भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
ज़िन्दगी ख़ामोश कहाँ / मोहम्मद इरशाद
Kavita Kosh से
ज़िन्दगी ख़ामोश कहाँ
रचनाकार | मोहम्मद इरशाद |
---|---|
प्रकाशक | सर्जना प्रकाशन, बीकानेर |
वर्ष | 2008 |
भाषा | हिन्दी-उर्दू |
विषय | ग़ज़ल |
विधा | |
पृष्ठ | 80 |
ISBN | 978-81-89303-30-3 |
विविध | रचनाकार अब इरशाद अज़ीज़ के नाम से लिखते हैं। |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
नोट: इस पुस्तक के बाद रचनाकार ने लेखन कार्य के लिए इरशाद अज़ीज़ नाम चुना।
- जीने का हुनर / मोहम्मद इरशाद
- रोज़ो शब का मुआमला क्या है / मोहम्मद इरशाद
- दुनिया में यूँ भी हमने गुज़ारी है ज़िन्दगी / मोहम्मद इरशाद
- रोतों का तुम हँसाओगे अच्छा ख़याल है / मोहम्मद इरशाद
- आप भी मेरी तरह हर ग़म में मुस्कराइये / मोहम्मद इरशाद
- तीरगी अब तो हमें रोशनी सी लगती है / मोहम्मद इरशाद
- थोड़ी सी बेवफाई करली है ज़िन्दगी से / मोहम्मद इरशाद
- सच बोलो मुलाकात हुई क्या / मोहम्मद इरशाद
- तोड़ा है दिल किसने तुम्हारा बता देते / मोहम्मद इरशाद
- तन्हा शुरू किया था जो सफर कैसा है / मोहम्मद इरशाद
- मेरे लिए तू ख़ुद को यूँ ख़ुद से जुदा न कर / मोहम्मद इरशाद
- रखते है इत्तिफाक जब / मोहम्मद इरशाद
- हर पल की तुम बात न पूछो / मोहम्मद इरशाद
- हम ने तो सब के वास्ते / मोहम्मद इरशाद
- अब जा के जिन्दगी को समझने लगा हूँ मैं / मोहम्मद इरशाद
- वक्त के दरिया में बहता जा रहा है आदमी / मोहम्मद इरशाद
- मुझको जीने का इक वो हुनर दे गया / मोहम्मद इरशाद
- ऐ जिन्दगी हम तुमसे मुलाकात करेंगे / मोहम्मद इरशाद
- तन्हा तन्हा रहते हो / मोहम्मद इरशाद
- मंजिले दर मंजिले है फासले दर फासले / मोहम्मद इरशाद
- वो हैं आमादा दिल दुखाने में / मोहम्मद इरशाद
- मैं उनके एतबार के काबिल नहीं रहा / मोहम्मद इरशाद
- आदमी ख़ुद से मिला हो तो गज़ल होती है / मोहम्मद इरशाद
- दिल से अपने गम जमाने का लगाए बैठे हैं / मोहम्मद इरशाद
- तन्हा हूँ ज़िन्दगी के सफर में भी दोस्तों / मोहम्मद इरशाद
- हम से वो पूछते हैं कि क्या है ये ज़िन्दगी / मोहम्मद इरशाद
- गैर भी समझो तो हर गम की दवा करते हैं / मोहम्मद इरशाद
- चढ़ता हुआ दरिया भी उतर जायेगा इक दिन / मोहम्मद इरशाद
- जब भी मिलता है हँस के मिलता है / मोहम्मद इरशाद
- आ गया तुम को भी आख़िर फरेब का इल्मो-हुनर / मोहम्मद इरशाद
- पत्थर हैं लोग सब यहाँ जज़्बात कुछ नहीं / मोहम्मद इरशाद
- उफ ये घुटन और ये अँधेरा अजीब लगता है / मोहम्मद इरशाद
- जब वो मुझसे मिलना आया / मोहम्मद इरशाद
- हमसे कसम हर बात पे खाई नही जाती / मोहम्मद इरशाद
- पुराना किस्सा है फिर भी नया-नया सा है / मोहम्मद इरशाद
- जब तू मुझको छोड़ गया था / मोहम्मद इरशाद
- ज़िन्दगी से हज़ारो शिकवे हैं / मोहम्मद इरशाद
- शाम जब पीने को बैठे याद तेरी आ गई / मोहम्मद इरशाद
- ये सच है कि हरेक से मिलता नहीं हूँ मैं / मोहम्मद इरशाद
- रिश्तों के दायरे तो सिमटते चले गये / मोहम्मद इरशाद
- मैं जिस तरफ गया उधर बेबसी मिली / मोहम्मद इरशाद
- अच्छे हैं हम सुन के तुम बीमार हो गए / मोहम्मद इरशाद
- वो कौन है क्यूँ मुझको फिर सदा देता है / मोहम्मद इरशाद
- दुनिया अब हमज़ात नहीं है / मोहम्मद इरशाद
- कहिये ज़नाब आप किधर के कहाँ के हैं / मोहम्मद इरशाद
- आप किस बात पे मगरूर हो गये / मोहम्मद इरशाद
- आप अपने गमो का हिसाब रखिये / मोहम्मद इरशाद
- ऐ-काश के वो मेरा कभी हमसफर होता / मोहम्मद इरशाद
- ख़ुद में भी तो डूबा कर / मोहम्मद इरशाद
- आयेगा उनका सामने किरदार देखना / मोहम्मद इरशाद
- दुनिया की हर ख़ुशी मुझको मिली है / मोहम्मद इरशाद
- हम दोनों में अच्छा कौन / मोहम्मद इरशाद
- इस बयाबाँ में अपना बन के पुकारे कोई / मोहम्मद इरशाद
- क्या हुआ क्यूँ आपका चेहरा है उतरा हुआ / मोहम्मद इरशाद
- ख़त्म इंसां की यूं ज़िन्दगानी हुई / मोहम्मद इरशाद
- रिश्ता-नाता, प्यार है क्या / मोहम्मद इरशाद
- ज़िन्दगी कितनी ख़ूबसूरत है / मोहम्मद इरशाद
- मालूम है मुझे की चाँद दागदार है / मोहम्मद इरशाद
- आँखों से जो टपके है सितारे लिखो / मोहम्मद इरशाद
- झूठ को यूँ सच बता के मुस्करा दिये / मोहम्मद इरशाद
- कुछ लोग जी रहे हैं वहमों-गुमान में / मोहम्मद इरशाद
- जीने की मैं बात करूँ तो उसको धोखा लगता है / मोहम्मद इरशाद
- हैरत भरी निगाह से देखा न कर मुझे / मोहम्मद इरशाद
- कुछ हादसे हैं जो भुलाये नहीं जाते / मोहम्मद इरशाद
- ज़िक्र मेरा जो बुराई में भी करता होगा / मोहम्मद इरशाद
- इक पल की ज़िन्दगी का हम हिसाब क्या करें / मोहम्मद इरशाद
- सर से मेरे उनका क्या साया गया / मोहम्मद इरशाद
- ख़ामोश कहाँ ज़िन्दगी आवाज़ देती है / मोहम्मद इरशाद
- हर शख़्स तेरे शहर का अपना सा लगे है / मोहम्मद इरशाद
- पेड़ से होकर जुदा पत्ते ने दी है ये दुआ / मोहम्मद इरशाद