पद काव्य रचना की गेय शैली है। इसका विकाश लोकगीतों की परंपरा से माना जाता है। यह मात्रिक छन्द की श्रेणी में आता है। प्राय: पदों के साथ किसी न किसी राग का निर्देश मिलता है। पद विशेष को सम्बन्धित राग में ही गाया जाता हैा "टेक" इसका विशेष अंग है। हिन्दी साहित्य में पद शैली की दो परम्पराएँ मिलती हैं। एक सन्तों के "सबदों" की दूसरी कृष्णभक्तों की पद-शैली है, जिसका आधार लोकगीतों की शैली होगा।
मध्यकाल में भक्ति भावना की अभिव्यक्ति के लिए पद शैली का प्रयोग हुआ। सूरदास का समस्त काव्य-व्यक्तित्व पद शैली से ही निर्मित है। "सूरसागर" का सम्पूर्ण कवित्वपूर्ण और सजीव भाग पदों में है।
परमानन्ददास, नन्ददास, कृष्णदास, मीरांबाई, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र आदि के पदों में सूर की मार्मिकता मिलती है। तुलसीदास जी ने भी अपनी कूछ रचनाएँ पदशैली में की हैं। वर्तमान में पदशैली का प्रचलन नहीं के चरावर है परन्तु सामान्य जनता और सुशिक्षित जनों में सामान्य रूप से इनका प्रचार और आकर्षण है।
"पद" श्रेणी में पृष्ठ
इस श्रेणी में निम्नलिखित 200 पृष्ठ हैं, कुल पृष्ठ 2,580
(
पिछले 200) (
अगले 200)
प
|
प आगे.
- पिता तीर्थ है, जननि तीर्थ है / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- पिय बड़ सुन्दर सखि / धरनीदास
- पिय-मिलन / नाथूराम शर्मा 'शंकर'
- पिया बिनु कैसे प्रान रहें / स्वामी सनातनदेव
- पिया बिनु बैरिन बयस भई / स्वामी सनातनदेव
- पिया! मेरे प्रानन में रम जाओ / स्वामी सनातनदेव
- पिया! मैं पुनि-पुनि पायँ परूँ / स्वामी सनातनदेव
- पियारे! तुम ही तुम्हरे जोग / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- पुकार सुन लो जरा काली कमली वाले / बिन्दु जी
- पुत्र सुपुत्र वही जो करता नित्य / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- पुत्र-शोक-संतप्त कभी कर / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- पूरी हो सर्वत्र सर्वथा, स्वामी! / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- पूर्ण त्यागमय सर्वसमर्पण का / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- पूर्ण समर्पण हो सदा / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- पूर्णब्रह्मा परात्पर राम / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- पौढ़े पलना बाल-गोपाल / स्वामी सनातनदेव
- प्यारी आउ छात पै निहारि नए कौतुक / ग्वाल
- प्यारी-पग काँटौ चुयौ / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्यारे कान्ह सखा की मीठी / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्यारे हँसो रहो ही हँसते / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्यारे! अद्भुत खेल दिखाया / स्वामी सनातनदेव
- प्यारे! ऐसी का तुम ठानी / स्वामी सनातनदेव
- प्यारे! कहा कहों मैं जीकी / स्वामी सनातनदेव
- प्यारे! कहा कहों मैं मन की / स्वामी सनातनदेव
- प्यारे! जो तुम ठई, भई / स्वामी सनातनदेव
- प्यारे! मन मसोसि रह जाऊँ / स्वामी सनातनदेव
- प्रकट हुईं वृषभानु-राजगृह राधा / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्रकट हुए थे धराधाम में / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्रकृति-जगत के भोग सभी हैं / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्रगट व्है मारग रीत बताई / हरिदास
- प्रगटीं अनूप भूप, भानु-घर दुलारी / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्रगटीं राधा रावल में / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्रगटे अभिराम स्याम रसिक / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्रथम गोचारण चले कन्हाई / परमानंददास
- प्रथम सकल सुचि मज्जन अमल बास / केशवदास
- प्रथम साधना है इसकी-इन्द्रिय / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्रबल प्रेम के पाले पड़कर प्रभु को नियम बदलते देखा / बिन्दु जी
- प्रभु अनन्त आनन्द-सुधा-निधि / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्रभु ई लोकतंत्र उद्धारोॅ / अमरेन्द्र
- प्रभु कब रे मिलोगे / मीराबाई
- प्रभु का रुद्र रूप / नाथूराम शर्मा 'शंकर'
- प्रभु किरपा कीजौ / मीराबाई
- प्रभु की याद दिलाने वाले दुःख / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्रभु गिरधर नागर / मीराबाई
- प्रभु जी तुम चंदन हम पानी / रैदास
- प्रभु जी तुम संगति सरन तिहारी / रैदास
- प्रभु जी हमरौ टिकिट दिलावोॅ / अमरेन्द्र
- प्रभु जी, तोहें भीतरिया छोॅ ज्ञानी / अमरेन्द्र
- प्रभु तव चरन किमि परिहरौं / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्रभु बोले मुसुकाई / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्रभु मेरे प्रीतम प्रान पियारे / नानकदेव
- प्रभु से रहित, विषय-विष-पूरित / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्रभु! तुम अपनो बिरद सँभारौ / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्रभु! तुम अपनौ बिरद सँभारौ / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्रभु! मेरो मन ऐसो ह्वै जावै / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्रभु! मैं नहिं नाव चलावौं / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्रभु! मोहि देउ साँचौ प्रेम / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्रभु, कबरे मिलोगे / मीराबाई
- प्रभु, मेरे औगुन चित न धरौ / सूरदास
- प्रभु, मेरे औगुन न विचारौ / सूरदास
- प्रभु, वैतरणी पार करैय्योॅ / अमरेन्द्र
- प्रभु, हौं सब पतितन कौ राजा / सूरदास
- प्रभु-सेवामें ‘अहं’ समर्पित, केवल प्रभु में / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्रभुका लीला-मञ्च बने / हनुमानप्रसाद पोद्दार
- प्रभुजी ! माया नांच नचावे / शिवदीन राम जोशी
- प्रभुजी! मैं जो चह्यौ न पायो / स्वामी सनातनदेव
- प्रभुजी! लाज तिहारे हाथ / स्वामी सनातनदेव
|
प आगे.
|
(
पिछले 200) (
अगले 200)