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"बावरिया बरसाने वाली / प्रेम नारायण 'पंकिल'" के अवतरणों में अंतर

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* [[व्रजमंडल नभ में उमड़-घुमड़ घिर आए आषाढ़ी बादल  / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
 
* [[व्रजमंडल नभ में उमड़-घुमड़ घिर आए आषाढ़ी बादल  / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
 
* [[थे नाप रहे नभ ओर-छोर चढ़ धारधार पर धाराधर / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
 
* [[थे नाप रहे नभ ओर-छोर चढ़ धारधार पर धाराधर / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[बोली "सुधि करो प्राण !कहते थे हमने देखा है सपना / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
 
* [[बोली "सुधि करो प्राण !कहते थे हमने देखा है सपना / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
 
* [[कहते "तव अरुण राग पद से भू अम्बर छपना देखा था / प्रेम नारायण 'पंकिल']]  
 
* [[कहते "तव अरुण राग पद से भू अम्बर छपना देखा था / प्रेम नारायण 'पंकिल']]  
* [[था कहा "धूसरित ग्रीष्म गगन या सरस बरसता पावस हो। / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
 
* [[तुम मसृण पाणि मम पड़ सहला सो गए प्राण ले मधु सपना। / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
 
 
* [[था कहा "अधर-रस-सुधा पिला" तन्वंगी ने तब था पूछा । / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
 
* [[था कहा "अधर-रस-सुधा पिला" तन्वंगी ने तब था पूछा । / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
 
* [[सुधि करो कहा था तुमने ही "चाहता नहीं कुछ और प्रिये! / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
 
* [[सुधि करो कहा था तुमने ही "चाहता नहीं कुछ और प्रिये! / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[था कहा "धूसरित ग्रीष्म गगन या सरस बरसता पावस हो। / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[तुम मसृण पाणि मम पड़ सहला सो गए प्राण ले मधु सपना। / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
 
* [[सुधि करो प्राण पूछा तुमने "क्यों मौन खड़ी ब्रजबाला हो? / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
 
* [[सुधि करो प्राण पूछा तुमने "क्यों मौन खड़ी ब्रजबाला हो? / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
 
* [[कहते थे "मौन उषा गवाक्ष से प्राण! झांकता सविता हो / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
 
* [[कहते थे "मौन उषा गवाक्ष से प्राण! झांकता सविता हो / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[कहते थे "एक ओर संसृति-संस्तुत प्रतिमा-पुराण-ईश्वर / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
 
* [[कहते थे "एक ओर संसृति-संस्तुत प्रतिमा-पुराण-ईश्वर / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
 
* [[कितने दुलार से कहते थे प्रिय! “हमनें पा लीं हैं राहें / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
 
* [[कितने दुलार से कहते थे प्रिय! “हमनें पा लीं हैं राहें / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[देखते मनोहर सरि जन में हिलता पद-पिंडलि छूता जल / प्रेम नारायण 'पंकिल']]  
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* [[देखते मनोहर सरि जन में हिलता पद-पिंडलि छूता जल / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[/प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[चमकता नयन में था काजल बादल-सी प्राण! हुई पुतली / प्रेम नारायण 'पंकिल']]  
* [[ / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[था कहा ”प्रिये! मत ठुकराओ हो प्राय! प्रेरणा-आस तुम्हीं / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[ / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[तुम रहे भाल पर झुके प्राण! मैं रही विनिद्रा-बीच पड़ी / प्रेम नारायण 'पंकिल']]  
* [[ / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[”तेरी सुषमा-रस पियें“, कहा, “बस यही प्राण की प्यास रहे / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[ / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[कैसे विस्मृत कर दूँ प्रिय! जो उस निशि की मधुर कहानी है / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[ / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[अभिरामा निद्रा की गोदी में सोये तुम कर बन्द नयन / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[ / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[हम डाल आँख में आँख परस्पर लगे निरखने रूद्ध-गिरा / प्रेम नारायण 'पंकिल']]  
* [[ / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[काँपते पाणि में उठा लिया प्रिय तुमने फिर रस-भरित चषक / प्रेम नारायण 'पंकिल']]  
* [[ / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[सुधि करो प्राण! पूछा मैंने ”प्रिय! क्यों हॅंसता है सदा सुमन / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[नव विटप-वृन्त पर गुम्फित सौरभ- नमिता कमनीया लतिका / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[आ रहा स्मरण प्रियतम! कहते थे ”सुमुखि! स्वर्ग का नन्दन वन / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[कहते ”मंथर मृदु मलयानिल मघवा को सुलभ कहाँ सजनी / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[था कहा, “रम्य हृदयेश्वरि! राका-पति रत्नाकर-रहस मिलन / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[दृगगोचर कब होंगे प्रियतम! अब अलस सिहरती काया है / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[अगणित उडुगण-उज्ज्वल-अक्षर में व्योम भेजता संदेशा / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[रंजित-सुरेश-धनु शरद-पूर्णिमा उदधि, उषा, विहंग-कलरव / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[सौन्दर्य-सृष्टि-संवेदन में कितना संजीवन अमृत है / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[कर रहे निवेदन थे प्रियतम! “वह प्राण नाटिका रच डालो / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[सुधि करो कहा करते थे सकरुण ”सुन्दरि! दुख निर्मूल करो / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[कहते थे, ”मेरी दृगपुतरी! मुझको न स्वयं से दूर करो / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[हमको जीवनधन! जगा रहे थे बैठ प्रेम से सिरहाने / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[तुमने मेरा शरदेन्दु भाल फिर हौले हौले सहलाया / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[था कहा ”पहेली बूझ रहे प्रेयसि, कबरी-श्लथ म्लान सुमन / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[बोले ”सित दशने! भानु प्रसव पीड़ा से अरूण हुई प्राची / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[कहते ”उमड़ी परिरंभण की तृप्तिदा त्रिवेणी” प्राणेश्वर / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[सुधि करो प्राण! पावस की घन-बोझिल सन्ध्या अभिरामा थी / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[पूछा था एक बार “सागर क्यों खोले धवल ऊर्मि-अंचल / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[पूछा था “हे प्रियतम! कैसे तुम अगणित स्वर गढ़ लेते हो  / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[पूछा था, “क्यों करता ऐसा प्रियतम! अमिताभ अंशुमाली / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[था कहा कभीं “हे प्राणेश्वरि! मत पूछो कैसे जीता हॅ / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[प्रेयसि-विरहित होता न तल्प मम मधु-धन होता अल्प नहीं” / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[निर्मोही कैसे हुए प्राण! किस भाँति बिसार दिया ममता / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[उमड़े अम्बर में प्रिय! आषाढ़ी घन बैठी रोती हूँ मैं / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[तुम मृदुल सुमन से कभीं हमारे प्रियतम! पाटल चिबुक छुये / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[नयनों से पिघल-पिघल कज्जल कर रहा कपोलों को श्यामल / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[जाने हमको क्या हुआ आज इतना व्याकुल है मेरा मन / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[गिरि मौन, धरित्री मौन, मौन नभ अनुपम मौन सुमन-श्वाँसे / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[वह दिन न भूलता पूछ रहे “कैसे आया यह परिवर्तन / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[कहते “अब होती मुदित देख निर्जन में पृथु उरु उर-वर्धन / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[कहते थे “कैसे हुआ घटित चुपके शैशव-यौवन संगम / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[पूछते ”कौन सी प्रबल प्रीति का हो प्रवाह दो बता प्रिये / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[पूछते ”कामिनी-कर-झंकृत किस वीणा की झंकार प्रिये / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[मेरी प्रति चेष्टाओं के स्रष्टा, द्रष्टा, भोक्ता, प्राण! सुनो / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[“क्षण-क्षण डूबती किरण-सी करती विमल सलिल-संक्षोभ प्रिये / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[कहते “था चिपक रहा भींगा पट काया से कर होड़ प्रिये! / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[“जाते थे उभर आर्द्र अम्बर से पीन पयोधर पीत प्रिये! / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[पूछा, “उस सुमन-मुकुल के हित क्यों रही नहीं अनुकूल प्रिये / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[“जोहते रह गये विकच कुसुम पर तुमने हे वृषभानु-लली! / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[शत बार विनय है इस अभागिनी के पुर में मत चन्द्र उगो / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[था कहा “तुम्हारी स्मृति ने ही नृप किया रहा मैं वनवासी! / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[तुम ही तो कहते थे, “सहता हूँ अगणित कटु आघात प्रिये! / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[कहते थे, “सुन्दरि! गंधानिल-तव अंचल-कोर कुसुम्बी ले / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[यह करूण विनय है प्राणनाथ! उस दिन अवश्य तुम आ जाना / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[जब मेरे निखरे कंचन-तन में प्रिय! भूकम्प समा जाये / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[सुधि करो प्राण! छू-छूकर मेरा मृदु तन शीतल चन्द्रोपम / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[कहते तुम, “जब जलक्रीडन करती प्रेमद सुन्दरि कोटि गुना / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[जो रत्नमालिका से निबद्ध थी बीच-बीच में कुसुम-खचित / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[कहते थे ”तेरे युगल नयन ज्यों जलक्रीड़ा करती मछली / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
 +
* [[चंचल मयूर-चन्द्रिका भाल मेरे मानस-सर के मराल / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
 +
* [[कैसे विस्मृत हो गया तुम्हें प्रिय! केलि-कुंज कालिन्दी-तट / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[सुधि करो कहा था, ”जहाँ चरण रखती पंकज खिल जाते हैं / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[सरिता-तट की निशि-केलि-कथा पूछा था भाव-विभोर कभीं / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[“तुमको कितनी ही बार निहारा”, कहते थे, “लोचन-पुतरी / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[कहते, “माधवी-लता-सी सखि! गदराई जाती सिहर-सिहर / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[आ जा हे प्राणों के राजा! अब याद तुम्हारी गाढ़ हुई / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[वह स्वप्न नहीं भूलता प्राणधन! थी बसंत की विभावरी / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[ढॅंक सकी न उरज-कुम्भ को कंचुकि अलक-गुँथी माला बिखरी / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[कब से तेरा पथ जोह रही हूँ सजल बिछा पलकें प्रियतम / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[छू सकती केश-कलाप नहीं कर सकती नव जूड़ा-बन्धन / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[मखमली वसन से ढँक दूँगी प्राणेश! सदन का वातायन / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[था कहा प्राण! तुमने मुझसे, “ढल रही यामिनी ढला करे / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[कहते थे प्राण! “अखिल जग में गुंजित दुख-द्वन्द्व और ही है / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[कहते, “रंजित करतीं जग को अमिता शरदेन्दु कलायें हैं / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[कंटकित हो गयी स्निग्ध सेज डॅंस रहा सर्पिणी-सदृश सदन / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[आ जा व्रजपति के परम दुलारे! माखन तुम्हें खिलाऊँगी / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[आशा ले घूम रही पगली अब आओगे, अब आओगे / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[उर मेरा मेरे मनभावन! यह नित्य तुम्हारा ही घर है / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
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* [[बस एक तुम्हारे सिवा श्याम! है अन्य किसी की चाह नहीं / प्रेम नारायण 'पंकिल']]

23:59, 1 जनवरी 2010 के समय का अवतरण

प्रेम नारायण 'पंकिल'
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रचनाकार प्रेम नारायण 'पंकिल'
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