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अ
अँधेरी रात के परदे में झिलमिलाया किये / गुलाब खंडेलवाल
अंगार कैसे आ गए / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
अए हम-सफ़र न आब्ले / मीर तक़ी 'मीर'
अगर समझो तो मैं ही सब कहीं हूँ / गुलाब खंडेलवाल
अचानक तेरी याद का सिलसिला / मोहम्मद अलवी
अचानक दिल-रुबा मौसम का / 'अदा' ज़ाफ़री
अज़ीज़ो इस को न घड़ियाल की / 'ज़ौक़'
अजीब शय है के सूरत बदलती जाती है / अब्दुल हमीद
अपना मन होता है / कमलेश भट्ट 'कमल'
अपना सुख, अपनी चुभन / कमलेश भट्ट 'कमल'
अपनी उजड़ी हुई दुनिया की कहानी हूँ मैं / अख़्तर अंसारी
अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है / वसीम बरेलवी
अपने तो हौसले निराले हैं / चाँद शुक्ला हादियाबादी
अपने हाथों से ज़हर भी जो पिलाया होता / गुलाब खंडेलवाल
अफ़सोस है कि हम कूँ दिल-दार भूल जावे / शाह मुबारक 'आबरू'
अब क्या छुपा सकेंगी उरयानिआँ हविस की / सीमाब अकबराबादी
अब क्या बताऊँ मैं तेरे मिलने से क्या मिला / सीमाब अकबराबादी
अब क्यों उदास आपकी सूरत भी हुई है / गुलाब खंडेलवाल
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए / गोपालदास "नीरज"
अब मैं हूँ आप एक तमाशा बना हुआ / जगन्नाथ आज़ाद
अब वही हर्फ़े-जुनूँ सबकी ज़बाँ ठहरी है / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अब वो सीना है मज़ार-ए-आरज़ू / अख़्तर अंसारी
अहल-ए-दिल के वास्ते पैग़ाम हो कर / गणेश बिहारी 'तर्ज़'
आ
आँख उस पुर-जफ़ा से लड़ती है / 'ज़ौक़'
आँख में आँसू का / अकबर हैदराबादी
आँखें मेरी तलवों से वो मिल जाए / 'ज़ौक़'
आँखों में सपने रहे / कमलेश भट्ट 'कमल'
आँखों-आँखों में ही दोस्ती हो गयी / गुलाब खंडेलवाल
आइए हाथ उठाएँ हम भी / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
आईना-ए-निगाह में अक्स-ए-शबाब है / अख़्तर अंसारी
आईने का हर टुकड़ा / रेखा राजवंशी
आगही में इक ख़ला मौजूद है / अब्दुल हमीद 'अदम'
आज ज़रा फ़ुर्सत पाई थी / निदा फ़ाज़ली
आज तो शीशे को पत्थर पे बिखर जाने दे / गुलाब खंडेलवाल
आज भी दश्त-ए-बला में / 'अख्तर' सईद खान
आज यूँ मौज-दर मौज ग़म थम गया / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
आजकल / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु
आते आते मेरा नाम / वसीम बरेलवी
आते ही तू ने घर के फिर जाने की / 'ज़ौक़'
आदम का जिस्म जब के अनासर से मिल बना / सौदा
आदमी की कब / कमलेश भट्ट 'कमल'
आप क्या जानें मुझपै क्या गुज़री / यगाना चंगेज़ी
आप क्यों जान को यह रोग लगा लेते हैं / गुलाब खंडेलवाल
आप, हम, और कुछ भी नहीं! / गुलाब खंडेलवाल
आपके जैसा प्यारा साथी कोई भला क्या खो सकता है / प्राण शर्मा
आपने उसकी तबाही का / कमलेश भट्ट 'कमल'
आपसे दिल लगा के देख लिया / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
आफ़तों में घिर गया हूँ ज़ीस्त से बे-ज़ार हूँ / अख़्तर अंसारी
आये थे जो बड़े ही ताव के साथ / गुलाब खंडेलवाल
आरज़ू को रूह में ग़म बन के रहना आ गया / अख़्तर अंसारी
आलम ही और था / 'अदा' ज़ाफ़री
आशिक़ की भी कटती हैं क्या ख़ूब तरह रातें / सौदा
इ
इक नज़र ही देखा था शौक़ ने शबाब उन का / जगन्नाथ आज़ाद
इक सदमा दर्द-ए-दिल से मेरी जान / 'ज़ौक़'
इज्ज़े अहले-सितम / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
इज्ज़े-अह्ले-सितम की बात करो / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
इतना न अपने जामे से / ज़फ़र
इतना भी शोर तू न ग़म-ए-सीना चाक कर / जगन्नाथ आज़ाद
इश्क़ तो मुश्किल है ऐ दिल / ज़फ़र
इश्क़ में क्या लुटा, किसे रोता? / धीरज आमेटा ‘धीर’
इश्क़ में ग़ैरत-ए-जज़्बात / सुदर्शन फ़ाकिर
इश्क़ है सहल, मगर हम हैं वो दुश्वार-पसन्द / सीमाब अकबराबादी
इस बार उन से मिल के / 'अज़हर' इनायती
इस बुलंदी पे कहाँ थे पहले / 'अज़हर' इनायती
इस हादसे को देख के / 'अज़हर' इनायती
इसकी चर्चा हर बार न करते अच्छा था / प्राण शर्मा
उ
उजाला दे चराग़-ए-रह-गुज़र / 'अदा' ज़ाफ़री
उ आगे.
उड़ान वालो उड़ानों पे वक़्त भारी है / वसीम बरेलवी
उतरती आ रही हैं प्राण में परछाइयाँ किसकी! / गुलाब खंडेलवाल
उतरीं अजीब रोशनियाँ रात ख़्वाब में / शकेब जलाली
उदास आँखों से आँसू नहीं निकलते हैं / बशीर बद्र
उनकी आँखों में प्यास देखेंगे / गुलाब खंडेलवाल
उनकी ख़ैरो-ख़बर नही मिलती / कुमार विश्वास
उनकी खुशी में जान दूँ, मेरी ख़ुशी-खुशी नहीं / सीमाब अकबराबादी
उनको मत दिल से कभी अपने लगाना / प्राण शर्मा
उन्हींकी राह में मरना कहीं होता तो क्या होता! / गुलाब खंडेलवाल
उन्हें बाँहों में बढ़कर थाम लेंगे / गुलाब खंडेलवाल
उमीदें जब भी दुनिया से लगाता है! / धीरज आमेटा ‘धीर’
उम्मीदे-अमन क्या हो याराने-गुलिस्ताँ से / सीमाब अकबराबादी
उल्फ़त की नई मंज़िल को चला तू / क़तील
उस ज़ुल्फ़-ए-जाँ कूँ सनम की बला कहो / शाह मुबारक 'आबरू'
उसकी अनगिन बूँदों में स्वाति बूँद कौन? / गोपालदास "नीरज"
उसकी चर्चा हर बार न करते / प्राण शर्मा
उसको जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआ / फ़राज़
उसे देख कर अपना महबूब / अब्दुल हमीद
ए
एक अनजान बिसुधपन में जो हुआ सो ठीक / गुलाब खंडेलवाल
एक किरन बस रौशनियों में / ज़ेब गौरी
एक ख़ुदा पर तकिया कर के बैठ गए हैं / अब्दुल हमीद
एक चादर-सी उजालों / कमलेश भट्ट 'कमल'
एक चादर–सी उजालों की / कमलेश भट्ट 'कमल'
एक छप्पर भी नहीं / अश्वघोष
एक दकनी ग़ज़ल / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
एक परवाज़ दिखाई दी है / गुलज़ार
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी / गुलज़ार
एक मिशअल थी बुझा दी उस ने / अब्दुल हमीद
एक-एक करके सारे ख़ाब वो तोड़ गया / चाँद शुक्ला हादियाबादी
एहसास में शिद्दत है वही, कम नहीं होती / अकील नोमानी
ऐ
ऐ 'ज़ौक़' वक़्त नाले के रख ले जिगर पे हाथ / 'ज़ौक़'
ऐ दिल वो आशिक़ी के / 'अख्तर' शीरानी
ऐ रौशनियों के शहर / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ऐ शब-ए-ग़म हम हैं और बातें दिल-ए-नाकाम से / शाद अज़ीमाबादी
ऐ साक़ी-ए-मह-वश / अब्दुल हमीद 'अदम'
ऐसी आज़ाद रू इस तन में / यगाना चंगेज़ी
ऐसे भी हमने देखे हैं दुनिया में इनक़लाब / सीमाब अकबराबादी
ऑ
ऑफ़िस में भी घर को खुला पाता हूँ मैं / मोहम्मद अलवी
क
कठ-पुतली है या जीवन है / निदा फ़ाज़ली
कब इस में शक मुझे है जो लज़्ज़त है क़ाल में / जगन्नाथ आज़ाद
कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
कब हक़-परस्त ज़ाहिद-ए-जन्नत-परस्त है / 'ज़ौक़'
कभी इसकी तरफदारी / कमलेश भट्ट 'कमल'
कभी क़रीब कभी दूर हो के / 'अज़हर' इनायती
कभी ज़बाँ पे न आया / 'अख्तर' सईद खान
कभी देखो तो मौजों का तड़पना / अब्दुल हमीद
कभी यूँ भी आ / बशीर बद्र
कभी यूँ भी आ मेरी आँख में / बशीर बद्र
कभी सुख का समय बीता / कमलेश भट्ट 'कमल'
कभी हमसे खुलो जाने के पहले / गुलाब खंडेलवाल
कभी हयात कभी मय हराम होती रही / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
कभी-कभी याद में उभरते हैं नक़्शे-माज़ी मिटे-मिटे से / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
करेंगे क़स्द हम जिस दम / ज़फ़र
कल गए थे तुम जिसे बीमार-ए-हिज्राँ / 'ज़ौक़'
कलेजा मुँह को आता है / आसी ग़ाज़ीपुरी
कहाँ तक आँख रोएगी कहाँ तक किसका ग़म होगा / वसीम बरेलवी
कहाँ तक ये फरेबे आरज़ू भी / नोमान शौक़
कहाँ तलक कहूँ साक़ी के ला शराब तो दे / 'ज़ौक़'
कहाँ पर हमको उमीदों ने लाके छोड़ दिया / गुलाब खंडेलवाल
कहाँ पर हमको उम्मीदों ने लाके छोड़ दिया / गुलाब खंडेलवाल
कहें किस से हमारा / 'अख्तर' सईद खान
क़तरा वही के रू-कश-ए-दरिया / आसी ग़ाज़ीपुरी
क़र्जे-निगाहे-यार अदा कर चुके हैं हम / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
क़सम इन आँखों की जिन से लहू टपकता है / अख़्तर अंसारी
क़ारूँ उठा के सर पे सुना / ज़फ़र
क़ुर्बत भी नहीं दिल से उतर भी नहीं जाता / फ़राज़
क़ुर्बतों में भी जुदाई के ज़माने माँगे / फ़राज़
क आगे.
काँटा सा जो चुभा था / 'अदा' ज़ाफ़री
काफ़िर तुझे अल्लाह ने सूरत / ज़फ़र
कितनी बे-साख़्ता ख़ता हूँ मैं / अब्दुल हमीद 'अदम'
कितनी महबूब थी ज़िंदगी / अब्दुल हमीद
कितने जुमले हैं के जो रू-पोश हैं / गणेश बिहारी 'तर्ज़'
किताबें जब कोई पढ़ता नहीं था / 'अज़हर' इनायती
किया है प्यार जिसे हम ने ज़िंदगी की तरह / क़तील
किस को देखा है ये हुआ क्या है / 'अख्तर' शीरानी
किस तरह ख़ाना ख़राब अब फिर रहे हैं हम जनाब / चाँद शुक्ला हादियाबादी
किसकी आवाज़ कान में आई / यगाना चंगेज़ी
किसी का क़हर किसी की दुआ / अब्दुल हमीद
किसी के प्यार के क़ाबिल नहीं है / चाँद शुक्ला हादियाबादी
किसी को उदास देख कर / साहिर लुधियानवी
किसी दश्त ओ दर से / अब्दुल हमीद
किसी भी शहर में जाओ / निदा फ़ाज़ली
किसीकी शबनमी आँखों में झिलमिलाये हुए / गुलाब खंडेलवाल
किसे मालूम‚ चेहरे कितने / कमलेश भट्ट 'कमल'
कुछ अपना पता दे कर / अब्दुल हमीद
कुछ आरज़ी उजाले / 'अज़हर' इनायती
कुछ उन्हें मेरा ध्यान हो भी तो / गुलाब खंडेलवाल
कुछ ऐसे साज़ को हमने बजाके छोड़ दिया / गुलाब खंडेलवाल
कुछ कहूँ कहना जो मेरा कीजिए / आसी ग़ाज़ीपुरी
कुछ जगह उनके दिल में पा ही गयी / गुलाब खंडेलवाल
कुछ तबीयत ही मिली थी / निदा फ़ाज़ली
कुछ तो तंहाई की रातों में / 'अख्तर' शीरानी
कुछ दिन से इन्तज़ार-ए-सवाल-ए-दिगर में है / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
कुछ पहले इन आँखों आगे क्या / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
कुछ फ़ैसला तो हो / परवीन शाकिर
कुछ मुहतसिबों की ख़ल्बत में / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
कुछ मुहतसिबों की ख़िलवत में कुछ / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
कुछ हम भी लिख गये हैं तुम्हारी किताब में / गुलाब खंडेलवाल
केवल फूल भला लगता है तेरा धोखा है प्यारे / प्राण शर्मा
कोई बैंड बाजा सा कानों में था / मोहम्मद अलवी
कोई संग-ए-रह भी चमक उठा / 'अदा' ज़ाफ़री
कोई साथी भी नहीं, कोई सहारा भी नहीं / गुलाब खंडेलवाल
कोई हमींसे आँख चुराये तो क्या करें / गुलाब खंडेलवाल
कोई हमें सताये, सताता ही जाये तो / गुलाब खंडेलवाल
कौन कहता है / चाँद शुक्ला हादियाबादी
कौन कहता है / जाँ निसार अख़्तर
कौन जाने इस शहर को / कमलेश भट्ट 'कमल'
कौन वक़्त ऐ वाए गुज़रा जी को / 'ज़ौक़'
क्या ऐसे कम-सुख़न से कोई गुफ़्तगू करे / फ़राज़
क्या कहूँ दिल माइल-ए-ज़ुल्फ़-ए-दोता / ज़फ़र
क्या कुछ न किया और हैं क्या / ज़फ़र
क्या क्या नवाह-ए-चश्म की / 'अज़हर' इनायती
क्या ख़बर थी इक बला-ए-ना-गहानी आएगी / अख़्तर अंसारी
क्या ज़िन्दगी को दीजिये क्या-क्या न दीजिये / गुलाब खंडेलवाल
क्या जाने यह रहगीर हैं, रहबर हैं कि रहज़न? / सीमाब अकबराबादी
क्या बने हमसे भला काग़ज़ की तलवारों से आज / गुलाब खंडेलवाल
क्यूँ ज़िन्दगी की राह में / जावेद अख़्तर
क्यूँकर न ख़ाक-सार रहें / ज़फ़र
क्यूँके हम दुनिया में आए / ज़फ़र
ख
खनक कुछ कम भी हो तो कम नहीं है / गुलाब खंडेलवाल
ख़ंजर चमका रात का सीना चाक हुआ / ज़ेब गौरी
ख़त उस के अपने हाथ का / 'अज़हर' इनायती
ख़याल-ए-यार जब आता है बे-ताबाना आता / जगन्नाथ आज़ाद
ख़लिश-ए-तीर-ए-बे-पनाह गई / 'अदा' ज़ाफ़री
ख़ाक आईना दिखाती है के / ज़ेब गौरी
ख़ाक बसर ले आई है / अब्दुल हमीद
ख़ामोश हूँ मुद्दत से नाले हैं न आहें हैं / सीमाब अकबराबादी
ख़ुद अपने ज़र्फ का / हनीफ़ साग़र
ख़ुद हिजाबों सा ख़ुद जमाल सा था / 'अदा' ज़ाफ़री
ख़ुश हूँ के ज़िंदगी ने / अब्दुल हमीद 'अदम'
ख़ैरात सिर्फ इतनी मिली है / अब्दुल हमीद 'अदम'
ख़्वाब-बसेरा - इस वक़्त तो यूँ लगता है / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ख़्वाह कर इंसाफ़ ज़ालिम ख़्वाह / ज़फ़र
(पिछले 200) (
अगले 200
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