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श्रेणी:भजन
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कविता कोश में भजन
"भजन" श्रेणी में पृष्ठ
इस श्रेणी में निम्नलिखित 200 पृष्ठ हैं, कुल पृष्ठ 753
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ज
जब से घनश्याम इस दिल में आने लगे / बिन्दु जी
जब से लगन लगी प्रभु तेरी / भजन
जबते राम नाम मत सानी / संत जूड़ीराम
जबते सतगुरु शबद लखायो / संत जूड़ीराम
जबतें सतगुरु शबद लखायो / संत जूड़ीराम
जमुनाके तीर बन्सरी बजावे कानो / सूरदास
जय जगपति, जय जनपति, रघुकुलपति राम / बिन्दु जी
जय जय गिरिबरराज किसोरी / भजन
जय जय श्री बालमुकुंदा / सूरदास
जय राम रमारमनं शमनं / भजन
जय-जय बिन्दु और ब्रजनंदन / बिन्दु जी
जयजय नारायण ब्रह्मपरायण / सूरदास
जलवा-ए-यार है कहाँ जख्मी दिलो जिगर में है / बिन्दु जी
जाउँ कहाँ तजि चरन तुम / भजन
जागि रे सब रैण बिहाणी / दादू दयाल
जागो नहीं जाग जल भारी / संत जूड़ीराम
जागो पीतम प्यारा लाल / सूरदास
जागो बंसीवारे जागो मोरे ललन / मीराबाई
जागो बंसीवारे ललना / भजन
जागोॅ मुसाफिर / रामधारी सिंह 'काव्यतीर्थ'
जाता कभी स्वभाव न खल का / बिन्दु जी
जान बहार दहार बहो रे / संत जूड़ीराम
जानकी नाथ सहाय करें / भजन
जापे कृपा राम राया की / संत जूड़ीराम
जिधर मैं देखता हूँ मुझको नज़र वो घनश्याम आ रहा है / बिन्दु जी
जिन चिन्हों निज नाम ठिकानो / संत जूड़ीराम
जिनकी मधुर मोहनी शोभा लखि दृग होत निहाल / बिन्दु जी
जिस दर पै ठिकाना है वह दर कभी न ढूँढा / बिन्दु जी
जिस पर ये दिल फ़िदा है दिलदार वो है निराला / बिन्दु जी
जिसकी चितवन का इशारा दिल में है / बिन्दु जी
जिसने घनश्याम तेरे प्रेम का अरमान लिया / बिन्दु जी
जिससे ब्रजमंडल का मन गोपाल मनमोहन में है / बिन्दु जी
जीवन को मैंने सौंप दिया अब सब भार तुम्हारे हाथों में / बिन्दु जी
जीवन में छेलै सखी, घोर काली रात हे / छोटेलाल दास
जेठ आषाढ़ मास आयल / चन्दरदास
जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को / भजन
जो उस साँवले को सदा ढूंढता है / बिन्दु जी
जो करुणाकर तुम्हारा ब्रज में फिर अवतार हो जाए / बिन्दु जी
जो कोई भक्ति किया चहे भाई / धरनीदास
जो तू चाहे कि श्याम को / बिन्दु जी
जो नहिं प्रेम प्याला पिया / बिन्दु जी
जो परपंच रहस माया को / संत जूड़ीराम
जो पे शबद नहीं मन रांचो / संत जूड़ीराम
जो मन-तन विश्राम न पावे / संत जूड़ीराम
जो लगि राम नाम नहिं चीना / संत जूड़ीराम
जो लो मन पाखंड में भूला / संत जूड़ीराम
जो श्याम पर फ़िदा हो / बिन्दु जी
जो सुक सकी पीव अपने में / संत जूड़ीराम
जौ हर नाम-नाम बिन जाने / संत जूड़ीराम
ज्योत से ज्योत जगाते चलो / भजन
झ
झगड़ा परो भरम को भारी / संत जूड़ीराम
झीनी झीनी बीनी चदरिया / कबीर
ठ
ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैंजनियां / भजन
त
तन बहो जात हर नाम बिना / संत जूड़ीराम
तनक हरि चितवौ जी मोरी ओर / मीराबाई
तब हम एक भये रे भाई / दादू दयाल
तबमें जानकीनाथ कहो / सूरदास
तरीका अब निराला अपनी सेवा का दिखाएँगे / बिन्दु जी
तुम तजि और कौन पै जाऊं / भजन
तुम मेरी राखो लाज हरि / भजन
तुम हरहों दीनन के मांही / संत जूड़ीराम
तुमको कमलनयन कबी गलत / सूरदास
तुमने घनश्याम अधीनों को तारा होगा / बिन्दु जी
तुम्हारी कृपा है तो दुश्मन का डर क्या / बिन्दु जी
तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो / भजन
तू प्यार का सागर है / भजन
तू राम भजन कर प्राणी / भजन
त आगे.
तू साँचा साहिब मेरा / दादू दयाल
तू ही बन जा मेरा मांझी / भजन
तूँ हीं मेरे रसना तूँ हीं मेरे बैना / दादू दयाल
तूने किया न हरि का ध्यान जग में जन्म व्यर्थ ही बीता / बिन्दु जी
तूने रात गँवायी / कबीर
तेरा कौन संघाती हरि बिन! / बिन्दु जी
तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार / भजन
तेरी कंचन सी काया पल में ढल जाय / बिन्दु जी
तेरी पार करैगो नैया / भजन
तेरी बन जैहैं गोविन्द / भजन
तेरे अँगना में पियवा ठाढ़ / रामेश्वरदास
तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊं मैं / भजन
तेरो कोई नहिं रोकणहार मगन हो मीरा चली / मीराबाई
तोता मैना प्रश्नोत्तरी / बिन्दु जी
तोर हीरा हिराइल बा किचड़े में / कबीर
तोरा चाहला पर जीयें तेॅ सकै छै / रामधारी सिंह 'काव्यतीर्थ'
तोरा मन दर्पण कहलाये / भजन
तोलने बैठा हूँ मैं आज / बिन्दु जी
तौलगि जिनि मारै तूँ मोहिं / दादू दयाल
द
दरश दिखला दो राजिब नैन / बिन्दु जी
दरशन दीजो आय प्यारे / भजन
दरस म्हारे बेगि दीज्यो जी / मीराबाई
दरसन बिना तरसत मोरी अखियां / सूरदास
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे / भजन
दशा मुझ दीन की भगवन सम्हालोगे तो क्या होगा / बिन्दु जी
दाता राम दिये ही जाता / भजन
दास रघुनाथ का नंदसुत का सखा / बिन्दु जी
दिखा देते हो जब रुख साँवले सरकार थोड़ा-सा / बिन्दु जी
दिन नीके बीते जाते हैं / भजन
दिल कहुं न मिला जग ठगिया है / संत जूड़ीराम
दिल तो प्यारा है मगर दिल से प्यारा तू है / बिन्दु जी
दिवाने मन / कबीर
दीन-हीन मढ़ी ऐलै, सतगुरु मोर हे / छोटेलाल दास
दीन-हीन हम छेलाँ, निपट अनाथ छेलाँ / छोटेलाल दास
दीनबन्धु दीनानाथ, मेरी तन हेरिये / भजन
दुखियों के दुख दूर करे / भजन
दुनिया के परपंचों में हम / ललित किशोरी
दुनिया में दो दिन की जिन्दगी का खेल बा / सतपाल
दूर नगरी बड़ी दूर नगरी / मीराबाई
दूलह राम सीय दुलही री / भजन
दृग तीर तेरे मोहन! जिस दिल को ढूँढते हैं / बिन्दु जी
देख देख एक बाला जोगी / सूरदास
देखे मैं छबी आज अति बिचित्र हरिकी / सूरदास
देखो ऐसो हरी सुभाव / सूरदास
देखो माई हलधर गिरधर जोरी / सूरदास
दो शुभ संगति दीन दयाल / बिन्दु जी
दोऊ जने लेत लतन की ओटें / बिन्दु जी
ध
धर्मों में सबसे बढकर हमनें ये धर्म जाना / बिन्दु जी
धोबिया हो बैराग / कबीर
ध्यान घनश्याम का दीवाना बना देता है / बिन्दु जी
न
न किया जिसने भजन राम का वो नर कैसा / बिन्दु जी
न तो रूप है न तो रंग है / बिन्दु जी
न मैं घनश्याम तुमको दुःख से घबराकर छोडूंगा / बिन्दु जी
न मैं धन चाहूँ, न रतन चाहूँ / भजन
न यज्ञ साधन न तप क्रियाएँ / बिन्दु जी
न शुभ कर्म धर्मादि धारी हूँ भगवन / बिन्दु जी
नंद दुवारे एक जोगी आयो / सूरदास
नंद बाबाजी को छैया / भजन
नक्शा है दिल तस्वीर घनश्याम की / बिन्दु जी
नगर भ्रमिये गुरु करै उपदेशवा / किंकर जी
ननदी गे तैं विषम सोहागिनि / कबीर
नमामि अम्बे दीन वत्सले / भजन
नर तन जतिया, भोर वकतिया / नारायणदास
नवधा भक्ति / भजन
नाच्यो बहुत गोपाल / भजन
नाम जपन क्यों छोड़ दिया / भजन
नाम दिया बिन घट अंदयारो / संत जूड़ीराम
न आगे.
नाम बिना तन कोन काम रे / संत जूड़ीराम
नाम बिना तन जात बहो रे / संत जूड़ीराम
नाम बिना तन जात बहोरे / संत जूड़ीराम
नाम बिना तन विरथा गमायो / संत जूड़ीराम
नाम बिना नहिं मिलत ठिकानो / संत जूड़ीराम
नाम बिना भूलो अस बनरे / संत जूड़ीराम
नारायण जिनके हिरदय में / भजन
नारी दूरत बयाना रतनारे / सूरदास
निरख नाम चित चेत गहो रे / संत जूड़ीराम
निरधनको धनि राम / सूरदास
निर्वाणी आत्म-पद (भजन) / अछूतानन्दजी 'हरिहर'
निसि दिन नाम प्रेम धुन छाई / संत जूड़ीराम
नूर रह्या भरपूर / दादू दयाल
नेक चलो नंदरानी उहां लगी / सूरदास
नेननमें लागि रहै गोपाळ / सूरदास
नैन हीन को राह दिखा प्रभु / भजन
नैया पड़ी मंझधार / कबीर
नैया पड़ी मंझधार गुरु बिन कैसे लागे पार / भजन
नैय्या जीवन के डोलै छै डगमग / रामधारी सिंह 'काव्यतीर्थ'
प
पंडित राम मिलै सो कीजै / दादू दयाल
पढ़ो पोथी में राम लिखो तख्ती पे राम / भजन
पतझड़ न खिज़ां है न गर्द ओ गुबार है / बिन्दु जी
पर प्रेम की इस दिल में लगी घात न होती / बिन्दु जी
परसत पद पावन / भजन
पहले गवन पिया लवले / धनी धरमदास
पाँच ही तत्त के लागल हटिया / कबीर
पाई न केहिं गति / भजन
पात भरी सहरी / भजन
पानी में मीन प्यासी / मीराबाई
पाप लाखों के जो तू हर गया बंशी वाले / बिन्दु जी
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो / भजन
पावस रितु असरेस रात / रामधारी सिंह 'काव्यतीर्थ'
पितु मातु सहायक स्वामी / भजन
पिया मोर बसै गउरगढ़ मैं बसौं प्राग हों / धरनीदास
पियाजू के पास अगम गति पाई / संत जूड़ीराम
पीव बिना जब जीव गमायो / संत जूड़ीराम
पुकार सुन लो जरा काली कमली वाले / बिन्दु जी
पुनि पुनि सीय गोद करि लेहीं / भजन
पूरब के देश छोड़ो, उत्तर के देश चलो / छोटेलाल दास
पोखर के पानी जैसे, दिन-दिन सूखै भाई / छोटेलाल दास
प्यारे दरसन दीज्यो आय तुम बिन रह्यो न जाय / मीराबाई
प्यारे! जरा तो मन में / भजन
प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर / भजन
प्रबल प्रेम के पाले पड़कर प्रभु को नियम बदलते देखा / बिन्दु जी
प्रभु को बिसार / भजन
प्रभु हम पे कृपा करना / भजन
प्रभुजी अब जनि मोंहि बिसारो / धरनीदास
प्रभुजी तोकह लाज हमारी / धरनीदास
प्रभुजी मैं अरज करुं छूं म्हारो बेड़ो लगाज्यो पार / मीराबाई
प्रभो अपने दरबार से अब न टालो / बिन्दु जी
प्रभो दो वही पीड़ामय प्यार / बिन्दु जी
प्रभो मुझको सेवक बनाना पड़ेगा / बिन्दु जी
प्रात पुनीत काल प्रभु जागे / भजन
प्रेम के समान जग, किछुओ न होवे भाई / छोटेलाल दास
प्रेम मुदित मन से कहो राम राम राम / भजन
प्रेम ही है अपना सिद्धांत / बिन्दु जी
फ
फुलनको महल फुलनकी सज्या / सूरदास
फूल एक फूलेला बलमजी के देसवाँ / शिवनारायण
फूलन सेजिया लगावल / धनी धरमदास
ब
बंशी बजाके श्यामने / भजन
बंसी वाले क्यों नहीं आते हमारी आह पर / बिन्दु जी
बंसी वाले हमारी खबर लेना / बिन्दु जी
बंसीवारा आज्यो म्हारे देस, सांवरी सुरत वारी बेस / मीराबाई
बटाऊ रे चलना आज कि काल / दादू दयाल
बड़ा नटखट है रे / भजन
बड़ी रे विपतिया रे हंसा, नहिरा गँवाइल रे / कबीर
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