिया सचदेव
- तल्ख़ लफ़्ज़ो के ऐसे वार हुए / सिया सचदेव
- मुसीबत के समय दिल सब्र के साये में रहता है / सिया सचदेव
- तुम्हारी याद / सिया सचदेव
- वो दिल जो तेरी याद से बेज़ार नहीं है / सिया सचदेव
- वो अपना है पराया तो नहीं है / सिया सचदेव
- जब दरे दिल पे दस्तकें होंगी / सिया सचदेव
पंजाबी ग़ज़ल
- हाल दिल का सराब जैसा था / सिया सचदेव
- न सोचियें तो ये जीवन भी है मरण मित्रों / सिया सचदेव
- =उड़ान / सिया सचदेव
- भीगती शब चाँद सन्नाटा सितारे सब्ज़ाज़ार / सिया सचदेव
- उसे पूरा ही करके मानती हूँ / सिया सचदेव
- ख़ुशी दहलीज़ से ही उलटे पावँ लौट जाती है / सिया सचदेव
- इक इक करके सबने ही मुंह मोड़ लिया / सिया सचदेव