भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कविता कोश मुखपृष्ठ

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
कविता कोश / गद्य कोश
भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
भारतीय काव्य का सबसे विशाल ऑनलाइन संकलन
कोश में कुल पन्ने: 1,56,612
सभी लोगों का मिला-जुला स्वयंसेवी प्रयास!... जय स्वयंसेवा!
अन्य विभागों के लिए पर क्लिक कर मेन्यू खोलें
रचनाकारों की सूची
रेखांकित रचना
खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार

रचनाकार: त्रिलोचन

खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार अपरिचित पास आओ

आँखों में सशंक जिज्ञासा मिक्ति कहाँ, है अभी कुहासा जहाँ खड़े हैं, पाँव जड़े हैं स्तम्भ शेष भय की परिभाषा हिलो-मिलो फिर एक डाल के खिलो फूल-से, मत अलगाओ

सबमें अपनेपन की माया अपने पन में जीवन आया

हज़ारों प्रशंसक

कविता कोश समाचार

Kavita Kosh