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श्रेणी:छंद
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कविता कोश में छंद
"छंद" श्रेणी में पृष्ठ
इस श्रेणी में निम्नलिखित 200 पृष्ठ हैं, कुल पृष्ठ 439
(पिछले 200) (
अगले 200
)
अ
अँखियाँ हमारी दई मारी सुधि बुधि हारी / दास
अंग अनंग तहीं कछु संभु / प्रवीणराय
अन्त समय / शब्द प्रकाश / धरनीदास
अब तो बिहारी के वे बानक गए री / दास
अभी देख मौसम बड़ा है सुहाना / बाबा बैद्यनाथ झा
अर्थ है मूल भली तुक डार / दीन
अलिफनामा (रेखता) / शब्द प्रकाश / धरनीदास
आ
आ गया मौसम सुहाना / बाबा बैद्यनाथ झा
आज बस खौफ़ के नज़ारे हैं / बाबा बैद्यनाथ झा
आपके पास थोड़ी खुशी देख ली / बाबा बैद्यनाथ झा
आपको है नहीं पास आना / बाबा बैद्यनाथ झा
आपसे मेरी हुई जब प्रीत है / बाबा बैद्यनाथ झा
आपसे मैं मिला नहीं होता / बाबा बैद्यनाथ झा
इ
इन्द्रिया वैरी / शब्द प्रकाश / धरनीदास
इस जगत को सार दे दो / ऋता शेखर 'मधु'
उ
उपजेगी द्विजाति में रावण से / वचनेश
उर्दू (चेतावनी) / शब्द प्रकाश / धरनीदास
उसे भी मद्य पीने की लगी जब ख़ूब आदत है / बाबा बैद्यनाथ झा
ऊ
ऊधो!तहाँई चलि लै हमें / दास
ऋ
ऋतुराज को आना पड़ा है / ऋता शेखर 'मधु'
क
कढिकै निसंक पैठि जाती झुंड झुंडन में / दास
कमल कोक श्रीफल मँजीर / प्रवीणराय
कर्त्ताराम / शब्द प्रकाश / धरनीदास
कर्म असार / शब्द प्रकाश / धरनीदास
कहते "तव अरुण राग पद से भू अम्बर छपना देखा था / प्रेम नारायण 'पंकिल'
कहते थे "मौन उषा गवाक्ष से प्राण! झांकता सविता हो / प्रेम नारायण 'पंकिल'
कहीं भी हमारा गुजारा नहीं / बाबा बैद्यनाथ झा
किसी भी नगर में रहे / बाबा बैद्यनाथ झा
कृष्ण / शब्द प्रकाश / धरनीदास
केकहरा / शब्द प्रकाश / धरनीदास
केते झाड़ फूंक भुतवा पुजयाबे को / शिवदीन राम जोशी
केते बदमाश गुंडे / शिवदीन राम जोशी
कैधौँ कली बेला की चमेली सी चमक पर / केशव.
क्षणभंगुर जगत् (चेतावनी) / शब्द प्रकाश / धरनीदास
ख
खूब ख़ुशियाँ मिलीं न जीवन में / बाबा बैद्यनाथ झा
ग
गंगा / शब्द प्रकाश / धरनीदास
गंगा-विनय / शब्द प्रकाश / धरनीदास
गणेश विनय / शब्द प्रकाश / धरनीदास
गीत हम रोज़ गुनगुनाते हैं / बाबा बैद्यनाथ झा
गुरु प्रणाली / शब्द प्रकाश / धरनीदास
गुरु प्रणाली. / शब्द प्रकाश / धरनीदास
गोपाल क्रीड़ा / शब्द प्रकाश / धरनीदास
घ
घट भीतर तीर्थ / शब्द प्रकाश / धरनीदास
घर सास के आगे / वचनेश
च
चिबुक कूप मद डोल तिल / प्रवीणराय
चेतावनी (नरजन्म) / शब्द प्रकाश / धरनीदास
चेतावनी 4 / शब्द प्रकाश / धरनीदास
चेतावनी 5 / शब्द प्रकाश / धरनीदास
चेतावनी 6 / शब्द प्रकाश / धरनीदास
चेतावनी 7 / शब्द प्रकाश / धरनीदास
चौवीस अवतार / शब्द प्रकाश / धरनीदास
छ
छंद 1 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 10 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 100 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 101 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 102 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 103 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 104 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 105 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 106 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 107 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 108 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 109 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 110 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 111 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 112 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 113 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छ आगे.
छंद 114 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 115 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 116 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 117 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 118 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 119 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 120 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 121 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 122 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 123 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 124 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 125 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 126 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 127 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 128 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 129 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 13 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 130 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 131 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 132 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 133 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 134 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 135 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 136 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 137 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 138 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 139 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 140 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 141 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 142 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 143 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 144 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 145 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 146 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 147 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 148 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 149 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 15 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 150 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 151 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 152 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 153 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 154 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
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छंद 17 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
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छंद 174 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
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छ आगे.
छंद 177 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
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छंद 179 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 18 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
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छंद 199 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 2 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 20 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 200 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 201 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
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छंद 228 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
छंद 229 / शृंगारलतिकासौरभ / द्विज
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