बुल्ले शाह की काफियां
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रचनाकार | बुल्ले शाह |
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प्रकाशक | नेशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ़ पंजाब स्टडीज़ |
वर्ष | |
भाषा | पंजाबी |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | 196 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- उठ गए गवाँढों यार / बुल्ले शाह
- उट्ठ जाग घुराड़े मार नहीं / बुल्ले शाह
- इशक असाँ वल आया / बुल्ले शाह
- उलटे होर ज़माने आए / बुल्ले शाह
- अपणे तन दी खबर ना कोई / बुल्ले शाह
- अब लगन लगी कीह करीए / बुल्ले शाह
- अब हम गुम्म हुए / बुल्ले शाह
- वे दिल जानी प्यारेआ / बुल्ले शाह
- आओ सइओ रल देओ नी वधाई / बुल्ले शाह
- ऐसा जगिआ ज्ञान पलीता / बुल्ले शाह
- आपणो संग रलाईं प्यारे / बुल्ले शाह
- आ मिल यार / बुल्ले शाह
- अलफ अल्ला नाल रत्ता दिल मेरा / बुल्ले शाह
- आओ फकीरो मेले चलीए / बुल्ले शाह
- ऐसी मन में आयो रे / बुल्ले शाह
- अम्माँ बाबे दी भलिआई / बुल्ले शाह
- केहा झेड़ा लायो ई? / बुल्ले शाह
- अठवारा / बुल्ले शाह
- इशक दी नविओं नवीं बहार / बुल्ले शाह
- इक नुकता यार पढ़ाया ए। / बुल्ले शाह
- इक राँझा मैनूँ लोड़ीदा / बुल्ले शाह
- इक्को रंग कपाई दा / बुल्ले शाह
- इल्मों बस करीं ओ यार / बुल्ले शाह
- इक अलफ पढ़ो छुटकारा ए / बुल्ले शाह
- इक नुक्ते विच्च गल्ल मुक्कदी ए / बुल्ले शाह
- लोक मारेन्दे ताने / बुल्ले शाह
- साईं छप्प तमाशे नूँ आया / बुल्ले शाह
- सज्जणाँ दे विछोड़े कोलों / बुल्ले शाह
- साहवरेआँ घर जाणा / बुल्ले शाह
- साधो किस नूँ कूक सुणावाँ। / बुल्ले शाह
- से वणजारे आए / बुल्ले शाह
- हाजी लोक मक्के नूँ जान्दे / बुल्ले शाह
- हुण मैं अनहद नाद बजाया / बुल्ले शाह
- हुण किस तों आप लुकाईदा / बुल्ले शाह
- हिजाब करें दरवेशी कोलों / बुल्ले शाह
- हत्थी ढिलक गई मेरे चरखे दी / बुल्ले शाह
- हुण कैं थीं आप छपाईदा? / बुल्ले शाह
- कदी आ मिल यार प्यारिआ / बुल्ले शाह
- कर कत्तण वल ध्यान कुड़े / बुल्ले शाह
- कौण आया पैहन लिबास कुड़े / बुल्ले शाह
- दिलबर की करदा! / बुल्ले शाह
- कुझ कत्त कुड़े / बुल्ले शाह
- कदी मोड़ मुहाराँ / बुल्ले शाह
- केहे लारे देनाँ ऐं सानूँ / बुल्ले शाह
- की बे-दरदाँ संग यारी / बुल्ले शाह
- की जाणा मैं कोई / बुल्ले शाह
- कपूरी रेवड़ी क्यों कर लड़े पतासे नाल / बुल्ले शाह
- कदी आ मिल / बुल्ले शाह
- ख़ाकी ख़ाक स्यों रल जाणा / बुल्ले शाह
- खेड लै विच्च वेहड़े घुम्म घुम्म / बुल्ले शाह
- गंढाँ / बुल्ले शाह
- चुप्प करके करीं गुज़ारे नूँ / बुल्ले शाह
- ज़िकर ना इशक मज़ाजी लागे / बुल्ले शाह
- जिस तन लग्या इशक कमाल / बुल्ले शाह
- घड़िआली देहो निकाल / बुल्ले शाह
- घुँघट चुक्क ओ सज्जणा / बुल्ले शाह
- मैं मुशताक दीदार दी / बुल्ले शाह
- टुक बूझ कौण छप आया है / बुल्ले शाह
- प्यारा यार मनावाँगी / बुल्ले शाह
- तेरा नाम धिआईदा / बुल्ले शाह
- मेरे टुरने दी होई त्यारी / बुल्ले शाह
- तैं कित पर पाओं पसारा ए? / बुल्ले शाह
- तांघ माही दी जलीआँ / बुल्ले शाह
- तूँ किद्धरों आया / बुल्ले शाह
- कैसी तौबा है / बुल्ले शाह
- तुसीं करो असाडी कारी / बुल्ले शाह
- बुल्ले शाह की सीहरफी - 1 / बुल्ले शाह
- बुल्ले शाह की सीहरफी - 2 / बुल्ले शाह
- बुल्ले शाह की सीहरफी - 3 / बुल्ले शाह
- दिल लोचे माही यार नूँ / बुल्ले शाह
- दोहरे / बुल्ले शाह
- नी कुटीचल मेरा नाँ / बुल्ले शाह
- नी सइओ! मैं गई गवाती / बुल्ले शाह
- इशक अव्वल दा / बुल्ले शाह
- प्यारे बिन मसलत उठ जाणा / बुल्ले शाह
- पड़तालीओ हुण आशक केहड़े? / बुल्ले शाह
- पाया है किछु पाया है / बुल्ले शाह
- पाणी भर भर गइआँ सभ्भे / बुल्ले शाह
- प्यारिआ सँभल के नेहुँ लगा / बुल्ले शाह
- परदा किस तों राखीदा / बुल्ले शाह
- मिट्ठड़ा ना लगदा शोर / बुल्ले शाह
- पीआ पीआ करते हमीं पीआ होए / बुल्ले शाह
- ज़ात इशक दी कौण / बुल्ले शाह
- बुल्ला की जाणाँ मैं कौण! / बुल्ले शाह
- बंसी काहन अचरज बजाई / बुल्ले शाह
- तेरे इशक नचाया करके थईआ थईआ / बुल्ले शाह
- तूँ आया है / बुल्ले शाह
- हुण बस्स कर जी / बुल्ले शाह
- बारांमाह बुल्ले शाह / बुल्ले शाह
- भैणाँ मैं कत्तदी कत्तदी हुट्टी। / बुल्ले शाह
- वेहड़े आ वड़ मेरे / बुल्ले शाह
- मुँह आई बात ना रहिन्दी ए / बुल्ले शाह
- मैं कुझ हो गई होर नी / बुल्ले शाह
- दिल लोचे तखत हज़ारे नूँ / बुल्ले शाह
- मैनूँ दर्द अवल्लड़े दी पीड़ / बुल्ले शाह
- मैनूँ की होया मैत्थें गई गवाती मैं / बुल्ले शाह
- मुरली बाज उठी अन घाताँ / बुल्ले शाह
- वैहसाँ जोगी दे नाल / बुल्ले शाह
- मेरे माही क्यों चिर लाया ए / बुल्ले शाह
- मैं कसुम्भड़ा चुण चुण हारी / बुल्ले शाह
- मैं विच्च मैं नहीं रहीआ काई / बुल्ले शाह
- मेरी बुक्कल दे विच्च चोर / बुल्ले शाह
- मैं चूहड़ेटड़िआँ वे / बुल्ले शाह
- माही वे तैं मिलिआँ सभ दुःख होवण दूर / बुल्ले शाह
- माटी कुदम करन्दी यार / बुल्ले शाह
- मेरे नौं सहु दा कित मोल / बुल्ले शाह
- मेरा राँझा हुण कोई होर / बुल्ले शाह
- मैं बे-कैद, मैं बे-कैद / बुल्ले शाह
- मित्तर प्यारे कारन / बुल्ले शाह
- कुत्ते तैत्थों उत्ते / बुल्ले शाह
- आपे राँझा होई / बुल्ले शाह
- वे इशका मारिआ ई / बुल्ले शाह
- राँझा जोगीड़ा बण आया / बुल्ले शाह
- वेखो नी की कर गया माही / बुल्ले शाह
- वाह वाह छिन्ज पई दरबार। / बुल्ले शाह
- वाह वाह रमज़ सज्जण दी होर / बुल्ले शाह
- वत्त ना करसाँ माण / बुल्ले शाह
- वेक्खो नी शाह अनायत साईं / बुल्ले शाह