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फूल नहीं रंग बोलते हैं / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
(फूल नहीं, रंग बोलते हैं-2 / केदारनाथ अग्रवाल से पुनर्निर्देशित)
फूल नहीं, रंग बोलते हैं-2
रचनाकार | केदारनाथ अग्रवाल |
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प्रकाशक | |
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भाषा | हिन्दी |
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विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
कुछ लिखी-अधलिखी कविताएँ
- मैं हूँ / केदारनाथ अग्रवाल
- मशाल का बेटा धुआँ / केदारनाथ अग्रवाल
- हम पात्र हैं किसी के / केदारनाथ अग्रवाल
- मैं हूँ अनास्था पर लिखा / केदारनाथ अग्रवाल
- बांध अमल आलोक अलक से / केदारनाथ अग्रवाल
- कैसे जिएँ कठिन है चक्कर / केदारनाथ अग्रवाल
- आवरण के भीतर... / केदारनाथ अग्रवाल
- तुम मिलती हो / केदारनाथ अग्रवाल
- शाम चल दी / केदारनाथ अग्रवाल
- बादल ने मार दी बरछी / केदारनाथ अग्रवाल
- भोगने दो मुझे / केदारनाथ अग्रवाल
- रंग नहीं / केदारनाथ अग्रवाल
- खिला है अग्निम प्रकाश / केदारनाथ अग्रवाल
- उड़ जाता है वेतन / केदारनाथ अग्रवा
- अब भी है कोई चिड़िया... / केदारनाथ अग्रवाल
- काल बंधा है / केदारनाथ अग्रवाल
- रवि के खरतर शर से मारी / केदारनाथ अग्रवाल
- हवा पहाड़ी झरने की झनकार... / केदारनाथ अग्रवाल
- चोली फटी सरस सरसों की / केदारनाथ अग्रवाल
- न यह याद रहता है मुझे / केदारनाथ अग्रवाल
- हम चलते हैं फिर खेतों में / केदारनाथ अग्रवाल
- गींज गए कपड़ों-सा... / केदारनाथ अग्रवाल
- आओ न / केदारनाथ अग्रवाल
- हम जिएँ न जिएँ दोस्त / केदारनाथ अग्रवाल
- वह कवि था, कवियों में रवि था / केदारनाथ अग्रवाल
- ऊपर ऊपर / केदारनाथ अग्रवाल
- तन में बसी साँस में बह लो / केदारनाथ अग्रवाल
- उन्नत पेड़ पलाश के / केदारनाथ अग्रवाल
- हँस रहा है उधर / केदारनाथ अग्रवाल
- आतप-तपी सुमेरु-शरीरा / केदारनाथ अग्रवाल
- नूतन का आलोक / केदारनाथ अग्रवाल
- धूप में गडा धन कौन पाएगा / केदारनाथ अग्रवाल
- अविराम बज रही हैं ब्राजन स्वरों से / केदारनाथ अग्रवाल
- न टूटो तुम / केदारनाथ अग्रवाल
- न बुलाओ तुम मुझे इस समय... / केदारनाथ अग्रवाल
- दिन झर गया / केदारनाथ अग्रवाल
- हमने जितनी बार पुकारा / केदारनाथ अग्रवाल
- रची उषा ने ऋचा दिवा की / केदारनाथ अग्रवाल
- क्षण के संरक्षण के सनकी / केदारनाथ अग्रवाल
- याद ? / केदारनाथ अग्रवाल
- यह ठगौरी ठाठ / केदारनाथ अग्रवाल
- मेरे मन की नदी / केदारनाथ अग्रवाल
- देर हो गई है... / केदारनाथ अग्रवाल
- वायु चली अविजय सैन्य की / केदारनाथ अग्रवाल
- सहज खोले अतीन्द्रिय सुगन्ध के केश / केदारनाथ अग्रवाल
- अन्धकार में खड़े हैं / केदारनाथ अग्रवाल
- सिन्धुग्राही मौन धीरज की बनी / केदारनाथ अग्रवाल
- घर के बाहर खड़ी नीम की... / केदारनाथ अग्रवाल
- हरी घास का बल्लम / केदारनाथ अग्रवाल
- जल रहा है / केदारनाथ अग्रवाल
- चिलम पी रहा है / केदारनाथ अग्रवाल
- जलाशय के / केदारनाथ अग्रवाल
- सतत अपने तरल कोर के संस्पर्शों से / केदारनाथ अग्रवाल
- आँख खुली / केदारनाथ अग्रवाल
- छिपी भी / केदारनाथ अग्रवाल
- घंटियों की आवाज़ से घायल / केदारनाथ अग्रवाल
- जैसे कोई सितारिया... / केदारनाथ अग्रवाल
- नदी से दूर एक सिन्धु है समतल / केदारनाथ अग्रवाल
- लुढ़कता रहा हूँ मैं... / केदारनाथ अग्रवाल
- मैंने खोला... / केदारनाथ अग्रवाल
- नहीं आया जहाँ कोई नृत्य करने / केदारनाथ अग्रवाल
- दिन है कि / केदारनाथ अग्रवाल
- ढेर लगा दिए हैं हमने / केदारनाथ अग्रवाल
- बजते उन्हीं के नगाड़े हैं / केदारनाथ अग्रवाल
- चोली फटी सरस सरसों की-2 / केदारनाथ अग्रवाल
- पेड़ अमावस के अन्धकार में लोप / केदारनाथ अग्रवाल
विपर्यस्त दिशाएँ
- चक्र चल रहा है वेग से... / केदारनाथ अग्रवाल
- आग नाव में भर कर सूरज... / केदारनाथ अग्रवाल
- धूप पिए पानी लेटा है... / केदारनाथ अग्रवाल
- प्राप्य से परे अप्राप्य की ओर... / केदारनाथ अग्रवाल
- पड़ने को पड़ गई है / केदारनाथ अग्रवाल
- अथाह का नील / केदारनाथ अग्रवाल
- सार्वजनिक भीड़ में भी / केदारनाथ अग्रवाल
- तुम मेरे लिए नहीं... / केदारनाथ अग्रवाल
- कोई है कि देखे / केदारनाथ अग्रवाल
- मुरदों की ज़मीन पर गड़े हैं सलीब / केदारनाथ अग्रवाल
- ऎसा भी हुआ है कभी / केदारनाथ अग्रवाल
- शमशेर--मेरा दोस्त / केदारनाथ अग्रवाल
- वहाँ उस आइने में... / केदारनाथ अग्रवाल
- आश्चर्य है कि वह है-- / केदारनाथ अग्रवाल
- अजीब बात है... / केदारनाथ अग्रवाल
- सत्य कहीं है--कहीं नहीं है / केदारनाथ अग्रवाल
- न आदमी है-- / केदारनाथ अग्रवाल
- उसे घमंड है कि... / केदारनाथ अग्रवाल
- उसका न्याय... / केदारनाथ अग्रवाल
- न्याय बाँटती है... / केदारनाथ अग्रवाल
- हम हो गए हैं बौने... / केदारनाथ अग्रवाल
- एक और... / केदारनाथ अग्रवाल
- कंठ से नहीं... / केदारनाथ अग्रवाल
- ठप्प कर दिया गया है अब / केदारनाथ अग्रवाल
- अब तक... / केदारनाथ अग्रवाल
- अब यह जो... / केदारनाथ अग्रवाल
- अब इंसान को... / केदारनाथ अग्रवाल
- किसी ने कहा... / केदारनाथ अग्रवाल
- मान पाते हैं... / केदारनाथ अग्रवाल
- डूबती आँखों से... / केदारनाथ अग्रवाल
- अतीत की सन्तान... / केदारनाथ अग्रवाल
- मैं जिऊंगा / केदारनाथ अग्रवाल
- मैंने कुछ पा लिया है... / केदारनाथ अग्रवाल
- दयालु हो गया है दीन / केदारनाथ अग्रवाल
- मित्र नाम है सूर्य का / केदारनाथ अग्रवाल
गोद में बह रही नदी
- टूटी हिम की टेक / केदारनाथ अग्रवाल
- निकल आया है / केदारनाथ अग्रवाल
- तुम पडी हो... / केदारनाथ अग्रवाल
- तुम आ गई... / केदारनाथ अग्रवाल
- लाल हो गया है... / केदारनाथ अग्रवाल
- चली गई है कोई श्यामा / केदारनाथ अग्रवाल
- उसे देखना / केदारनाथ अग्रवाल
- सब कुछ प्राप्य है उसे / केदारनाथ अग्रवाल
- बड़ा दूध का धोया है वह / केदारनाथ अग्रवाल
- बहुत दिन हो गए... / केदारनाथ अग्रवाल
- देख ली मैंने... / केदारनाथ अग्रवाल
- मैं पहाड़ हूँ / केदारनाथ अग्रवाल
- अनर्थ हो गया है... / केदारनाथ अग्रवाल
- जाला लग गया है... / केदारनाथ अग्रवाल
- विकट है यह... / केदारनाथ अग्रवाल
- न आया वह / केदारनाथ अग्रवाल
- पुकार रहे हो क्या तुम / केदारनाथ अग्रवाल
- आलोक की हो गई है / केदारनाथ अग्रवाल
- दर्पण में खड़ी हो तुम / केदारनाथ अग्रवाल
- महाकवि रवीन्द्रनाथ के प्रति / केदारनाथ अग्रवाल
- खजुराहो के मन्दिर / केदारनाथ अग्रवाल