भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आखर री आँख सूं / सांवर दइया

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आखर री आँख सूं
Akharriakhansoo.jpg
रचनाकार सांवर दइया
प्रकाशक स्वस्तिक साहित्य सदन,
बीकानेर (राजस्थान)
वर्ष 1988
भाषा राजस्थानी
विषय कविता
विधा मुक्त छंद
पृष्ठ 80
ISBN
विविध राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर के सहयोग से प्रकाशित ।
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।

आखर अखत : आखर पुसब

टाबर ई कथैला

रंग रूडा दीठावां सागै

हालतांई याद है